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बजट भाषण में मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर खूब चलाए व्यंग्य बाण, अखिलेश यादव ने भी ली चुटकी

विधानसभा सदन में मुख्यमंत्री ने बजट पर विपक्ष के सवालों के जवाब दिए. उन्होंने अखिलेश यादव पर चुटीले जवाबों से खूब तीर चलाए. अपने भाषण में मुख्यमंत्री ने गंभीर विषयों को उठाया, तो वहीं चुटकियां लेकर सदन को ठहाके लगाने पर मजबूर भी किया.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ.
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Published : May 31, 2022, 6:04 PM IST

लखनऊ: विधानसभा सदन में मंगलवार को मुख्यमंत्री ने बजट पर अपने भाषण में विपक्ष के सवालों के जवाब दिए. खासतौर पर नेता प्रतिपक्ष पर अखिलेश यादव पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने चुटीले जवाबों से खूब तीर चलाए. पूरे भाषण में मुख्यमंत्री ने गंभीर विषयों को उठाया, तो वहीं चुटकियां लेकर सदन को ठहाके लगाने पर मजबूर भी किया. मुख्यमंत्री ने अपने वक्तव्य की शुरुआत में कहा कि 'नेता प्रतिपक्ष अपने भाषण में कभी-कभी फिसल भी जा रहे थे. वह ऐसे मुद्दों पर आ गए, जिनका बजट से कोई वास्ता नहीं था. इस पर मुझे दुष्यंत कुमार का शेर याद आता है.

'कैसे-कैसे मंजर नजर आने लगे हैं,
गाते-गाते लोग चिल्लाने लगे हैं.....'

मुख्यमंत्री ने कहा कि 'नेता प्रतिपक्ष बता रहे थे कि वह एक स्कूल में गए, तो बच्चे से उन्हें अपने बारे में पूछा, जिस पर बच्चे ने उन्हें राहुल गांधी के रूप में पहचाना.' इस पर मुख्यमंत्री ने चुटकी ली. उन्होंने कहा कि 'बच्चे मन के सच्चे होते हैं. भोले-भाले होते हैं. जो कहा होगा सोच कर कहा होगा. वैसे भी दोनों में कोई बड़ा अंतर नहीं है. अंतर यही है कि वो देश के बाहर देश की बुराई करते हैं, आप प्रदेश के बाहर उत्तर प्रदेश की बुराई करते हैं. नेता सदन ने कहा कि 'आप समस्या के बारे में सोचते हैं, हम समाधान के बारे में सोचते हैं. फर्क साफ है. उन्होंने कहा कि 'उत्तम समय कभी नहीं आता, समय को उत्तम बनाना होता है. सपा और भाजपा में यही अंतर है.'

मुख्यमंत्री ने कहा कि 'नेता प्रतिपक्ष को हमारे लोक कल्याण संकल्प पत्र की बातें याद आ रही थीं. यह अच्छी बात है कि उन्होंने हमारे लोक कल्याण संकल्प पत्र को पढ़ा. यह संकल्प है, तो संकल्प में बहाना नहीं चलेगा. हर संकल्प पूरा होगा. हमने हमेशा सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास का प्रतिनिधित्व करने वाला बजट प्रस्तुत किया है.' मैं देख रहा था कि नेता प्रतिपक्ष एक ओर किसान की बात कर रहे थे, दूसरी ओर उन्हें गोबर में बदबू आ रही थी. कैसी विडंबना है, गाय के गोबर को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता. यदि नेता प्रतिपक्ष ऐसा मानते तो ऐसा नहीं कहते. हो सकता है वह पूजा न करते हों, चचा शिवपाल जी से ही कुछ सीखा होता.' उन्होंने कहा कि 'हमारा देश कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था वाला है. पूजा से लेकर अर्थव्यवस्था तक गाय गोबर से संबंधित है. इसीलिए हम प्राकृतिक खेती को बढ़ा रहे हैं. गाय को कैसे छोड़ सकते हैं.' मुख्यमंत्री के शिवपाल वाले बयान पर नेता प्रतिपक्ष सहित पूरे सदन ने ठहाके लगाए. वहीं अखिलेश यादव ने हंसते हुए कहा कि 'सीख लिया है-सीख लिया है.'

इसे भी पढ़ें-राहुल गांधी को लेकर अखिलेश यादव और सीएम योगी आमने-सामने


मुख्यमंत्री ने कहा कि 'आज तो गोबर से अगरबत्ती भी बन रही है. नेता प्रतिपक्ष अगर पूजा करते तो जरूर जलाते. उनके भाषण में भैंस के दूध के असर दिख रहा था. अगर गाय का दूध पीते तो ऐसी बाते नहीं करते. फिर भी नेता प्रतिपक्ष ने गाय को गौ माता कहा, इसके लिए धन्यवाद. यह दूध पीने तक ही सीमित नहीं है. बहुत काम की हैं गोमाता. कन्नौज में इस समय 375 इकाइयां इत्र निर्माण के कार्य में लगी हुई हैं. आज यहां के इत्र की खुशबू पूरी दुनिया में गमक रहा है.' मुख्यमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि 'आपके इत्र वाले मित्र' ने तो खूब खेल किया. आपने इत्र पार्क की घोषणा तो जरूर की थी, लेकिन जमीन पर कोई काम नहीं किया. इत्र पार्क एवं संग्रहालय के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान ऋण के रूप में किया गया है.' उन्होंने कहा कि 'आप लोग घोषणा करने में बहुत माहिर थे, पर करते कुछ नहीं थे. इत्र पार्क के प्रस्ताव को राज्य सरकार आगे बढ़ा चुकी है.'

मुख्यमंत्री ने कहा कि '2016-17 के आंकड़े नेता प्रतिपक्ष गलती से रख गए. सीएम ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने भूल से अपनी ही सरकार के आंकड़े प्रस्तुत कर गए. उत्तर प्रदेश उनकी सरकार में बेसिक शिक्षा के इंडेक्स में पीछे से 4 नंबर पर था. सीएम ने कहा कि पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन में अब कोई वीआईपी जिला नहीं है. अब सारे जिले वीआईपी हैं. उन्होंने कहा कि 'नमामि गंगे की चर्चा भी अखिलेश जी ने की थी. पहले गंगा में डॉल्फिन नहीं दिखाई देती थी, अब दिखाई देती है.' मुख्यमंत्री ने कहा कि 'नेता प्रतिपक्ष कल अटल जी की बात कर रहे थे. अगर उनकी यह कविता पढ़ ली होती तो बजट भाषण का रूपांतरण नहीं कर रहे होते. आदमी न ऊंचा होता है, न नीचा होता है, न बड़ा होता है, न छोटा होता है आदमी सिर्फ आदमी होता है.' मुख्यमंत्री के भाषण के बाद नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने चुटकी लेते हुए कहा कि 'माहौल बदल गया है. नेता सदन भी शेर-ओ-शायरी करने लगे हैं. बदले-बदले मेरे सरकार नजर आते हैं...'

लखनऊ: विधानसभा सदन में मंगलवार को मुख्यमंत्री ने बजट पर अपने भाषण में विपक्ष के सवालों के जवाब दिए. खासतौर पर नेता प्रतिपक्ष पर अखिलेश यादव पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने चुटीले जवाबों से खूब तीर चलाए. पूरे भाषण में मुख्यमंत्री ने गंभीर विषयों को उठाया, तो वहीं चुटकियां लेकर सदन को ठहाके लगाने पर मजबूर भी किया. मुख्यमंत्री ने अपने वक्तव्य की शुरुआत में कहा कि 'नेता प्रतिपक्ष अपने भाषण में कभी-कभी फिसल भी जा रहे थे. वह ऐसे मुद्दों पर आ गए, जिनका बजट से कोई वास्ता नहीं था. इस पर मुझे दुष्यंत कुमार का शेर याद आता है.

'कैसे-कैसे मंजर नजर आने लगे हैं,
गाते-गाते लोग चिल्लाने लगे हैं.....'

मुख्यमंत्री ने कहा कि 'नेता प्रतिपक्ष बता रहे थे कि वह एक स्कूल में गए, तो बच्चे से उन्हें अपने बारे में पूछा, जिस पर बच्चे ने उन्हें राहुल गांधी के रूप में पहचाना.' इस पर मुख्यमंत्री ने चुटकी ली. उन्होंने कहा कि 'बच्चे मन के सच्चे होते हैं. भोले-भाले होते हैं. जो कहा होगा सोच कर कहा होगा. वैसे भी दोनों में कोई बड़ा अंतर नहीं है. अंतर यही है कि वो देश के बाहर देश की बुराई करते हैं, आप प्रदेश के बाहर उत्तर प्रदेश की बुराई करते हैं. नेता सदन ने कहा कि 'आप समस्या के बारे में सोचते हैं, हम समाधान के बारे में सोचते हैं. फर्क साफ है. उन्होंने कहा कि 'उत्तम समय कभी नहीं आता, समय को उत्तम बनाना होता है. सपा और भाजपा में यही अंतर है.'

मुख्यमंत्री ने कहा कि 'नेता प्रतिपक्ष को हमारे लोक कल्याण संकल्प पत्र की बातें याद आ रही थीं. यह अच्छी बात है कि उन्होंने हमारे लोक कल्याण संकल्प पत्र को पढ़ा. यह संकल्प है, तो संकल्प में बहाना नहीं चलेगा. हर संकल्प पूरा होगा. हमने हमेशा सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास का प्रतिनिधित्व करने वाला बजट प्रस्तुत किया है.' मैं देख रहा था कि नेता प्रतिपक्ष एक ओर किसान की बात कर रहे थे, दूसरी ओर उन्हें गोबर में बदबू आ रही थी. कैसी विडंबना है, गाय के गोबर को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता. यदि नेता प्रतिपक्ष ऐसा मानते तो ऐसा नहीं कहते. हो सकता है वह पूजा न करते हों, चचा शिवपाल जी से ही कुछ सीखा होता.' उन्होंने कहा कि 'हमारा देश कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था वाला है. पूजा से लेकर अर्थव्यवस्था तक गाय गोबर से संबंधित है. इसीलिए हम प्राकृतिक खेती को बढ़ा रहे हैं. गाय को कैसे छोड़ सकते हैं.' मुख्यमंत्री के शिवपाल वाले बयान पर नेता प्रतिपक्ष सहित पूरे सदन ने ठहाके लगाए. वहीं अखिलेश यादव ने हंसते हुए कहा कि 'सीख लिया है-सीख लिया है.'

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मुख्यमंत्री ने कहा कि 'आज तो गोबर से अगरबत्ती भी बन रही है. नेता प्रतिपक्ष अगर पूजा करते तो जरूर जलाते. उनके भाषण में भैंस के दूध के असर दिख रहा था. अगर गाय का दूध पीते तो ऐसी बाते नहीं करते. फिर भी नेता प्रतिपक्ष ने गाय को गौ माता कहा, इसके लिए धन्यवाद. यह दूध पीने तक ही सीमित नहीं है. बहुत काम की हैं गोमाता. कन्नौज में इस समय 375 इकाइयां इत्र निर्माण के कार्य में लगी हुई हैं. आज यहां के इत्र की खुशबू पूरी दुनिया में गमक रहा है.' मुख्यमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि 'आपके इत्र वाले मित्र' ने तो खूब खेल किया. आपने इत्र पार्क की घोषणा तो जरूर की थी, लेकिन जमीन पर कोई काम नहीं किया. इत्र पार्क एवं संग्रहालय के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान ऋण के रूप में किया गया है.' उन्होंने कहा कि 'आप लोग घोषणा करने में बहुत माहिर थे, पर करते कुछ नहीं थे. इत्र पार्क के प्रस्ताव को राज्य सरकार आगे बढ़ा चुकी है.'

मुख्यमंत्री ने कहा कि '2016-17 के आंकड़े नेता प्रतिपक्ष गलती से रख गए. सीएम ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने भूल से अपनी ही सरकार के आंकड़े प्रस्तुत कर गए. उत्तर प्रदेश उनकी सरकार में बेसिक शिक्षा के इंडेक्स में पीछे से 4 नंबर पर था. सीएम ने कहा कि पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन में अब कोई वीआईपी जिला नहीं है. अब सारे जिले वीआईपी हैं. उन्होंने कहा कि 'नमामि गंगे की चर्चा भी अखिलेश जी ने की थी. पहले गंगा में डॉल्फिन नहीं दिखाई देती थी, अब दिखाई देती है.' मुख्यमंत्री ने कहा कि 'नेता प्रतिपक्ष कल अटल जी की बात कर रहे थे. अगर उनकी यह कविता पढ़ ली होती तो बजट भाषण का रूपांतरण नहीं कर रहे होते. आदमी न ऊंचा होता है, न नीचा होता है, न बड़ा होता है, न छोटा होता है आदमी सिर्फ आदमी होता है.' मुख्यमंत्री के भाषण के बाद नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने चुटकी लेते हुए कहा कि 'माहौल बदल गया है. नेता सदन भी शेर-ओ-शायरी करने लगे हैं. बदले-बदले मेरे सरकार नजर आते हैं...'

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