लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विकास प्राधिकरणों और उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद की 'ईज ऑफ लिविंग' में महत्वपूर्ण भूमिका है. यह संस्थाएं इसके लिए ठोस कार्य योजना तैयार कर लागू करें. विकास प्राधिकरण, आवास एवं विकास परिषद को नगर निगम और स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर कार्य करना चाहिए. प्राधिकरण तथा आवास विकास परिषद अपनी प्रक्रिया को सरल एवं पारदर्शी बनाएं. इसके लिए व्यापक तौर पर तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाए. इससे इन संस्थाओं के प्रति आम जनमानस में भरोसा बढ़ेगा.
सीएम ने मण्डलायुक्तों को दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने सभी मण्डलायुक्तों को निर्देश दिए कि वह अपने कार्यक्षेत्र से संबंधित विकास प्राधिकरणों, आवास विकास परिषदों, स्मार्ट सिटी के कार्यों तथा मण्डल के अन्तर्गत नगर निकायों में अमृत योजना के कार्यों की समीक्षा कर रिपोर्ट एक सप्ताह के अन्दर मुख्यमंत्री कार्यालय एवं प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन को उपलब्ध कराएं. इस रिपोर्ट तथा अन्य फीडबैक के आधार पर मुख्यमंत्री शीघ्र ही इन संस्थाओं के कार्यों और प्रगति की विस्तृत समीक्षा करेंगे.
ऑनलाइन नक्शे में देरी पर अधिकारी होंगे दंडित
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने ऑनलाइन नक्शों को सात दिन में स्वीकृत करने की व्यवस्था बनायी है. विभिन्न विकास प्राधिकरणों में निर्धारित अवधि से अधिक समय से ऑनलाइन नक्शों की स्वीकृति लम्बित है. उन्होंने प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन को निर्देश दिए कि निर्धारित अवधि से अधिक समय से ऑनलाइन नक्शों के लम्बित मामलों की समीक्षा की जाए. शिथिलता के लिए सम्बन्धित अधिकारी/कर्मचारी की जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए सख्त कार्रवाई की जाए.
एकमुश्त समाधान योजना की हर दिन हो समीक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि एकमुश्त समाधान योजना के तहत आवेदनों का निस्तारण किया जाए. योजना को सफल बनाने के लिए समाधान योजना की प्रतिदिन समीक्षा करते हुए जवाबदेही भी सुनिश्चित की जाए. उन्होंने कहा कि विकास प्राधिकरण तथा आवास एवं विकास परिषद द्वारा अफोर्डेबल हाउसिंग के अन्तर्गत बड़ा योगदान किया जा सकता है. इसे प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के कार्यों को विशेष रुचि लेकर तेजी से आगे बढ़ाया जाए.
लाइट मेट्रो या मोनो रेल पर भी हो विचार
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था को बेहतर करने के लिए हर सम्भव कदम उठाए जाने चाहिए. इसके लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट के वैकल्पिक साधनों में लाइट मेट्रो, मोनो रेल अथवा इस क्षेत्र में दुनिया की अन्य बेस्ट प्रैक्टिसेज की जांच-परख कर अपनाए जाने की दिशा में कार्य किया जाना चाहिए. सीएम ने कहा कि भारत सरकार ने प्रत्येक राज्य को अपने एक शहर को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने के लिए कहा है. अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने के सम्बन्ध में प्लानिंग की जाए.
अनियोजित शहरीकरण को रोकने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनियोजित शहरीकरण को रोका जाना आवश्यक है. इसके लिए सभी जिम्मेदार संस्थाएं समन्वित रूप से शहरी क्षेत्रों की प्लानिंग करें. प्लानिंग के लिए विशेषज्ञों की सहायता ली जानी चाहिए. उन्होंने विकास प्राधिकरण तथा आवास एवं विकास परिषद को लैण्ड पूलिंग की दिशा में तत्काल और तत्परता से कार्य करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि विकास प्राधिकरणों के क्षेत्र में अवैध निर्माण की सूची तैयार कर शासन से अनुमति लेकर कार्रवाई की जाए. निजी कोलोनाइजर्स के किए गए विकास में सड़क, ड्रेनेज, पार्क, स्वच्छ पेयजल, विद्युत, स्ट्रीट लाइट, कूड़ा प्रबन्धन आदि बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था होनी चाहिए.
एकीकृत मंडलीय कार्यालय बनेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गोरखपुर एवं वाराणसी मण्डल के एकीकृत मण्डलीय कार्यालय भवनों का निर्माण कराया जा रहा है. इन भवनों के निर्माण का कार्य सम्बन्धित विकास प्राधिकरणों को दिया गया है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सभी मण्डलों में एकीकृत मण्डलीय कार्यालय भवन बनाए जाने हैं. इसके बाद जिला स्तर पर भी एकीकृत जनपदीय कार्यालय भवन बनाए जाएंगे. विकास प्राधिकरण इस सम्बन्ध में तैयारी कर लें. इस अवसर पर मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन दीपक कुमार, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे.