लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेटियों की शिक्षा को लेकर रविवार को एक बड़ी अपील की. मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी स्कूल में अगर एक ही घर से दो बहने पढ़तीं हैं तो एक की फीस माफ करने की अपील करें. अगर निजी स्कूल ऐसा नहीं करते तो विभाग फीस भरने की व्यवस्था करे. कोरोना काल में बहुत से लोग फीस भरने में असमर्थ हैं. इससे उनको मदद मिलेगी.
मुख्यमंत्री शनिवार को लोकभवन में छात्रवृत्ति वितरण समारोह में बोल रहे थे. मुख्यमंत्री ने शासन स्तर पर अधिकारियों को इसे लागू कराने को निर्देश दिए. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बालिकाओं की पढ़ाई के लिए काम करने की जरूरत है. उनका हमेशा से जोर रहा है कि बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देना बहुत ही जरूरी है. यदि एक बेटी शिक्षा से दूर रह गयी तो भविष्य का एक परिवार अशिक्षित रह सकता है.
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बेटियों के लिए चल रहीं यह योजनाएं
- उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से प्रदेश के सरकारी शिक्षण संस्थानों में पहले ही बालिकाओं के लिए निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था कर रखी है. इसके अलावा भाग्य लक्ष्मी योजना भी एक प्रमुख योजना है. इस योजना के तहत बेटी के पैदा होने से लेकर के शादी तक की जिम्मेदारी सरकार ने उठा रखी है. बेटी का जन्म होने पर यूपी सरकार 50,000 का बांड देती है. यह बांड 21 साल बाद मेच्योर होकर 2 लाख मिल जाते हैं जो बेटी के काम आते हैं.
जन्म के समय बेटी की मां को 5100 रुपये अलग से दिए जाते हैं ताकि शुरुआती परवरिश और सेहत का ध्यान रखा जा सके. बेटी के कक्षा 6 में आने पर उसके खाते में 3,000 रुपये डाले जाते हैं. कक्षा 8 में पहुंचने पर 5,000 रुपये का फायदा दिया जाता है. कक्षा 10 में पहुंचने पर बेटी के खाते में 7,000 रुपये डाले जाते हैं. कक्षा 12वीं में आने पर 8,000 रुपये का योगदान सरकार की ओर से दिया जाता है. स्कूली पढ़ाई के दौरान बेटी के नाम अकाउंट में 23 हजार डाले जाते हैं.