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आर्थिक सहायता दे रही मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, इन्हें मिल रहा लाभ - प्रदेश में समान लिंगानुपात

उत्तर प्रदेश के निदेशक महिला कल्याण मनोज कुमार राय ने बताया कि प्रदेश में समान लिंगानुपात स्थापित करने, पालिका के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री ने 2019 में कन्या सुमंगला योजना की घोषणा की थी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ.
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Published : Jan 18, 2021, 4:57 AM IST

Updated : Jan 18, 2021, 5:32 AM IST

लखनऊः प्रदेश के निदेशक महिला कल्याण मनोज कुमार राय ने बताया कि प्रदेश में समान लिंगानुपात स्थापित करने, पालिका के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री ने 2019 में कन्या सुमंगला योजना की घोषणा की थी. इसके साथ ही इस योजना को उद्देश्य बालिकाओं के स्वास्थ्य और शिक्षा को सुदृढ़ करना, कन्या भ्रूण हत्या को रोकना, बालिका के प्रति आमजन में सकारात्मक सोच विकसित करना भी है.

महिला कल्याण मनोज कुमार राय ने बताया कि यह योजना 1 अप्रैल 2019 से लागू हो गई थी. योजना के संचालन के लिए वेब पोर्टल का विकास किया गया है. योजना के अंतर्गत पीएफएमएस के माध्यम से सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में धनराशि हस्तांतरित की जाती है.

योजना के लिए यह होंगे पात्र
महिला कल्याण के निदेशक मनोज कुमार राय ने बताया कि योजना के अंतर्गत ऐसे लाभार्थी पात्र होते हैं, जिसका परिवार उत्तर प्रदेश का निवासी हो, जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय अधिकतम ₹300000 और जिनके परिवार में अधिकतम 2 बच्चे हों. योजना के अंतर्गत बालिकाओं को जन्म के समय ₹2000, कक्षा 6 में प्रवेश के समय ₹2000, कक्षा 9 में प्रवेश के समय ₹3000 और 10वीं-12वीं परीक्षा उत्तीर्ण कर डिग्री या 2 वर्षीय या डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लेने के लिए ₹5000 एक मुश्त दिए जाते हैं.

लखनऊः प्रदेश के निदेशक महिला कल्याण मनोज कुमार राय ने बताया कि प्रदेश में समान लिंगानुपात स्थापित करने, पालिका के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री ने 2019 में कन्या सुमंगला योजना की घोषणा की थी. इसके साथ ही इस योजना को उद्देश्य बालिकाओं के स्वास्थ्य और शिक्षा को सुदृढ़ करना, कन्या भ्रूण हत्या को रोकना, बालिका के प्रति आमजन में सकारात्मक सोच विकसित करना भी है.

महिला कल्याण मनोज कुमार राय ने बताया कि यह योजना 1 अप्रैल 2019 से लागू हो गई थी. योजना के संचालन के लिए वेब पोर्टल का विकास किया गया है. योजना के अंतर्गत पीएफएमएस के माध्यम से सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में धनराशि हस्तांतरित की जाती है.

योजना के लिए यह होंगे पात्र
महिला कल्याण के निदेशक मनोज कुमार राय ने बताया कि योजना के अंतर्गत ऐसे लाभार्थी पात्र होते हैं, जिसका परिवार उत्तर प्रदेश का निवासी हो, जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय अधिकतम ₹300000 और जिनके परिवार में अधिकतम 2 बच्चे हों. योजना के अंतर्गत बालिकाओं को जन्म के समय ₹2000, कक्षा 6 में प्रवेश के समय ₹2000, कक्षा 9 में प्रवेश के समय ₹3000 और 10वीं-12वीं परीक्षा उत्तीर्ण कर डिग्री या 2 वर्षीय या डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लेने के लिए ₹5000 एक मुश्त दिए जाते हैं.

Last Updated : Jan 18, 2021, 5:32 AM IST
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