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सिंचाई विभाग के इंजीनियर इन चीफ पर आज तय होंगे आरोप, अदालत ने कही यह बात

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सिंचाई विभाग में जिलेदार के पद पर प्रोन्नति के मामले में रिट कोर्ट के आदेश का अनुपालन न करने के आरोप में सिंचाई विभाग के इंजीनियर इन चीफ मुश्ताक अहमद को शुक्रवार के लिए तलब किया है.

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Published : Dec 22, 2022, 10:07 PM IST

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सिंचाई विभाग में जिलेदार के पद पर प्रोन्नति के मामले में रिट कोर्ट के आदेश का अनुपालन न करने के आरोप में सिंचाई विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ मुश्ताक अहमद (Irrigation Department Engineer-in-Chief Mushtaq Ahmed) को शुक्रवार के लिए तलब किया है. न्यायालय ने कहा है कि आदेश का जानबूझ कर अनुपालन न करने के आरोप उक्त अधिकारी पर तय की जाएंगे. लिहाजा वह शुक्रवार को 10:15 बजे कोर्ट में हाजिर हो.


यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव सिंह (Justice Rajeev Singh) की एकल पीठ ने सौरभ त्रिपाठी व अन्य की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर पारित किया. याचियों का कहना है (say the petitioners) कि रिट कोर्ट ने 5 अगस्त 2021 को आदेश दिया था कि याचियों व दूसरे चयनित अभ्यर्थियों की जिलेदार पद पर प्रोन्नति के दावे पर पुनर्विचार किया जाए. साथ ही प्रत्येक अभ्यर्थी के मेरिट का परीक्षण किया जाए। रिट कोर्ट ने यह भी आदेशित किया था कि यदि कोई भी अभ्यर्थी प्रोन्नति के सम्बंध में पूर्व में हुई गड़बड़ी में शामिल था तो उसे सुनवाई का मौका देते हुए, इस बारे में भी यथोचित आदेश पारित किया जाए.

न्यायालय ने पाया कि मामले में पहले भी एक अवमानना याचिका दाखिल (contempt petition filed) हुई थी. जिसमें तत्कालीन इंजीनियर-इन-चीफ (engineer-in-chief) द्वारा शपथ पत्र दाखिल कर रिट कोर्ट के आदेश का अनुपालन (Compliance of order of writ court) की जाने की बात कही गई थी. तब न्यायालय ने उक्त शपथ पत्र पर भरोसा करते हुए, पूर्व की अवमानना याचिका (contempt petition) को निरस्त कर दिया था.

यह भी पढ़ें : योगी कैबिनेट के फैसले : मत्स्य सम्पदा, इमारती लकड़ी, वन उपज समेत इन प्रस्तावों पर लगी मुहर

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सिंचाई विभाग में जिलेदार के पद पर प्रोन्नति के मामले में रिट कोर्ट के आदेश का अनुपालन न करने के आरोप में सिंचाई विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ मुश्ताक अहमद (Irrigation Department Engineer-in-Chief Mushtaq Ahmed) को शुक्रवार के लिए तलब किया है. न्यायालय ने कहा है कि आदेश का जानबूझ कर अनुपालन न करने के आरोप उक्त अधिकारी पर तय की जाएंगे. लिहाजा वह शुक्रवार को 10:15 बजे कोर्ट में हाजिर हो.


यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव सिंह (Justice Rajeev Singh) की एकल पीठ ने सौरभ त्रिपाठी व अन्य की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर पारित किया. याचियों का कहना है (say the petitioners) कि रिट कोर्ट ने 5 अगस्त 2021 को आदेश दिया था कि याचियों व दूसरे चयनित अभ्यर्थियों की जिलेदार पद पर प्रोन्नति के दावे पर पुनर्विचार किया जाए. साथ ही प्रत्येक अभ्यर्थी के मेरिट का परीक्षण किया जाए। रिट कोर्ट ने यह भी आदेशित किया था कि यदि कोई भी अभ्यर्थी प्रोन्नति के सम्बंध में पूर्व में हुई गड़बड़ी में शामिल था तो उसे सुनवाई का मौका देते हुए, इस बारे में भी यथोचित आदेश पारित किया जाए.

न्यायालय ने पाया कि मामले में पहले भी एक अवमानना याचिका दाखिल (contempt petition filed) हुई थी. जिसमें तत्कालीन इंजीनियर-इन-चीफ (engineer-in-chief) द्वारा शपथ पत्र दाखिल कर रिट कोर्ट के आदेश का अनुपालन (Compliance of order of writ court) की जाने की बात कही गई थी. तब न्यायालय ने उक्त शपथ पत्र पर भरोसा करते हुए, पूर्व की अवमानना याचिका (contempt petition) को निरस्त कर दिया था.

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