लखनऊ : राजधानी में बीते दिनों विधायक आवास में बैठ कर ठगों ने एक युवक की सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर पांच लाख की ठगी कर ली. इंदिरानगर इलाके में तो मंत्रियों व अधिकारियों से अच्छी पकड़ होने का झांसा देकर सरकारी नौकरी दिलाने के लिए बकायदा ठगों ने कॉल सेंटर खोल कर रखा था. इतना ही नहीं सुदूर जिलों के रहने वाले लोगों को लखनऊ में कम कीमत में जमीन दिलाने के नाम पर भी आए दिन ठगी होना आम सी बात हो गई है.
वर्ष 2023 में जनवरी से लेकर अब तक लखनऊ के थानों में दर्ज कुल मुकदमों में 30 फीसदी मामले गंभीर क्राइम से संबंधित हैं. जबकि 70 प्रतिशत मामले किसी ने किसी तरह के फ्रॉड से जुड़े हैं. रोजाना लखनऊ के अलग अलग थानों में 40 प्रतिशत मुकदमे ठगी से जुड़ी दर्ज होते हैं. इनमें ऑफलाइन ठगी के सबसे ज्यादा मामले हजरतगंज, विभूतिखंड, गोमतीनगर, गाजीपुर, सुशांत गोल्फ सिटी, ठाकुरगंज, मड़ियांव और चिनहट में दर्ज होते हैं. इसके पीछे का कारण इन इलाकों में सबसे ज्यादा कॉरपोरेट और सरकारी ऑफिस हैं.
ऑफलाइन फ्रॉड से ऐसे बचें : बीते कुछ वर्षों में ठगी के मामलों को देखें तो ठगी लखनऊ में जरूर होती है लेकिन शिकार अन्य जिलों के ही होते है. जांच में सामने आया है कि बेरोजगारों को नौकरी दिलाने का झांसा देने वाले ठग लखनऊ को जानबूझ कर चुनते हैं. इसके पिछले का कारण है कि अधिकतर बेरोजगार नौकरी की तलाश में घूमते रहते हैं. इतना ही नहीं ठग शिकार के सामने लखनऊ में विधायकों, मंत्रियों और सचिवालय में बैठ कर खुद को सचिवालयकर्मी बता कर भरोसा जीत लेते हैं. ऐसे लोगों से बचने के लिए ऑनलाइन विज्ञापन में भरोसा न करके खुद जांच पड़ताल करें. इसके अलावा मकान, जमीन व दुकान के मामले में राजस्व व कचहरी से ओरिजनल डॉक्यूमेंट्स की जरूरी पड़ताल करें. पैसा दो गुना करने वाली स्कीमों से बिल्कुल दूर रहना चाहिए. अब तक जितनी भी ऐसी स्कीम आई है, वो फ़्रॉड ही निकली हैं.
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