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लखनऊ: कमर्शियल वाहनों में नहीं लगी एसएलडी तो करनी पड़ेगी जेब ढीली - लखनऊ ताजा समाचार

जिन कमर्शियल वाहनों में स्पीड लिमिटिंग डिवाइस नहीं लगाई गई है उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग उन वाहनों के खिलाफ चेकिंग अभियान चलाने जा रहा है. पकड़े जाने पर इनसे जुर्माना भी वसूला जाएगा.

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स्पीड लिमिटिंग डिवाइस से नियंत्रित होगी वाहनों की स्पीड.
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Published : Dec 11, 2019, 9:29 AM IST

लखनऊ: परिवहन विभाग ऐसे कमर्शियल वाहनों के खिलाफ विशेष तौर पर चेकिंग अभियान चलाने जा रहा है, जिन वाहनों में आदेश के बावजूद अभी तक स्पीड लिमिटिंग डिवाइस नहीं लगाई गई हैं और अगर लगाई भी गई हैं तो वह काम नहीं कर रही है. ऐसे वाहनों पर परिवहन विभाग जुर्माना भी वसूलेगा.

स्पीड लिमिटिंग डिवाइस से नियंत्रित होगी वाहनों की स्पीड.

कमर्शियल वाहनों के खिलाफ चलेगा चेकिंग अभियान
परिवहन विभाग ऐसे कमर्शियल वाहनों के खिलाफ विशेष तौर पर चेकिंग अभियान चलाकर कार्रवाई करेगा जिन वाहनों में आदेश के बावजूद अभी तक स्पीड लिमिटिंग डिवाइस नहीं लगाई गई हैं. अगर लगाई भी गई हैं तो काम नहीं कर रही है.

चेकिंग अभियान में ऐसे वाहन स्वामियों पर स्पीड लिमिटिंग डिवाइस न लगे होने पर या फिर लगे होने के बावजूद काम नहीं करने पर ढाई हजार रुपये जुर्माना वसूला जाएगा. वहीं दूसरी बार अगर इसी तरह की कमी पाई जाती है तो 5000 रुपये मौके पर से वसूल किए जाएंगे.

स्पीड लिमिटिंग डिवाइस से नियंत्रित होगी वाहनों की स्पीड
इस अभियान का मकसद हाइवे पर ओवर स्पीड दौड़ रहे वाहनों पर नियंत्रण स्थापित करना है जो दुर्घटना का सबब बनते हैं. दुर्घटनाओं के जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, उसमें ओवर स्पीड से मरने वालों की संख्या लगभग 52 फीसदी है. स्पीड लिमिटिंग डिवाइस से वाहन की स्पीड नियंत्रित की जा सकेगी, जिससे ओवरस्पीड से होने वाली घटनाओं पर नियंत्रण स्थापित किया जा सके.

लखनऊ: परिवहन विभाग ऐसे कमर्शियल वाहनों के खिलाफ विशेष तौर पर चेकिंग अभियान चलाने जा रहा है, जिन वाहनों में आदेश के बावजूद अभी तक स्पीड लिमिटिंग डिवाइस नहीं लगाई गई हैं और अगर लगाई भी गई हैं तो वह काम नहीं कर रही है. ऐसे वाहनों पर परिवहन विभाग जुर्माना भी वसूलेगा.

स्पीड लिमिटिंग डिवाइस से नियंत्रित होगी वाहनों की स्पीड.

कमर्शियल वाहनों के खिलाफ चलेगा चेकिंग अभियान
परिवहन विभाग ऐसे कमर्शियल वाहनों के खिलाफ विशेष तौर पर चेकिंग अभियान चलाकर कार्रवाई करेगा जिन वाहनों में आदेश के बावजूद अभी तक स्पीड लिमिटिंग डिवाइस नहीं लगाई गई हैं. अगर लगाई भी गई हैं तो काम नहीं कर रही है.

चेकिंग अभियान में ऐसे वाहन स्वामियों पर स्पीड लिमिटिंग डिवाइस न लगे होने पर या फिर लगे होने के बावजूद काम नहीं करने पर ढाई हजार रुपये जुर्माना वसूला जाएगा. वहीं दूसरी बार अगर इसी तरह की कमी पाई जाती है तो 5000 रुपये मौके पर से वसूल किए जाएंगे.

स्पीड लिमिटिंग डिवाइस से नियंत्रित होगी वाहनों की स्पीड
इस अभियान का मकसद हाइवे पर ओवर स्पीड दौड़ रहे वाहनों पर नियंत्रण स्थापित करना है जो दुर्घटना का सबब बनते हैं. दुर्घटनाओं के जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, उसमें ओवर स्पीड से मरने वालों की संख्या लगभग 52 फीसदी है. स्पीड लिमिटिंग डिवाइस से वाहन की स्पीड नियंत्रित की जा सकेगी, जिससे ओवरस्पीड से होने वाली घटनाओं पर नियंत्रण स्थापित किया जा सके.

Intro:वाणिज्यिक वाहनों में नहीं लगी मिली एसएलडी तो करनी पड़ेगी जेब ढीली

लखनऊ। अगर आपके पास वाणिज्यिक वाहन है और हाईवे पर फर्राटा भरते हैं तो इसका अंजाम भुगतने को भी तैयार रहें। चेकिंग अभियान के दौरान अगर वाणिज्यिक वाहनों में स्पीड लिमिटिंग डिवाइस यानी एलएसडी लगी नहीं पाई जाती है या फिर लगी है लेकिन ऑपरेट नहीं हो रही है तो ऐसे वाहन स्वामी अपनी जेब ढीली करने को तैयार रहें। परिवहन विभाग एसएलडी लगे वाहनों की विशेष तौर पर जांच कराने की तैयारी कर रहा है।


Body:परिवहन विभाग ऐसे कमर्शियल वाहनों के खिलाफ विशेष तौर पर चेकिंग अभियान की कार्रवाई करेगा जिन वाहनों में आदेश के बावजूद अभी तक स्पीड लिमिटिंग डिवाइस नहीं लगाई गई हैं और अगर लगाई भी गई हैं तो काम नहीं कर रही है। चेकिंग अभियान में ऐसे वाहन स्वामियों पर स्पीड लिमिटिंग डिवाइस न लगे होने पर या फिर लगे होने के बावजूद काम नहीं करने पर ढाई हजार रुपए जुर्माना वसूला जाएगा, वहीं दूसरी बार अगर इसी तरह की कमी पाई जाती है तो ₹5000 मौके पर वसूल किया जाएंगे। इस अभियान का मकसद है हाईवे पर ओवर स्पीड दौड़ रहे वाहनों पर नियंत्रण स्थापित करना जो दुर्घटना का सबब बनते हैं और दुर्घटनाओं के जो आंकड़े सामने आ रहे हैं उसमें ओवर स्पीड से मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। स्पीड लिमिटिंग डिवाइस से वाहन की स्पीड नियंत्रित की जा सकेगी जिससे ओवरस्पीड से होने वाली घटनाओं पर नियंत्रण स्थापित किया जा सके।


Conclusion:बाइट: धीरज साहू:ट्रांसपोर्ट कमिश्नर


सरकार ने स्पीड लिमिटिंग डिवाइस को वाणिज्यिक वाहनों में   लगाए जाने का फैसला किया है। उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटना में जो मृत्यु होती हैं उसमें लगभग 52% मृत्यु का कारण ओवरस्पीडिंग है। ओवर स्पीडिंग वाणिज्यिक वाहनों के द्वारा भी की जाती है जिससे दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना होती है। इसे नियंत्रित करने के लिए यह आवश्यक किया जा रहा है कि जो वाणिज्यिक वाहन फिटनेस के लिए हमारे यहां आएंगे उनमें अनिवार्य रूप से स्पीड लिमिटेड डिवाइस लगी है या नहीं, इसे चेक किया जाएगा। हमारा जो वाहन पोर्टल है उसमें डिवाइस की सारी सूचनाएं इंटीग्रेट भी की जाएंगी ताकि हमारे रिकॉर्ड में इस डिवाइस की सारी डिटेल्स उपलब्ध रहें। मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कंपाउंडिंग फीस स्ट्रक्चर बनाया है उसमें प्रथम उल्लंघन पर ढाई हजार रुपए जुर्माना और दूसरी बार के लिए ₹5000 जुर्माना लगाया जाएगा।

अखिल पाण्डेय, संवाददाता, ईटीवी भारत, लखनऊ
09336864096


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