लखनऊ : राजधानी के आसपास जिलों में गर्मी का मौसम आते ही स्कूली वाहनों मेंआग लगने की घटना को लेकर अग्निशमन विभाग सक्रिय हो गया है. लखनऊ में चल रहे स्कूली वाहनों में फायर सेफ्टी के इंतजाम न होने पर शिकंजा कसने को तैयारी है. फायर विभाग परिवहन विभाग की मदद से ऐसे स्कूली वाहनों की धर पकड़ करेगा, जिनमें फायर सेफ्टी के इंतजाम नहीं हैं. फिलहाल मुख्य अग्निशन अधिकारी ने सभी फायर स्टेशन अधिकारियों को पत्र लिख कर स्थानीय स्कूल प्रशासन को नोटिस भेजने के लिए कहा है.
मुख्य अग्निशमन अधिकारी लखनऊ मंगेश कुमार के मुताबिक हाल ही में अमेठी जिले में एक स्कूल वैन में आग लगने और बच्चों के गंभीर रूप से झुलसने की घटना का संज्ञान लेकर राजधानी के सभी फायर स्टेशन अधिकारियों को एक पत्र भेजा गया है. जिसके अनुसार सभी फायर स्टेशन अधिकारी अपने अपने क्षेत्र के स्कूल प्रबंधकों को नोटिस भेज कर स्कूल वाहन में फायर स्टिंग्यूशर लगाने के लिए कहा है. इसके बाद फायर विभाग बड़े स्तर पर अभियान चलाकर उन वाहनों को सीज करेगा, जिन्होंने वाहन में फायर स्टिंग्यूशर नहीं लगाया होगा. इसके अलावा फायर विभाग ने परिवहन विभाग को भी पत्र भेज रहा है. जिसके मुताबिक अनुरोध किया जाएगा कि जो भी स्कूली वाहन फिटनेस या परमिट नवीनीकरण के लिए आरटीओ आए तो उन वाहनों में आग से निपटने के इंतजाम भी चेक किए जाएं. आरटीओ ऐसे वाहनों का परमिट रिन्यू न करे. जिसमें फायर एक्सटिंग्यूसर न लगा हो.
स्कूलों को भी जारी होंगे नोटिस
मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि फायर विभाग राजधानी के सभी स्कूलों को जल्द ही नोटिस जारी करेगा. जिसमें स्कूलों को हिदायत दी जाएगी कि फायर सेफ्टी संबंधी रिपोर्ट के अप्रूवल देखकर ही वाहनों को स्कूलों से अटैच किया जाए. साथ ही जिन वाहन स्वामियों के पास रिपोर्ट का अप्रूवल न हो, उनका स्कूल या कॉलेज से अनुबंध खत्म किया जाए. यदि ऐसा नहीं होगा तो स्कूलों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
मुख्य अग्निशमन अधिकारी बताते हैं कि कम खर्च में अधिक मुनाफा कमाने के लिए वाहनों में गैस किट फिट करवाई जा रही है, लेकिन इस दौरान फायर एक्सटिंग्यूसर लगवाने के लिए कोई भी ध्यान नहीं देता है. ऐसे में यही वाहन फायर विभाग के निशाने पर रहेंगे, क्योंकि ऐसे वाहनों में आग लगने की सभावना सबसे अधिक होती है. फायर विभाग ने सीएनजी से चलने वाले वाहनों को प्राथमिकता से फायर एक्सटिंग्यूसर लगवाने के निर्देश दिया है.
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