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Chief Minister meeting : लखीमपुर खीरी, रायबरेली, सीतापुर के सांसद, विधायकों से मुख्यमंत्री से कही बात

फरवरी में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को देखते हुए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ (Chief Minister meeting) ने लखीमपुर खीरी, रायबरेली, सीतापुर जनपद के सांसद, विधायकों के साथ की बैठक कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान जनप्रतिनिधियों ने भी विकास परियोजनाओं की वस्तुस्थिति और जनता की आकांक्षाओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया.

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Published : Jan 24, 2023, 12:47 PM IST

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लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अपने सरकारी आवास पर सीतापुर, लखीमपुर खीरी और रायबरेली जनपद के सांसदों, विधायकों के साथ बैठक की. मुख्यमंत्री ने आए हुए सभी जनप्रतिनिधियों से एक-एक कर बातचीत की और विकास परियोजनाओं की समीक्षा कर उनके क्षेत्र का हाल जाना. जनप्रतिनिधियों ने भी विकास परियोजनाओं की वस्तुस्थिति और जनता की आकांक्षाओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया. नैमिषारण्य के विकास कार्यों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नैमिषधाम 88 हजार ऋषियों की तपःस्थली है. भारत के सभी वैदिक ग्रन्थों का लेखन नैमिष में ही हुआ है. इसके पौराणिक महत्व को देखते हुए हमारी सरकार ने नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद का गठन किया है. इसका उद्देश्य नैमिषारण्य क्षेत्र को पर्यटन, संस्कृति विशेष रूप से धार्मिक क्रियाकलापों तथा आध्यात्मिक पर्यटन हेतु अवसंरचनात्मक सुविधाओं का विकास करना है. नैमिष के विकास से सीतापुर एवं उसके आसपास के जनपदों के लाखों युवाओं को रोजगार मिलेग.


मुख्यमंत्री ने कहा कि दुधवा नेशनल पार्क इको सिस्टम का बड़ा केंद्र है. इसे होटल, रेस्टोरेंट और एयर कनेक्टिविटी से जोड़ने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि किसानों के हित को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी जी लगातार ‘मिलेट उत्पाद को बढ़ावा’ दे रहे हैं. इस शृंखला में आज रायबरेली में अंतरराष्ट्रीय मिलेट महोत्सव का आयोजन किया गया. मिलेट अनाज और उसके उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई. मुख्यमंत्री ने कहा कि सांवा, कोदो, ज्वार, बाजरा व मक्का जैसे मोटे अनाज सुपर फूड हैं. स्वास्थ्य के लिए उत्तम और खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ाने वाले इन अनाजों के प्रति किसानों के साथ-साथ आम लोगों भी जागरूक किया जाना चाहिए.


युवाओं को मिलेगा यूपी जीआईएस का लाभ : आगामी फरवरी में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश ने स्वयं के लिए $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है. इस संकल्प की पूर्ति के लिए पूरा उत्तर प्रदेश एकजुट होकर प्रयास कर रहा है. आगामी 10-12 फरवरी को आयोजित उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. समिट से पहले दुनिया भर के निवेशकों को उत्तर प्रदेश में निवेश का आमंत्रण देने की हमारी कार्ययोजना को आशातीत सफलता मिली है. जीआईएस-2023 ऐतिहासिक होने जा रहा है. व्यापक निवेश से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे, जिसका सीधा लाभ हमारे युवाओं को मिलेगा. विदेशी और घरेलू निवेशक रोड शो से प्रेरणा लेते हुए अनेक जनपदों ने जिला स्तर पर निवेशक सम्मेलन आयोजित किए और हजारों करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए.


मुख्यमंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र के पोटेंशियल से देश-दुनिया को परिचित कराना चाहिए. इससे यहां निवेश आयेगा, औद्योगिक इकाइयां लगेंगी और रोजगार के मौके सृजित होंगे. जहां निवेशक सम्मेलन का आयोजन हो चुका है वहां भी सांसद/विधायक गण निवेशकों से संपर्क-संवाद बनाए रखें. उनकी जरूरतों/अपेक्षाओं को समझें, प्रदेश सरकार की औद्योगिक नीतियों, सेक्टोरल पॉलिसी की जानकारी दें और निवेश के लिए प्रोत्साहित करें. उन्होंने कहा कि सांसद-विधायक गण प्रदेश सरकार की नई औद्योगिक नीतियों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें. स्थानीय विश्वविद्यालय, महाविद्यालयों पॉलिटेक्निक, आईटीआई में युवाओं के बीच इन पर परिचर्चा कराई जाए. जनप्रतिनिधिगण इन कार्यक्रमों में प्रतिभाग करें.

यह भी पढ़ें : Molestation In Agra : युवक ने दोस्तों के साथ घर में घुसकर लड़की से की छेड़छाड़

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अपने सरकारी आवास पर सीतापुर, लखीमपुर खीरी और रायबरेली जनपद के सांसदों, विधायकों के साथ बैठक की. मुख्यमंत्री ने आए हुए सभी जनप्रतिनिधियों से एक-एक कर बातचीत की और विकास परियोजनाओं की समीक्षा कर उनके क्षेत्र का हाल जाना. जनप्रतिनिधियों ने भी विकास परियोजनाओं की वस्तुस्थिति और जनता की आकांक्षाओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया. नैमिषारण्य के विकास कार्यों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नैमिषधाम 88 हजार ऋषियों की तपःस्थली है. भारत के सभी वैदिक ग्रन्थों का लेखन नैमिष में ही हुआ है. इसके पौराणिक महत्व को देखते हुए हमारी सरकार ने नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद का गठन किया है. इसका उद्देश्य नैमिषारण्य क्षेत्र को पर्यटन, संस्कृति विशेष रूप से धार्मिक क्रियाकलापों तथा आध्यात्मिक पर्यटन हेतु अवसंरचनात्मक सुविधाओं का विकास करना है. नैमिष के विकास से सीतापुर एवं उसके आसपास के जनपदों के लाखों युवाओं को रोजगार मिलेग.


मुख्यमंत्री ने कहा कि दुधवा नेशनल पार्क इको सिस्टम का बड़ा केंद्र है. इसे होटल, रेस्टोरेंट और एयर कनेक्टिविटी से जोड़ने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि किसानों के हित को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी जी लगातार ‘मिलेट उत्पाद को बढ़ावा’ दे रहे हैं. इस शृंखला में आज रायबरेली में अंतरराष्ट्रीय मिलेट महोत्सव का आयोजन किया गया. मिलेट अनाज और उसके उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई. मुख्यमंत्री ने कहा कि सांवा, कोदो, ज्वार, बाजरा व मक्का जैसे मोटे अनाज सुपर फूड हैं. स्वास्थ्य के लिए उत्तम और खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ाने वाले इन अनाजों के प्रति किसानों के साथ-साथ आम लोगों भी जागरूक किया जाना चाहिए.


युवाओं को मिलेगा यूपी जीआईएस का लाभ : आगामी फरवरी में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश ने स्वयं के लिए $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है. इस संकल्प की पूर्ति के लिए पूरा उत्तर प्रदेश एकजुट होकर प्रयास कर रहा है. आगामी 10-12 फरवरी को आयोजित उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. समिट से पहले दुनिया भर के निवेशकों को उत्तर प्रदेश में निवेश का आमंत्रण देने की हमारी कार्ययोजना को आशातीत सफलता मिली है. जीआईएस-2023 ऐतिहासिक होने जा रहा है. व्यापक निवेश से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे, जिसका सीधा लाभ हमारे युवाओं को मिलेगा. विदेशी और घरेलू निवेशक रोड शो से प्रेरणा लेते हुए अनेक जनपदों ने जिला स्तर पर निवेशक सम्मेलन आयोजित किए और हजारों करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए.


मुख्यमंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र के पोटेंशियल से देश-दुनिया को परिचित कराना चाहिए. इससे यहां निवेश आयेगा, औद्योगिक इकाइयां लगेंगी और रोजगार के मौके सृजित होंगे. जहां निवेशक सम्मेलन का आयोजन हो चुका है वहां भी सांसद/विधायक गण निवेशकों से संपर्क-संवाद बनाए रखें. उनकी जरूरतों/अपेक्षाओं को समझें, प्रदेश सरकार की औद्योगिक नीतियों, सेक्टोरल पॉलिसी की जानकारी दें और निवेश के लिए प्रोत्साहित करें. उन्होंने कहा कि सांसद-विधायक गण प्रदेश सरकार की नई औद्योगिक नीतियों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें. स्थानीय विश्वविद्यालय, महाविद्यालयों पॉलिटेक्निक, आईटीआई में युवाओं के बीच इन पर परिचर्चा कराई जाए. जनप्रतिनिधिगण इन कार्यक्रमों में प्रतिभाग करें.

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