लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभागीय समीक्षा के दौरान कहा कि प्रदेश सरकार ने उद्योगों के लिये नीति का सरलीकरण किया है. आवश्यकता इस बात की है कि निवेशकों को सभी सुविधाएं सुलभ कराई जाएं. उद्योगों की स्थापना के लिये उनको अधिक से अधिक प्रोत्साहन दिया जाए.
मुख्यमंत्री मंगलवार को यहां अपने सरकारी आवास पर बैठक में विभिन्न विभागों के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि राज्य के विकास में औद्योगिक निवेश का विशेष महत्व है. इससे जहां एक तरफ विकास होता है तो दूसरी तरफ लोगों को रोजगार भी मिलता है. प्रदेश में उद्योगों की स्थापना के लिये अधिकारी पूरी रुचि लेकर कार्य करें. किसी भी स्तर पर लापरवाही एवं ढिलाई नहीं होनी चाहिए.
धान खरीद में लापरवाही बर्दाश्त नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि धान क्रय केंद्रों पर किसानों को सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं. उनका भुगतान समय से कर दिया जाए. उन्होंने कहा कि प्रगतिशील किसान भी आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. इसलिए उन्हें प्रगतिशील खेती के लिये प्रेरित किया जाए. सीएम योगी धान खरीद को लेकर अधिकारियों को पहले भी निर्देश दे चुके हैं. सीएम योगी ने यह भी कहा है कि जिन जिलों से ज्यादा शिकायतें आ रही हैं, वहां के जिम्मेदार अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा जाए.
गो आश्रय स्थलों को आय का केंद्र बनाने पर जोर
गो आश्रय स्थलों के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्हें आय का केंद्र बनाया जाए. इसके लिये इन्हें सीएनजी उत्पादन, गोबर के दीप निर्माण और अन्य आर्थिक गतिविधियों से जोड़ने की आवश्यकता है. इस बार दीपावली से पहले प्रदेश में बड़े स्तर पर गोबर से दीप और गणेश लक्ष्मी की प्रतिमाएं बनाई गईं थी. सरकार चाहती है इसे और आगे बढ़ाया जाए. ताकि किसानों की आय बढ़ने के साथ-साथ संरक्षण भी हो सके.
अमृत योजना को लेकर दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने नगर विकास विभाग को शहरी क्षेत्रों में लागू की जा रही अमृत मिशन और स्मार्ट सिटी योजनाओं की समीक्षा करने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के तहत कराये जाने वाले विकास कार्य पूरी गुणवत्ता एवं समयबद्धता के साथ पूरे किये जाएं. विभागीय समीक्षा बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह के अलावा मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी सहित शासन के सभी विभाग के प्रमुख अधिकारी मौजूद थे.