लखनऊ: स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (SIT) ने मंगलवार को सहारनपुर जिले (Saharanpur District) के टपरी स्थित देशी शराब की फैक्ट्री (Liquor Factory) में राजस्व की चोरी (Revenue Theft) के मामले में एक बड़ा खुलासा किया है. SIT का दावा है कि टपरी स्थित देशी शराब की फैक्ट्री में 35 करोड़ रुपये के राजस्व की चोरी (Revenue Theft of 35 Crores in Liquor Factory ) की गई है. करोड़ों की ये चोरी दोहरी ट्रिप और नकली बार व क्यूआर कोड बनाकर की गई. SIT ने मामले में गिरफ्तार 9 आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र (Charge Sheet) दाखिल कर दिया है. सभी अभियुक्तों के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज तैयार करने, जालसाजी और 60 आबकारी अधिनियम के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया है.
एसआईटी के डीजी आरपी सिंह (SIT DG RP Singh) ने बताया कि 4 मार्च को सहारनपुर के टपरी स्थित देशी शराब की फैक्ट्री कोऑपरेटिव कंपनी लिमिटेड के खिलाफ एक्साइज चोरी के दो मुकदमे दर्ज किए गए थे. इस मामले में एसटीएफ (STF) ने 16 लोगों को आबकारी विभाग (Excise Department) की मदद से गिरफ्तार किया था. विवेचना में सामने आया कि फैक्ट्री मालिकों ने साजिश कर 35 करोड़ रुपये की कर चोरी (Tax Evasion) की है.
सप्लाई करने वाले ट्रकों से कराई जा रही थी डबल ट्रिप
डीजी के मुताबिक, कंपनी द्वारा देशी शराब की सप्लाई ले जा रहे ट्रकों से डबल ट्रिप करवाई जा रही थी. आबकारी विभाग द्वारा कोऑपरेटिव को सीएल-2 गोदामों तक शराब ले जाने के लिए पीडी-25ए पास जारी किया जाता है. इसमें तारीख व समय सहित शराब की सप्लाई करने की अवधि तय है. इसमें ट्रक ड्राइवर ट्रक लेकर एक बार शराब फैक्ट्री से लेकर देशी शराब के गोदाम तक पहुंचाने के बाद उसी अवधि में दोबारा फैक्ट्री वापस आकर फिर से सप्लाई लेकर दोबारा निकल जाता था. नतीजतन, एक ट्रिप में तो तय एक्साइज ड्यूटी दी जाती थी लेकिन दूसरी ट्रिप की ड्यूटी चोरी कर ली जाती थी.
ऐसे होता था खेल
इस पूरे खेल में डुप्लीकेट बार व क्यूआर कोड बनाया जाता था. आबकारी विभाग द्वारा आवांटित बार कोड और क्यूआर कोड का दुरुपयोग किया जाता था. बार कोड को शराब की पेटियों और क्यूआर कोड को शराब की बोतलों पर चिपकाने का प्रावधान है. जांच में पाया गया कि मैनेजमेंट के पदाधिकारियों के निर्देश पर जब ट्रक दोबारा ट्रिप लगाने आती थी, तब डुप्टीकेट बार व क्यूआर कोड तैयार कर बोतलों व पेटियों पर चिपका दिए जाते थे. यह सिलसिला एक अप्रैल 2020 से 28 फरवरी 2021 तक 11 महीनों की अवधि तक चला. इस दौरान 99 डबल ट्रिप की गईं, जिससे सरकार को 35 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. डीजी ने बताया कि जांच में प्रकाश में आए छह अभियुक्तों में दो सीएल-2 गोदामों के ठेकेदार हैं. उनके विरुद्ध भी जांच की जा रही है. साथ ही आबकारी विभाग के चार अधिकारी-कर्मचारियों की भूमिका भी पाई गई है. उनकी भी विवेचना जारी है.
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इन अभियुक्तों के खिलाफ दाखिल हुआ आरोप पत्र
SIT ने 9 आरोपियों के खिलाफ आरोप दाखिल किया है. इसमें क्रमशः यूनिट हेड उपेंद्र गोविंद राव, बाटलिंग इंचार्ज हरिशरण तिवारी, ईटीपी ऑपरेटर मांगेराम त्यागी, असिस्टेंट मैंनेजर क्वालिटी कंट्रोल संजय शर्मा, केमिस्ट अरविंद कुमार, बारकोड डिस्पेचर प्रदीप कुमार, ट्रांसपोर्टर जय भगवान, ट्रक ड्राइवर गुलशेर और परिचारक अशोक कुमार शामिल हैं.
इनके खिलाफ विवेचना जारी
सात नामजद अभियुक्तों के खिलाफ विवेचना जारी है. इनमें क्रमशः मैनेजिंग डायरेक्टर प्रणय अनेजा, वाइस प्रेसिडेंट वीरेंद्र शंखधर, वाइस प्रेसिडेंट ऑपरेशन एंड क्वालिटी कंट्रोल कमल डेनियल, एचआर हेड सोमशेखर, सेल्स हेड अश्विनी उपाध्याय, ट्रांसपोर्टर सत्यवान और उन्नाव के देशी शराब गोदाम के ठेकेदार अजय जायसवाल शामिल हैं.