लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पोषण अभियान स्वस्थ और एक समर्थ भारत की नींव है. एक समय उत्तर प्रदेश में शराब माफिया पोषाहार की सप्लाई करता था. हमारी सरकार ने एक नया मैकेनिज्म बनाया कि जिसके माध्यम से महिला स्वयंसेवी समूह आंगनबाड़ी केंद्रों तक आज पोषाहार पहुंचा रही हैं. इसी का नतीजा है नेशनल फैमली हेल्थ सर्वे में उत्तर प्रदेश ने लंबी छलांग लगाई है. आंकड़े देखें तो 2015-2016 के सापेक्ष प्रदेश में 2019-2020 में एनीमिया में 5.1 प्रतिशत, बौनापन में 6.6 प्रतिशत, अल्प वजन में 7.4 प्रतिशत और सूखापन में 0.6 प्रतिशत का सुधार हुआ है.
सीएम योगी सोमवार को लोकभवन में आयोजित राष्ट्रीय पोषण माह कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुपोषण से लड़ने को व्यापक अभियान प्रारंभ करने के लिए पूरे देश को प्रेरित किया है. इस दिशा में विगत छह वर्षों में उत्तर प्रदेश में काफी कार्य हुए हैं. उन्होंने कहा कि एक समय था जब इंसेफेलाइटिस से पूरे प्रदेश में प्रतिवर्ष 1200-1500 मौतें होती थीं. पूर्वी उत्तर प्रदेश इस बीमारी से खासा प्रभावित था. 1977 से लेकर 2017 तक यानी 30 वर्षों में प्रदेश में लगभग 50,000 बच्चे इस बीमारी की चपेट में आकर काल कलवित हो चुके थे.
सीएम योगी ने कहा कि हमारी सरकार आने के बाद हमने केंद्र सरकार के साथ 2018 में अंतर्विभागीय समन्वय बनाकर इंसेफेलाइटिस के उन्मूलन का कार्य शुरू किया. आज पूरे प्रदेश से इंसेफेलाइटिस को समाप्त करने में हम सफल हुए हैं. उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में मातृ और शिशु मृत्यु दर में गिरावट आई है. ऐसा इसलिए संभव हो पाया क्योंकि माताओं और शिशुओं को पोषण आहार मिलना शुरू हुआ. सीएम योगी ने कहा कि हमारी सरकार आंगनबाड़ी केंद्र, न्याय पंचायत और ब्लॉक स्तर पर स्वस्थ बालक और बालिका प्रतिस्पर्धा का आयोजन करेगी. कार्यक्रम में महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास बीना कुमार समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे.
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'राष्ट्रीय पोषण माह' का किया शुभारंभ