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छठ महापर्व में नहाए खाए के बाद खरना पूजा आज

यूपी सहित कई राज्यों में नहाए खाए के बाद गुरुवार (19 नवंबर) को दूसरे दिन व्रती खरना पूजा पर स्नान कर संध्या होते ही खरना का प्रसाद बनाती हैं.

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Published : Nov 19, 2020, 2:29 PM IST

छठ महापर्व की तैयारी.
छठ महापर्व की तैयारी.

लखनऊ: छठ महापर्व का आज यानि गुरुवार को दूसरा दिन है. नहाए खाए के बाद व्रती आज के दिन खरना का व्रत रखते हुए स्नान करती हैं. उसके बाद शाम होते ही खरना का प्रसाद तैयार करती हैं. खरना के प्रसाद में चावल, चना, दाल, पीठा, खीर, पुरी और रसिया बनाया जाता है. उसके बाद व्रती पूजा कर प्रसाद ग्रहण करती हैं.

खरना पूजा आज
हर साल की तरह इस साल भी छठ महापर्व पर लोगों में पूरी तरह से उल्लास देखने को मिल रहा है. शहर के विभिन्न बाजारों में खरीदारों की भीड़ उमड़ रही है, जिसमें लोग छठ संबंधी प्रसाद, फल, फूल, गन्ना, कच्चा अदरक, कच्चा हल्दी की खरीदारी कर रहे हैं.खरना का महत्व

छठ महापर्व के खरना के बाद दूसरे दिन व्रती सूर्य देव और छठ मां की पूजा करके गुड़ की खीर का भोग लगाते हैं. खरना का प्रसाद काफी शुद्ध तरीके से बनाया जाता है. खरना के दिन जो प्रसाद बनता है, उसे नए चूल्हे पर ही बनाया जाता है. व्रती खीर का प्रसाद अपने हाथों से ही पकाती हैं.


व्रती प्रभा राय ने बताया कि खरना के दिन महिलाएं व्रत रखती हैं. इस दिन नहा-धोकर नया कपड़ा पहना जाता है. यदि नया कपड़ा ना हो तो पुराने कपड़ों को भी साफ कर पहना जा सकता है. संध्या होते ही माताएं नए चूल्हे के ऊपर खीर और रसिया बनाती है. उसके बाद पूजा की जाती है. उसके बाद व्रती प्रसाद को ग्रहण करती हैं. प्रभा ने बताया कि व्रती प्रसाद ग्रहण करने के बाद साफ-सुथरे जगह पर बिस्तर लगाकर वहीं सोती हैं और वहीं सुहाग के सभी परंपरा को भी निभाती हैं. उसके बाद अगले दिन छठ की तैयारी की जाती है.

लखनऊ: छठ महापर्व का आज यानि गुरुवार को दूसरा दिन है. नहाए खाए के बाद व्रती आज के दिन खरना का व्रत रखते हुए स्नान करती हैं. उसके बाद शाम होते ही खरना का प्रसाद तैयार करती हैं. खरना के प्रसाद में चावल, चना, दाल, पीठा, खीर, पुरी और रसिया बनाया जाता है. उसके बाद व्रती पूजा कर प्रसाद ग्रहण करती हैं.

खरना पूजा आज
हर साल की तरह इस साल भी छठ महापर्व पर लोगों में पूरी तरह से उल्लास देखने को मिल रहा है. शहर के विभिन्न बाजारों में खरीदारों की भीड़ उमड़ रही है, जिसमें लोग छठ संबंधी प्रसाद, फल, फूल, गन्ना, कच्चा अदरक, कच्चा हल्दी की खरीदारी कर रहे हैं.खरना का महत्व

छठ महापर्व के खरना के बाद दूसरे दिन व्रती सूर्य देव और छठ मां की पूजा करके गुड़ की खीर का भोग लगाते हैं. खरना का प्रसाद काफी शुद्ध तरीके से बनाया जाता है. खरना के दिन जो प्रसाद बनता है, उसे नए चूल्हे पर ही बनाया जाता है. व्रती खीर का प्रसाद अपने हाथों से ही पकाती हैं.


व्रती प्रभा राय ने बताया कि खरना के दिन महिलाएं व्रत रखती हैं. इस दिन नहा-धोकर नया कपड़ा पहना जाता है. यदि नया कपड़ा ना हो तो पुराने कपड़ों को भी साफ कर पहना जा सकता है. संध्या होते ही माताएं नए चूल्हे के ऊपर खीर और रसिया बनाती है. उसके बाद पूजा की जाती है. उसके बाद व्रती प्रसाद को ग्रहण करती हैं. प्रभा ने बताया कि व्रती प्रसाद ग्रहण करने के बाद साफ-सुथरे जगह पर बिस्तर लगाकर वहीं सोती हैं और वहीं सुहाग के सभी परंपरा को भी निभाती हैं. उसके बाद अगले दिन छठ की तैयारी की जाती है.

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