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बेलगाम कोरोना: सभी दफ्तरों में कोविड हेल्प डेस्क स्थापित करने के निर्देश - chief secretary rajendra tiwari

प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर दिन दो लाख जांच करने के निर्देश दिए हैं. वहीं सीएम योगी ने कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए प्रभावी रणनीति बनाने को कहा है, जिसको ध्यान में रखते हुए शासन स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर तक के सभी कार्यालयों में कोविड हेल्प डेस्क स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं.

कोविड हेल्प डेस्क
कोविड हेल्प डेस्क
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Published : Apr 9, 2021, 5:14 PM IST

लखनऊ: यूपी में कोरोना वायरस बेलगाम हो गया है. एकाएक मरीजों की संख्या बढ़ने से राज्य सरकार चिंतित है. बढ़ते कोराना संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने शासन स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर तक के सभी कार्यालयों में कोविड हेल्प डेस्क स्थापित करने के निर्देश दिए हैं.

संक्रमण का खतरा बढ़ने से हेल्प डेस्क की जरूरत
मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि कोविड-19 का संक्रमण पुनः तीव्र गति से बढ़ रहा है. इसलिए यह आवश्यक हो गया है कि कोविड-19 संक्रमण से बचाव हेतु समुचित व्यवस्था की जाए. इसी को ध्यान में रखकर कार्यालयों में कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना एवं क्रियान्वयन के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं. सरकार के अधीनस्थ सभी विभागों एवं उससे सम्बद्ध संस्थाओं के प्रत्येक स्तर के ऐसे कार्यालयों में जहां काफी संख्या में कर्मचारियों एवं जनता का आना-जाना है, वहां कोविड हेल्प डेस्क स्थापित किया जाएगा.

कोविड हेल्प डेस्क पर शिफ्ट में लगेगी ड्यूटी
कोविड हेल्प डेस्क पर कोविड से बचाव के लिए अपनाए जाने वाले व्यवहार और हेल्पलाइन से सम्बन्धित पोस्टर लगाया जाएगा. कोविड हेल्प डेस्क पर एक कर्मचारी की रोस्टर के आधार पर दो सप्ताह के लिए तैनाती की जाएगी. दो सप्ताह की अवधि पूर्ण होने पर दूसरे कर्मचारी को तैनात किया जाएगा. हेल्प डेस्क पर तैनात किए जाने वाले कर्मचारियों को कोविड-19 के लिए अपेक्षित सामान्य जानकारी से अवगत कराया जाएगा.

हेल्प डेस्क पर यह होंगी व्यवस्थाएं
कोविड हेल्प डेस्क पर तैनात कर्मचारी के द्वारा नियमित रूप से मास्क एवं ग्लब्स पहना जाएगा. आगंतुकों से सम्पर्क करते समय न्यूनतम दो गज की दूरी बनाए रखने की व्यवस्था की जाएगी. कोविड हेल्प डेस्क पर सैनिटाइजर, थर्मल स्कैनर एवं पल्स आक्सीमीटर की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी. लक्षणात्मक लोगों के ऑक्सीजन सेचुरेशन की जांच पल्स ऑक्सीमीटर से की जाएगी. संबंधित कर्मी को आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाएगा. ऑक्सीजन की रीडिंग 94 प्रतिशत से कम आने पर प्रकरण मुख्य चिकित्साधिकारी, निकटस्थ सीएचसी, जिला चिकित्सालय को सन्दर्भित किया जाएगा. प्रत्येक प्रयोग के पश्चात पल्स आक्सीमीटर को हाइड्रोजन पराक्साइड से सैनिटाइज किया जाएगा. कोविड हेल्प डेस्क द्वारा सभी कर्मचारियों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने एवं इसका सक्रिय उपयोग करने को प्रेरित किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें:- कोरोना का कहर: 4 जिलों में 50 फीसदी कर्मचारी ही दफ्तर में करेंगे काम

तम्बाकू के उपयोग पर लगेगी रोक
कार्यालयाध्यक्ष एवं कोविड हेल्प डेस्क की तरफ यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि कार्यालय परिक्षेत्र में तम्बाकू उत्पादों को प्रयोग न किया जाए. यदि कोई कर्मचारी खांसी, बुखार, सांस लेने में परेशानी, गले में खराश से पीड़ित है तो ऐसा कर्मचारी ड्यूटी पर न आएं. कोविड हेल्प डेस्क के द्वारा स्क्रीनिंग के दौरान चिन्हित खांसी, बुखार, सांस लेने में परेशानी, गले में खराश से पीड़ित व्यक्तियों की सूचना तत्काल स्वास्थ्य विभाग के राज्य टोल फ्री नम्बर 1800-180-5145 या जिला कंट्रोल रूम को दी जाएगी.

कड़ाई से हो पालन
मुख्य सचिव ने इस सम्बंध में सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव एवं समस्त मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारी, समस्त मुख्य चिकित्साधिकारी एवं अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि उक्त दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए.

लखनऊ: यूपी में कोरोना वायरस बेलगाम हो गया है. एकाएक मरीजों की संख्या बढ़ने से राज्य सरकार चिंतित है. बढ़ते कोराना संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने शासन स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर तक के सभी कार्यालयों में कोविड हेल्प डेस्क स्थापित करने के निर्देश दिए हैं.

संक्रमण का खतरा बढ़ने से हेल्प डेस्क की जरूरत
मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि कोविड-19 का संक्रमण पुनः तीव्र गति से बढ़ रहा है. इसलिए यह आवश्यक हो गया है कि कोविड-19 संक्रमण से बचाव हेतु समुचित व्यवस्था की जाए. इसी को ध्यान में रखकर कार्यालयों में कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना एवं क्रियान्वयन के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं. सरकार के अधीनस्थ सभी विभागों एवं उससे सम्बद्ध संस्थाओं के प्रत्येक स्तर के ऐसे कार्यालयों में जहां काफी संख्या में कर्मचारियों एवं जनता का आना-जाना है, वहां कोविड हेल्प डेस्क स्थापित किया जाएगा.

कोविड हेल्प डेस्क पर शिफ्ट में लगेगी ड्यूटी
कोविड हेल्प डेस्क पर कोविड से बचाव के लिए अपनाए जाने वाले व्यवहार और हेल्पलाइन से सम्बन्धित पोस्टर लगाया जाएगा. कोविड हेल्प डेस्क पर एक कर्मचारी की रोस्टर के आधार पर दो सप्ताह के लिए तैनाती की जाएगी. दो सप्ताह की अवधि पूर्ण होने पर दूसरे कर्मचारी को तैनात किया जाएगा. हेल्प डेस्क पर तैनात किए जाने वाले कर्मचारियों को कोविड-19 के लिए अपेक्षित सामान्य जानकारी से अवगत कराया जाएगा.

हेल्प डेस्क पर यह होंगी व्यवस्थाएं
कोविड हेल्प डेस्क पर तैनात कर्मचारी के द्वारा नियमित रूप से मास्क एवं ग्लब्स पहना जाएगा. आगंतुकों से सम्पर्क करते समय न्यूनतम दो गज की दूरी बनाए रखने की व्यवस्था की जाएगी. कोविड हेल्प डेस्क पर सैनिटाइजर, थर्मल स्कैनर एवं पल्स आक्सीमीटर की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी. लक्षणात्मक लोगों के ऑक्सीजन सेचुरेशन की जांच पल्स ऑक्सीमीटर से की जाएगी. संबंधित कर्मी को आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाएगा. ऑक्सीजन की रीडिंग 94 प्रतिशत से कम आने पर प्रकरण मुख्य चिकित्साधिकारी, निकटस्थ सीएचसी, जिला चिकित्सालय को सन्दर्भित किया जाएगा. प्रत्येक प्रयोग के पश्चात पल्स आक्सीमीटर को हाइड्रोजन पराक्साइड से सैनिटाइज किया जाएगा. कोविड हेल्प डेस्क द्वारा सभी कर्मचारियों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने एवं इसका सक्रिय उपयोग करने को प्रेरित किया जाएगा.

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तम्बाकू के उपयोग पर लगेगी रोक
कार्यालयाध्यक्ष एवं कोविड हेल्प डेस्क की तरफ यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि कार्यालय परिक्षेत्र में तम्बाकू उत्पादों को प्रयोग न किया जाए. यदि कोई कर्मचारी खांसी, बुखार, सांस लेने में परेशानी, गले में खराश से पीड़ित है तो ऐसा कर्मचारी ड्यूटी पर न आएं. कोविड हेल्प डेस्क के द्वारा स्क्रीनिंग के दौरान चिन्हित खांसी, बुखार, सांस लेने में परेशानी, गले में खराश से पीड़ित व्यक्तियों की सूचना तत्काल स्वास्थ्य विभाग के राज्य टोल फ्री नम्बर 1800-180-5145 या जिला कंट्रोल रूम को दी जाएगी.

कड़ाई से हो पालन
मुख्य सचिव ने इस सम्बंध में सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव एवं समस्त मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारी, समस्त मुख्य चिकित्साधिकारी एवं अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि उक्त दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए.

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