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गृह मंत्री शाह पर चिदंबरम का 'ट्वीट वार', पूछा ये सवाल

गृह मंत्री अमित शाह कल मंगलवार को लखनऊ में थे. यहां उन्होंने CAA को लेकर जनजागरण रैली को संबोधित किया. उधर पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने ट्विटर पर गृह मंत्री अमित शाह को घेरने की कोशिश भी की है.

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Published : Jan 22, 2020, 8:25 AM IST

लखनऊ: गृह मंत्री अमित शाह कल मंगलवार को लखनऊ में थे. यहां उन्होंने CAA को लेकर जनजागरण रैली को संबोधित किया. जहां एक तरफ पूरे देश में CAA को लेकर विधोर की आवाजें बुलंद हो रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी भी रैलियों के जरिये पूरी कोशिश कर रही है कि किसी तरह लोगों के इस विरोध को शांत किया जा सके.


अमित शाह ने लखनऊ में मंच से विपक्षी पार्टियों को भी चुनौती देते हुए कहा कि वह आकर CAA पर बहस कर सकते हैं. अमित शाह ने विपक्ष को डिबेट करने की चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि विपक्ष तय कर ले कि CAA पर कहां बहस करनी है. वहीं अमित शाह के इसी वार को लेकर पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने ट्विटर पर गृह मंत्री अमित शाह को घेरने की कोशिश भी की. उन्होंने लिखा है कि CAA पर बहस करने के लिए गृह मंत्री विपक्ष को चुनौती दे रहे हैं. क्या विपक्ष, न्यायविद, शिक्षाविद, लेखक, कलाकार, छात्र और युवा 12 दिसंबर से ऐसा नहीं कर रहे हैं?

  • HM has dared the Opposition to debate CAA. Is that not what the Opposition, jurists, academics, writers, artists, students and youth have been doing since Dec 12?

    — P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) January 21, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">


जनसभा के दौरान अमित शाह ने यहां युवाओं को अपना जिगर का टुकड़ा बताते हुए कहा कि सीएए को लेकर जनजागरण सभाएं करनी पड़ रही हैं, जनता के बीच जा कर देश को तोड़ने वालों की सच्चाई बताई जा रही है. इसी बीच गृह मंत्री ने ये भी साफ कर दिया कि लोग चाहे कितना भी विरोध कर लें, लेकिन सीएए वापस नहीं लिया जाएगा.


सीएए नहीं होगा वापस
गृह मंत्री ने कहा कि जब देश का विभाजन हुआ तब 30 फीसदी हिन्दू, सिख, बौद्ध और जैन प्रभावित हुए. जो लोग मानवाधिकार की बात करते हैं. मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि जब करोड़ों लोग मार दिए गए, भगा दिए गए तब वे लोग कहां थे. उन्होंने कहा कि सीएए किसी कीमत पर वापस नहीं होगा.

लखनऊ: गृह मंत्री अमित शाह कल मंगलवार को लखनऊ में थे. यहां उन्होंने CAA को लेकर जनजागरण रैली को संबोधित किया. जहां एक तरफ पूरे देश में CAA को लेकर विधोर की आवाजें बुलंद हो रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी भी रैलियों के जरिये पूरी कोशिश कर रही है कि किसी तरह लोगों के इस विरोध को शांत किया जा सके.


अमित शाह ने लखनऊ में मंच से विपक्षी पार्टियों को भी चुनौती देते हुए कहा कि वह आकर CAA पर बहस कर सकते हैं. अमित शाह ने विपक्ष को डिबेट करने की चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि विपक्ष तय कर ले कि CAA पर कहां बहस करनी है. वहीं अमित शाह के इसी वार को लेकर पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने ट्विटर पर गृह मंत्री अमित शाह को घेरने की कोशिश भी की. उन्होंने लिखा है कि CAA पर बहस करने के लिए गृह मंत्री विपक्ष को चुनौती दे रहे हैं. क्या विपक्ष, न्यायविद, शिक्षाविद, लेखक, कलाकार, छात्र और युवा 12 दिसंबर से ऐसा नहीं कर रहे हैं?

  • HM has dared the Opposition to debate CAA. Is that not what the Opposition, jurists, academics, writers, artists, students and youth have been doing since Dec 12?

    — P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) January 21, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">


जनसभा के दौरान अमित शाह ने यहां युवाओं को अपना जिगर का टुकड़ा बताते हुए कहा कि सीएए को लेकर जनजागरण सभाएं करनी पड़ रही हैं, जनता के बीच जा कर देश को तोड़ने वालों की सच्चाई बताई जा रही है. इसी बीच गृह मंत्री ने ये भी साफ कर दिया कि लोग चाहे कितना भी विरोध कर लें, लेकिन सीएए वापस नहीं लिया जाएगा.


सीएए नहीं होगा वापस
गृह मंत्री ने कहा कि जब देश का विभाजन हुआ तब 30 फीसदी हिन्दू, सिख, बौद्ध और जैन प्रभावित हुए. जो लोग मानवाधिकार की बात करते हैं. मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि जब करोड़ों लोग मार दिए गए, भगा दिए गए तब वे लोग कहां थे. उन्होंने कहा कि सीएए किसी कीमत पर वापस नहीं होगा.

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