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योग भारतीय ऋषियों की आध्यात्मिक परंपरा का प्रसाद है: CM योगी - international yoga day 2020

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सीएम योगी ने ट्वीट करके सभी को शुभकामनाएं दी. सीएम ने कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर सभी से घर पर ही रहकर योग करने के लिए कहा है. सीएम ने कहा कि आदरणीय पीएम मोदी के नेतृत्व में पूरी विश्व भारत के साथ आत्मीय संवाद कर रहा है.

सीएम योगी
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Published : Jun 21, 2020, 8:25 AM IST

लखनऊ: रविवार 21 जून को देशभर में 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' मनाया जा रहा है. योग दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन भी दिया. वहीं योग दिवस पर सीएम योगी ने सभी को 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि योग भारतीय ऋषियों की आध्यात्मिक परंपरा का प्रसाद है. सीएम ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में पूरा विश्व भारत के साथ आत्मीय संवाद कर रहा है.

  • न तस्य रोगो न जरा न मृत्यु: प्राप्तस्य योगाग्निमयं शरीरम्‌।
    -श्वेताश्वतरोपनिषद

    योग,प्राचीन भारतीय ऋषियों की आध्यात्मिक परंपरा का प्रसाद है।

    आदरणीय PM श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में पूरा विश्व भारत के साथ आत्मीय संवाद कर रहा है।

    अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की सबको शुभकामनाएं! pic.twitter.com/lIuStYnYJC

    — Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 21, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

योग जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाता है
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सीएम योगी ने ट्वीट करते हुए कहा कि योग हमारे जीवन के जुड़े भौतिक, मानसिक, आत्मिक, आध्यात्मिक आदि सभी पहलुओं पर काम कर जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाता है. सीएम ने कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर सभी से घर पर ही रहकर योग करने के लिए कहा है.

ये है योग का इतिहास
योग भारतीय ज्ञान की पांच हजार वर्ष पुरानी शैली है. हालांकि कई लोग योग को केवल शारीरिक व्यायाम ही मानते हैं. जहां लोग शरीर को मोड़ते, मरोड़ते, खींचते हैं और श्वास लेने के जटिल तरीके अपनाते हैं. यह वास्तव में केवल मनुष्य के मन और आत्मा की अनंत क्षमता का खुलासा करने वाले इस गहन विज्ञान के सबसे सतही पहलू हैं. योग का अर्थ इन सब से कहीं विशाल है. दरअसल, योग विज्ञान में जीवन शैली का पूर्ण सार आत्मसात किया गया है.

  • योग हमारे जीवन से जुड़े भौतिक,मानसिक,आत्मिक,आध्यात्मिक आदि सभी पहलुओं पर काम कर जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाता है।

    शिवावतारी महायोगी गुरु श्री गोरक्षनाथ जी ने सर्वजन हेतु योग को सुलभ बनाया।

    इस वर्ष 'योग एट होम' की संकल्पना के साथ सभी को 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' की शुभकामनाएं।

    — Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 21, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

माना जाता है कि जब मानव सभ्यता की शुरुआत हुई थी तब से ही योग की प्रथा चली आ रही है. विद्वानों का मानना है कि योग की उत्पत्ति आज से हजारों वर्षों पूर्व हुई थी. हम भगवान शिव को प्रथम योगी या आदियोगी या फिर उन्हें प्रथम आदि गुरु मानते हैं. हमें अपने पूर्वजों से यह मालूम है कि भगवान शिव ही आदियोगी हैं. उन्होंने ही सर्वप्रथम योग साधना की थी.

लखनऊ: रविवार 21 जून को देशभर में 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' मनाया जा रहा है. योग दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन भी दिया. वहीं योग दिवस पर सीएम योगी ने सभी को 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि योग भारतीय ऋषियों की आध्यात्मिक परंपरा का प्रसाद है. सीएम ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में पूरा विश्व भारत के साथ आत्मीय संवाद कर रहा है.

  • न तस्य रोगो न जरा न मृत्यु: प्राप्तस्य योगाग्निमयं शरीरम्‌।
    -श्वेताश्वतरोपनिषद

    योग,प्राचीन भारतीय ऋषियों की आध्यात्मिक परंपरा का प्रसाद है।

    आदरणीय PM श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में पूरा विश्व भारत के साथ आत्मीय संवाद कर रहा है।

    अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की सबको शुभकामनाएं! pic.twitter.com/lIuStYnYJC

    — Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 21, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

योग जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाता है
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सीएम योगी ने ट्वीट करते हुए कहा कि योग हमारे जीवन के जुड़े भौतिक, मानसिक, आत्मिक, आध्यात्मिक आदि सभी पहलुओं पर काम कर जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाता है. सीएम ने कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर सभी से घर पर ही रहकर योग करने के लिए कहा है.

ये है योग का इतिहास
योग भारतीय ज्ञान की पांच हजार वर्ष पुरानी शैली है. हालांकि कई लोग योग को केवल शारीरिक व्यायाम ही मानते हैं. जहां लोग शरीर को मोड़ते, मरोड़ते, खींचते हैं और श्वास लेने के जटिल तरीके अपनाते हैं. यह वास्तव में केवल मनुष्य के मन और आत्मा की अनंत क्षमता का खुलासा करने वाले इस गहन विज्ञान के सबसे सतही पहलू हैं. योग का अर्थ इन सब से कहीं विशाल है. दरअसल, योग विज्ञान में जीवन शैली का पूर्ण सार आत्मसात किया गया है.

  • योग हमारे जीवन से जुड़े भौतिक,मानसिक,आत्मिक,आध्यात्मिक आदि सभी पहलुओं पर काम कर जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाता है।

    शिवावतारी महायोगी गुरु श्री गोरक्षनाथ जी ने सर्वजन हेतु योग को सुलभ बनाया।

    इस वर्ष 'योग एट होम' की संकल्पना के साथ सभी को 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' की शुभकामनाएं।

    — Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 21, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

माना जाता है कि जब मानव सभ्यता की शुरुआत हुई थी तब से ही योग की प्रथा चली आ रही है. विद्वानों का मानना है कि योग की उत्पत्ति आज से हजारों वर्षों पूर्व हुई थी. हम भगवान शिव को प्रथम योगी या आदियोगी या फिर उन्हें प्रथम आदि गुरु मानते हैं. हमें अपने पूर्वजों से यह मालूम है कि भगवान शिव ही आदियोगी हैं. उन्होंने ही सर्वप्रथम योग साधना की थी.

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