लखनऊ: राज्य शहरी विकास अभिकरण (सूडा) के निदेशक उमेश प्रताप सिंह ने प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना स्ट्रीट वेण्डर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है. इनमें शहरी पथ विक्रेताओं को ऋण दिलवाने में डूडा कानपुर नगर, गाजियाबाद तथा फतेहपुर जिले के परियोजना अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई की संस्तुति करते हुए उन्हें आरोप-पत्र दिया है. इसके अतिरिक्त डूडा, आजमगढ़ के परियोजना अधिकारी का वेतन भी रोकने की कार्रवाई की है.
18 मिशन प्रबन्धक व 36 सामुदायिक आयोजकों का वेतन रोका
सूडा के निदेशक ने बताया कि पीएम स्वनिधि योजना के अन्तर्गत मध्य शहरी पथ विक्रेताओं को ऋण दिलाने के लिए विशेष मेलों का अयोजन किया गया था, जिसमें डूडा, बरेली, गाजियाबाद, कानपुर नगर, मऊ, मेरठ, फतेहपुर, जालौन तथा लखनऊ के मिशन प्रबन्धकों एवं सामुदायिक आयोजकों द्वारा इस योजना में रुचि न लेने के कारण 18 मिशन प्रबन्धकों एवं 36 सामुदायिक आयोजकों का फरवरी माह का वेतन रोका गया है.
इन्हें दी गई नोटिस
इसके साथ ही 21 मिशन प्रबन्धकों और 53 सामुदायिक आयोजकों को नोटिस दिया गया है. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में भी लक्ष्य के सापेक्ष अपेक्षित प्रगति न होने के कारण जनपद डूडा, औरेया, अयोध्या, बलिया, बस्ती, भदोही, एटा, जौनपुर, कानपुर देहात, कौशाम्बी, महोबा, मऊ, रामपुर, संत कबीर नगर एवं सोनभद्र के सीएलटीसी इंजीनियरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई
सूडा के निदेशक उमेश कुमार सिंह ने बताया कि सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की अनियमितता, उदासीनता व लापरवाही बर्दाशत नहीं की जायेगी, तथा जो भी इस योजना के अन्तर्गत कोई भी इंजीनियर या अन्य कर्मचारी कार्य में अक्षम पाये जाने पर उनकी सेवाएं समाप्त करने की कार्रवाई की जायेगी.