लखनऊः राजधानी लखनऊ के लक्ष्मण मेला पार्क में महापर्व के लिए छठ घाट पूरी तरह से श्रद्धालुओं के लिए तैयार हो गया है. महिलाओं ने गुरुवार को रसिया और रोटी बनाया और उसके बाद प्रसाद को छठी मैया को चढ़ा कर खरना की पूजा की. रसिया और रोटी खाकर माताएं अब छठ पूजा की तैयारी के लिए जुट गई. 20 नवंबर को शाम को छठ महापर्व मनाया जाएगा. छठ पूजा के लिए श्रद्धालुओं ने बाजार से खरीदारी है. श्रद्धालु छठ पूजा में मौसमी फल-फूल और पूजा संबंधित सामग्री सहित डलिया में सजा कर रख लिया है. वही माताएं पूजा सामग्री में ठेकुआ और पूरी, कसार भी बनाएंगी जो प्रसाद के रूप में घाट पर लेकर जाकर छठी मैया को अर्पित करेंगे.
छठ पूजा का प्रसाद
पूड़ी, मालपुआ, ठेकुआ, खीर, खजूर, चावल का लड्डू और सूजी का हलवा शुद्ध तरीके से बेटी द्वारा बनाकर घाट पर ले जाया जाता है. इसे छठ मैया को प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है. वहीं छठ पर्व में मौसमी फलों का विशेष महत्व होता है. इनमें संतरा अन्नास, सेब , सुथनी, केला ,अमरूद, शरीफा, नारियल, कच्चा अदरक, नींबू, कच्चा हल्दी और अन्य फलों को भी शामिल किया जाता है. इसके अलावा साठी के चावल का चूड़ा ठेकुआ, दूध, शहद तेल और अन्य द्रव भी शामिल किए जाते हैं. जिससे डूबते हुए सूरज को रूप में रखकर अर्घ्य दिया जाता है.
सुबह और शाम सूर्य को देंगे अर्घ्य
व्रती कंचन सिंह ने बताया कि आज खरना है. जिसकी पूजा कर खीर रसिया रोटी खाकर उसके बाद अगले दिन छठ की पूजा की तैयारी हम लोग करगे. जिसमें मौसमी फल और अन्य सामग्री ठेकुआ, पूड़ी, कसार ,घर पर बना कर डलिया में सजाते हैं और घाट पर ले जाते हैं. घाट पर पहुंचकर छठी मैया को पूजा करते हैं और शाम होते ही जब सूर्य डूबने लगते हैं तो अर्घ्य देते हैं. इसके बाद अगले दिन फिर सुबह फलों को दूसरे सूप में रख कर घाट पर लाते हैं. इन फलों को छठी मैया को अर्पित करते हैं और फिर उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं.
लखनऊ में तीस घाटों पर मनेगा छठ पर्व
राजधानी लखनऊ में छठ पूजा को लेकर अखिल भारतीय भोजपुरी समाज इसमें अहम भूमिका निभा रहा है. लखनऊ के करीब 30 घाटों को साफ सुथरा शासन प्रशासन की मदद से अखिल भारतीय भोजपुरी समाज ने किया है. इसके साथ सोशल डिस्टेंसिंग के साथ त्यौहार को मनाने की पूरी तरीके से ढांचागत तैयारी कर ली गई है. इस बार किसी व्यक्ति को नदी में उतरने की इजाजत नहीं होगी. कोई व्यक्ति नदी में उतरना चाहता है तो उसे पहले मेडिकल टीम से जांच करानी होगी.
अपने घरों में ही छठ का पर्व मनाएं
अखिल भारतीय भोजपुरी समाज राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभु नाथ राय बताया कि इस बार कोरोनावायरस के चलते लोगों से अपील की गई है कि छठ पूजा अपने घरों में ही मनाएं. उन्होंने बताया कि महामारी को ध्यान में रखते हुए इस बार घाट पर 200 लोगों छोटी-छोटी टुकड़िया बनाकर लोगों को अर्घ्य दिलवाने दिलवाने का काम किया जाएगा जिससे सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन किया जा सके. वहीं लोगों के सैनिटाइज व मास्क का खास ध्यान रखा जाएगा. गोमती नदी में किसी भी व्यक्ति को हाथ पैर या मुंह धोने पर पूरी तरह से रोक होगी. उन्होंने बताया कि घाट पर पानी की शिप, साफ-सफाई को लेकर नगर निगम, फागिंग, पुलिस प्रशासन की टीम पूरी तरह तैयार है.
कोविड-19 के गाइडलाइन को पूरी तरह पालन करना होगा
- श्रद्धालुओं को घाट पर छठ पूजा करने के लिए दो लोगों को ही एक साथ पहुंचना है.
- श्रद्धालुओं को अपना मेडिकल चेक अप कराकर घाट पर प्रवेश लेना होगा.
- श्रद्धालुओं को पूरी तरह से सैनिटाइजर और मास्क का प्रयोग करते हुए छठ घाट पर पहुंचना होगा.
- घाट पर पहुंचते ही श्रद्धालुओं को सोशल डिस्टेंसिंग का रखना होगा खास ध्यान.
- श्रद्धालु अपने साथ बुजुर्ग या बच्चे को छठ पूजा के घाट पर ना लाएं.
- पूजा करते समय श्रद्धालु ज्यादा करीब न बैठें.