लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने निर्देश दिए हैं कि कोविड-19 के संकट के दौरान खुद की देखभाल और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा बताये गए उपायों का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए. उन्होंने जारी आदेश में कहा है कि वर्तमान में कोविड-19 वैश्विक महामारी का प्रकोप है. इस महामारी की कोई दवा अभी तक नहीं बनी है, ऐसे में शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक प्रणाली की भूमिका महत्वपूर्ण है.
मुख्य सचिव ने यह निर्देश सभी मण्डलायुक्तों और जिलाधिकारियों को पत्र के माध्यम से निर्गत कर दिये हैं. उन्होंने पत्र में लिखा कि आयु और स्वास्थ्य से जुड़ा विज्ञान होने के साथ ही आयुर्वेद प्राकृतिक साधनों के प्रयोग पर बल देता है. रोगों से बचाव का आयुर्वेदिक पक्ष मुख्यतः दिनचर्या और ऋतुचर्या पर आधारित है. आयुर्वेद शास्त्रों में वर्णित सरल उपायों से व्यक्ति अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकता है.
आयुष मंत्रालय ने बताया कैसे करें खुद की देखभाल और बढाएं रोग प्रतिरोधनक क्षमता:
क) सामान्य उपाय
- पूरे दिन केवल गरम पानी पियें.
- आयुष मंत्रालय की सलाह के अनुसार प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट योगासन, प्राणायाम और ध्यान करें.
- हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुन आदि मसालों का भोजन बनाने में प्रयोग करें.
(ख) रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु आयुर्वेदिक उपाय
- च्यवनप्राश 10 ग्राम (एक चम्मच) सुबह लें. मधुमेह के रोगी शुगर फ्री च्यवनप्राश लें.
- तुलसी, दालचीनी, कालीमिर्च, सोंठ (सूखी अदरख) और मुनक्का से बनी हर्बल टी/काढ़ा दिन में एक से दो बार पियें. स्वादानुसार इसमें गुड़ या ताजा नींबू मिला सकते हैं.
- गोल्डन मिल्क-150 मि.ली. गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी चूर्ण दिन में एक से दो बार लें.
(ग) सामान्य आयुर्वेदिक उपाय
- नस्य-सुबह और शाम तिल/नारियल का तेल या घी नाक के दोनों छिद्रों में लगायें.
- कवल-1 चम्मच तिल/नारियल तेल को लेकर दो से तीन मिनट तक मुंह में घुमाएं. उसके बाद थूंक दें, फिर गरम पानी से कुल्ला करें. ऐसा दिन में एक से दो बार करें.
(घ) खांसी/गले में खरास के लिये
- दिन में एक बार कम से कम पुदीने के पत्ते/अजवाइन डालकर पानी की भाप लें.
- खांसी या गले में खरास होने पर लौंग के चूर्ण में गुड़ या शहद मिलाकर दिन में दो या तीन बार लें.
- ये उपाय सामान्य सूखी खांसी के लिये लाभदायक है फिर भी अगर लक्षण बने रहते हैं, तो डाक्टर से परामर्श लें.