लखनऊ: जनपद में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है. पुलिस ने ठगी करने वाली एक शातिर महिला को महाराष्ट्र के पुणे से गिरफ्तार किया है.
विनायक मेडिकेयर हॉस्पिटल की एचआर डायरेक्टर डॉ. प्रांजल सिंह ने प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार अपने अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगवाने के लिए महाराष्ट्र में पुणे स्थित प्रोटो इंजीनियरिंग कंपनी से एक करार(fraud in name of oxygen plant ) किया था. जिसमें ऑक्सीजन कंपनी के मालिक सत्यनारायण पत्री और निदेशक रूपाली पत्री ने ऑक्सीजन प्लांट की कीमत 33 लाख रुपये बताई थी. बाद में सत्यनारायण पत्री और रूपाली पत्री ने कूटरचित प्रपत्र रेणुका ट्रांसपोर्ट कंपनी की फर्जी एलआर की फोटो दिखाकर ऑक्सीजन प्लांट डिस्पैच किए जाने की झूठी बात बताई. इसके बाद इनवॉइस और ईबे. बिल के जरिए फ्रॉड करके 30 लाख रुपए ले लिए.
डॉ प्रांजल सिंह का आरोप है कि बाद में ना तो उन्हे ऑक्सीजन प्लांट डिस्पैच मिला और ना ही रकम वापस मिली. इससे परेशान होकर डॉ. प्रांजल सिंह ने बिजनौर थाने में मामला दर्ज कराया. पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच पड़ताल करते हुए एक टीम गठित की. इसके बाद टीम ने आरोपी रुपाली पत्री को महाराष्ट्र के पुणे से गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने वैधानिक कार्रवाई करते हुए आरोपी महिला को जेल भेज दिया है.
बिजनौर प्रभारी निरीक्षक राजकुमार के मुताबिक ऑक्सीजन प्लांट लगवाने के नाम पर ठगी करने वाली आरोपी महिला को गिरफ्तार करके जेल में निरुद्ध किया गया है.
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ऑक्सीजन प्लांट के नाम पर 30 लाख की ठगी, आरोपी गिरफ्तार
लखनऊ में ऑक्सीजन प्लांट के नाम पर 30 लाख की ठगी करने वाली महिला को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
लखनऊ: जनपद में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है. पुलिस ने ठगी करने वाली एक शातिर महिला को महाराष्ट्र के पुणे से गिरफ्तार किया है.
विनायक मेडिकेयर हॉस्पिटल की एचआर डायरेक्टर डॉ. प्रांजल सिंह ने प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार अपने अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगवाने के लिए महाराष्ट्र में पुणे स्थित प्रोटो इंजीनियरिंग कंपनी से एक करार(fraud in name of oxygen plant ) किया था. जिसमें ऑक्सीजन कंपनी के मालिक सत्यनारायण पत्री और निदेशक रूपाली पत्री ने ऑक्सीजन प्लांट की कीमत 33 लाख रुपये बताई थी. बाद में सत्यनारायण पत्री और रूपाली पत्री ने कूटरचित प्रपत्र रेणुका ट्रांसपोर्ट कंपनी की फर्जी एलआर की फोटो दिखाकर ऑक्सीजन प्लांट डिस्पैच किए जाने की झूठी बात बताई. इसके बाद इनवॉइस और ईबे. बिल के जरिए फ्रॉड करके 30 लाख रुपए ले लिए.
डॉ प्रांजल सिंह का आरोप है कि बाद में ना तो उन्हे ऑक्सीजन प्लांट डिस्पैच मिला और ना ही रकम वापस मिली. इससे परेशान होकर डॉ. प्रांजल सिंह ने बिजनौर थाने में मामला दर्ज कराया. पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच पड़ताल करते हुए एक टीम गठित की. इसके बाद टीम ने आरोपी रुपाली पत्री को महाराष्ट्र के पुणे से गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने वैधानिक कार्रवाई करते हुए आरोपी महिला को जेल भेज दिया है.
बिजनौर प्रभारी निरीक्षक राजकुमार के मुताबिक ऑक्सीजन प्लांट लगवाने के नाम पर ठगी करने वाली आरोपी महिला को गिरफ्तार करके जेल में निरुद्ध किया गया है.
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