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विभाग मनरेगा से कराएं कार्य: मुख्य सचिव

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Published : Jul 8, 2020, 3:25 PM IST

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने समीक्षा बैठक में मनरेगा के तहत अधिकतम विभागों को कार्य कराने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने प्रदेश में चल रहे कार्यों की समीक्षा भी की.

लखनऊ
मुख्य सचिव ने की बैठक

लखनऊ: मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने लोकभवन में समीक्षा बैठक की. इस बैठक में मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने निर्देश दिए कि कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में लघु सिंचाई, वन, सिंचाई, लोक निर्माण, कृषि, उद्यान, मत्स्य, रेशम पंचायतीराज और आईडब्ल्यूएमपी विभागों के मनरेगा के अन्तर्गत अधिकाधिक रोजगार सृजन के प्रयास सुनिश्चित किए जाएं.

मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि कृषि विभाग की ओर से गोवंश आश्रय स्थलों में पशुओं के लिए तालाब निर्माण, घास रोपण (नेपियर, वेटिवर), मेड़बंदी का कार्य कराया जाए. उन्होंने पशुपालन विभाग को गोवंश आश्रय स्थलों में पशुओं के तालाब निर्माण, चारागाह विकास, भूमि समतलीकरण, पशु शेड (बकरी आश्रय, पोल्ट्री आश्रय, सुकर आश्रय) की व्यवस्था के लिए कार्य कराने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि पंचायती राज विभाग की ओर से पंचायत भवन, सामुदायिक शौचालयों के निर्माण के साथ निराश्रित गोवंश आश्रय स्थलों के लिए पराली सम्बन्धित परियोजनाओं को भी मनरेगा के अन्तर्गत शामिल किया जाए.

मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में रेशम के उत्पादन को बढ़ाते हुए रेशम के आयात में कमी लाई जाए. रेशम विभाग की ओर से अधिकाधिक परियोजनाओं को शामिल करते हुए रेशम के उत्पादन के लिए अर्जुन और शहतूत के पौधों का रोपण किया जाए. साथ ही चाइना से आने वाले रेशम के विकल्प सृजित किए जाएं. उन्होंने कहा कि उद्यान व वन विभाग की ओर से नमामि गंगे के अंतर्गत गंगा नर्सरी के कार्य को भी प्रस्ताव में शामिल किया जाए. उद्यान विभाग की ओर से मुख्यमंत्री फलोद्यान योजना के अन्तर्गत अधिकाधिक व्यक्तिगत लाभार्थियों का चयन किया जाए. उन्होंने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि लक्ष्य प्राप्ति के लिए चिह्नित परियोजनाओं को शीघ्र प्रारम्भ कराया जाए.

इसके साथ ही लघु सिंचाई विभाग की ओर से अवगत कराया गया कि प्रदेश में कुल 5500 चेक डैम हैं. इसमें बुन्देलखण्ड क्षेत्र में 2750 चेकडैम के सापेक्ष 780 चेकडैमों को मनरेगा योजनान्तर्गत चिह्नित किया गया है. इस पर मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि सभी चेकडैमों में वर्षा के पश्चात सिल्ट सफाई का कार्य कराया जाए. सिंचाई विभाग की ओर से नहरों की पटरियों का सुदृढ़ीकरण कराया जाए. साथ ही सुदृढ़ीकरण के लिए चिह्नित पटरियों की लम्बाई का चिह्नांकन भी कर लिया जाए.

कृषि विभाग की ओर से बताया गया कि प्राकृतिक संसाधन प्रबन्धन के अन्तर्गत वाटर शेड संबंधी कार्यों के लिए मेड़बंदी का कार्य कराए जाने के निर्देश निर्गत कर दिए गए हैं. इसके साथ ही मुख्यमंत्री कृषक वृक्षधन, मुख्यमंत्री फलोद्यान, मुख्यमंत्री सामुदायिक वानिकी योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है. वर्तमान में कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में कन्वर्जेन्स विभागों जैसे- लघु सिंचाई, वन, सिंचाई, लोक निर्माण, कृषि, उद्यान, मत्स्य, रेशम पंचायतीराज और आईडब्ल्यूएमपी विभागों के लिए 4050.00 करोड़ धनराशि श्रमांश में व्यय किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

लखनऊ: मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने लोकभवन में समीक्षा बैठक की. इस बैठक में मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने निर्देश दिए कि कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में लघु सिंचाई, वन, सिंचाई, लोक निर्माण, कृषि, उद्यान, मत्स्य, रेशम पंचायतीराज और आईडब्ल्यूएमपी विभागों के मनरेगा के अन्तर्गत अधिकाधिक रोजगार सृजन के प्रयास सुनिश्चित किए जाएं.

मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि कृषि विभाग की ओर से गोवंश आश्रय स्थलों में पशुओं के लिए तालाब निर्माण, घास रोपण (नेपियर, वेटिवर), मेड़बंदी का कार्य कराया जाए. उन्होंने पशुपालन विभाग को गोवंश आश्रय स्थलों में पशुओं के तालाब निर्माण, चारागाह विकास, भूमि समतलीकरण, पशु शेड (बकरी आश्रय, पोल्ट्री आश्रय, सुकर आश्रय) की व्यवस्था के लिए कार्य कराने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि पंचायती राज विभाग की ओर से पंचायत भवन, सामुदायिक शौचालयों के निर्माण के साथ निराश्रित गोवंश आश्रय स्थलों के लिए पराली सम्बन्धित परियोजनाओं को भी मनरेगा के अन्तर्गत शामिल किया जाए.

मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में रेशम के उत्पादन को बढ़ाते हुए रेशम के आयात में कमी लाई जाए. रेशम विभाग की ओर से अधिकाधिक परियोजनाओं को शामिल करते हुए रेशम के उत्पादन के लिए अर्जुन और शहतूत के पौधों का रोपण किया जाए. साथ ही चाइना से आने वाले रेशम के विकल्प सृजित किए जाएं. उन्होंने कहा कि उद्यान व वन विभाग की ओर से नमामि गंगे के अंतर्गत गंगा नर्सरी के कार्य को भी प्रस्ताव में शामिल किया जाए. उद्यान विभाग की ओर से मुख्यमंत्री फलोद्यान योजना के अन्तर्गत अधिकाधिक व्यक्तिगत लाभार्थियों का चयन किया जाए. उन्होंने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि लक्ष्य प्राप्ति के लिए चिह्नित परियोजनाओं को शीघ्र प्रारम्भ कराया जाए.

इसके साथ ही लघु सिंचाई विभाग की ओर से अवगत कराया गया कि प्रदेश में कुल 5500 चेक डैम हैं. इसमें बुन्देलखण्ड क्षेत्र में 2750 चेकडैम के सापेक्ष 780 चेकडैमों को मनरेगा योजनान्तर्गत चिह्नित किया गया है. इस पर मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि सभी चेकडैमों में वर्षा के पश्चात सिल्ट सफाई का कार्य कराया जाए. सिंचाई विभाग की ओर से नहरों की पटरियों का सुदृढ़ीकरण कराया जाए. साथ ही सुदृढ़ीकरण के लिए चिह्नित पटरियों की लम्बाई का चिह्नांकन भी कर लिया जाए.

कृषि विभाग की ओर से बताया गया कि प्राकृतिक संसाधन प्रबन्धन के अन्तर्गत वाटर शेड संबंधी कार्यों के लिए मेड़बंदी का कार्य कराए जाने के निर्देश निर्गत कर दिए गए हैं. इसके साथ ही मुख्यमंत्री कृषक वृक्षधन, मुख्यमंत्री फलोद्यान, मुख्यमंत्री सामुदायिक वानिकी योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है. वर्तमान में कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में कन्वर्जेन्स विभागों जैसे- लघु सिंचाई, वन, सिंचाई, लोक निर्माण, कृषि, उद्यान, मत्स्य, रेशम पंचायतीराज और आईडब्ल्यूएमपी विभागों के लिए 4050.00 करोड़ धनराशि श्रमांश में व्यय किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

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