लखनऊ: पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन सहित कर्बला के 72 शहीदों की याद में 8 अक्टूबर को चेहल्लुम मनाया जाएगा. शहीदों के चालीसवें पर हर साल पुराने शहर में चेहल्लुम का जुलूस निकाला जाता है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते शहर की मातमी अंजुमनों ने कर्बला तालकटोरा परिसर में ही जुलूस निकालने का फैसला किया है.
कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन कर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ गुरुवार को चेहल्लुम के दिन छोटी-छोटी टुकड़ियों में अंजुमन अपने अलम मुबारक के बाद नौहाख्वानी व सीनाजनी कर कर्बला के शहीदों को पुरसा पेश करेंगी.
कर्बला के शहीदों के चालीसवें पर सरकार की गाइडलाइन का पालन कर चेहल्लुम का जुलूस निकालने के लिए मरकजी शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास ने शहर की मातमी अंजुमनों को सलाह दी थी, जिसका समर्थन कर अंजुमनों ने शारीरिक दूरी का पालन कर जुलूस निकलाने का फैसला किया है. हालांकि, इस फैसले पर अभी अंतिम मुहर लगनी बाकी है.
बता दें कि मंगलवार को मातमी अंजुमनों की बैठक है. इस बैठक में अंजुमन के पदाधिकारी जुलूस की रूपरेखा तय कर अंतिम फैसला करेंगे. अंजुमन के खुर्शीद रजा फतेहपुरी ने बताया कि सरकार की गाइडलाइन पर अमल कर चेहल्लुम का जुलूस निकाला जा सकता है. अनलॉक चार में सरकार ने 100 लोगों में धार्मिक आयोजन करने की अनुमति दे दी है, जिस पर अमल कर कर्बला तालकटोरा में मौला अली(अस), जनाब-ए-अब्बास (अस), जनाब-ए-जैनब (अस) और बाकी के रौजे हैं. इस तरह उन चारो रौजों में अलग-अलग चार अंजुमने अपने-अपने आलम सजा कर नौहा ख्वानी और सीनाजनी करते हुए रौजा-ए-इमाम हुसैन तक जाएंगी. अंजुमनों में अधिकतम 25 लोग ही शामिल हो सकेंगे.