लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान टोक्यो पैरालम्पिक में जाकर हमारे देश के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया. यह सफलता दिखाती है कि थोड़ा भी दिव्यांजनों की प्रतिभा को आगे बढ़ने का मौका दिया जाए तो वह खुद को साबित करने में पीछे नहीं हटेंगे. वह डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की ओर से राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरण समारोह में बोल रहे थे. मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्जवलित करके शुरुआत की. मंत्री अनिल राजभर ने अंगवस्त्र देकर स्वागत किया.
मुख्यमंत्री ने इस दौरान सरकार की ओर से दिव्यांगजनों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों की दी जाने वाली पेंशन की राशि को बढ़ाने का काम किया. विभाग के बजट को बढ़ाया. हर एक जनपद में दिव्यांग जनों के लिए कृत्रिम अंक उपलब्ध कराने की व्यवस्था की. सभी को मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल उपलब्ध कराने की व्यवस्था करा रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जनपद में 100 मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है. उन्होंने इतिहास के पन्नों से दिव्यांग जनों के उदाहरण भी दिए. कहा कि ऋषि अष्टवक्र ने अपनी प्रतिभा का लोहा उस काल में मनवाया है. मध्यकाल में महाकवि सूरदास ने अपने रचनों के माध्यम से सभी को आकर्षित किया. थोड़ा भी उन्हें मौहाल दिया जाए तो वह अपनी कमजोरी और ताकत में बदल सकते हैं. प्रधानमंत्री ने विकलांग को दिव्यांग शब्द देकर गौरव का मौका दिया. बोले, विज्ञान और तकनीकी के साथ अपने दिव्यांगों को जोड़ना होगा.
एक करोड़ दिव्यांगजनों के पास पहुंच रही सरकार
मंत्री अनिल राजभर ने बताया कि अभी तक तो दिव्यांगजनों की पहचान तक नहीं हो पा रही थी लेकिन, उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों से आज करीब एक करोड़ दिव्यांगजनों के पास पहुंच रहे हैं. डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राणा कृष्णपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति के तहत ऑनलाइन एजुकेशन के साथ दिव्यांग जनों को टैबलेट और दूसरी सुविधाएं दी जा रही है. तकनीकी संबंधी नई-नई योजनाओं को सरकार के प्रयासों से मूर्त रूप दिया जा रहा है.
- सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग का पुरस्कार बदांयू के अजय कुमार, महाराजगंज के नागेंद्र कुमार उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, इटावा की नीतू द्विवेदी को दिया गया.
- दिव्यांगजन के लिए सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता तथा सर्वश्रेष्ठ प्लेसमेंट अधिकारी या एजेंसी का पुरस्कार कैफेबिलिटी फाउन्डेशन, विद्या निकेतन चित्तुपुर बीएचयू , वाराणसी को दिया गया.
- दिव्यांगजन के निमित्त कार्यरत सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति का पुरस्कार वाराणसी से डॉ. सी. तुलसी दास और गोरखपुर के इरफाना तारिक को मिला.
- दिव्यांगजन के निमित्त कार्यरत सर्वश्रेष्ठ संस्था का पुरस्कार प्रेमधाम चैरिटेबल सोसाइटी , साहनपुर, नजीबाबाद , बिजनौर और भागीरथ सेवा संस्थान गाजियाबाद को दिया गया.
- प्रेरणास्रोत वर्ग में पुरस्कार वाराणसी की प्रो ० मंगला कपूर के साथ गोरखपुर के धीरज श्रीवास्तव को मिला. उनके साथ ही, जीया राय , ग्राम कटाई , अलीमुददीनपुर , सगड़ी , आजमगढ़ और सौरभ तिवारी , ग्रा ० व पोस्ट बिजवार बढ़ई भनवापुर , डुमरियागंज , सिद्धार्थनगर को भी यह पुरस्कार दिया गया.
- सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग सृजनशील व्यक्ति, बालिक, बालिका वर्ग का पुरस्कार लखनऊ रे नव कुमार अवस्थी को दिया गया.
- सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के पुरस्कार को लव वर्मा को पुरस्कार दिया गया.
- रति मिश्रा जूडो की खिलाड़ी हैं. उन्होंने पुरस्कार दिया गया.
- श्री शारदा प्रसाद धर्मार्थ सेवा संस्थान सोसाइटी जालौन को राज्य स्तरीय पुरस्कार दिया गया.
- अद्वैत फाउंडेशन सेवा संस्थान सुल्तानपुर को राज्य स्तरीय सम्मान से सम्मानित किया गया.
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इन बच्चों को मिला पुरस्कार
हाईस्कूल में 75 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाले दिव्यांग बच्चों को पुरस्कार दिया गया. इनमें गोरखपुर के रितेश कुमार, मेरठ के अमर सिंह समेत अन्य को पुरस्कार दिया गया. इंटरमीडिएट में लखनऊ की अंजली बंसल, बांदा के दीपक कुमार मिश्रा के साथ नवरत्न व जीतू पाल, लखनऊ की आरती देवी को सम्मानित किया गया.
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