लखनऊः एक महीने से लगातार लखनऊ के रहमान खेड़ा व उससे सटे गांवों के आसपास घूम रहे बाघ की दहशत लगातार बनी हुई है. मंगलवार को मीठेनगर व मल्हा गाव में बाघ के पगचिह्न मिले हैं. बाघ को ट्रैकुलाइज करने के लिए वन विभाग की हर कोशिश नाकाम हो चुकी है. बाघ को पकड़ने के लिए दुधवा से प्रशिक्षित हथिनियां बुलाई जा रही हैं तो वही बाघ को कैमरे में ट्रैप करने के लिए 12 औऱ नए कैमरे लगाए गए हैं. बाघ की दहशत के चलते संस्थान के बाहर रेलवे क्रासिंग पर लोहे की जाली लगाकर रेलवे गेटमैन के कमरे की सुरक्षा बढ़ाई गई है. पिछले हफ्ते केबिन मैन के सामने बाघ आ गया था उसने भाग कर अपनी जान बचाई थी.
हटाए गए नोडल अधिकारीः रविवार रात पिंजरे में बांधे गए पड़वे की मौत के बाद एसडीओ हरिलाल चौरसिया को नोडल अधिकारी के पद से हटा दिया गया है. मोहनलालगंज एसडीओ चंदन चौधरी को बाघ पकड़ो अभियान का नोडल अधिकारी बनाया गया है.
मीठेनगर और मल्हा में मिले पगचिह्नः डीएफओ सुधांशु पांडे ने बताया कि मंगलवार को सूचना प्राप्त हुई कि मोहम्मद नगर के रहमत नगर गांव के पास बाघ के पगचिह्न देखे गए हैं. इसके बाद तत्काल डब्लूटीआई की टीम मौके पर पहुंची. टीम को बाघ के पगचिह्न मिले हैं. मंगलवार की सुबह हलवापुर स्थित बेहता नाला के किनारे से होते हुए संस्थान के अंदर ट्रैपिंग केज के पास से मचान को जाते हुए बाघ के पगचिह्न पाए गए. बाघ को कैमरे में ट्रैप करने के लिए 12 औऱ नए कैमरे संस्थान मे लगाए गए हैं.
डीएफओ सितांशु पाण्डेय ने बताया कि अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (प्रोजेक्ट टाइगर) ललित कुमार वर्मा ने पशु विशेषज्ञों के साथ केंद्रीय उपोष्षण संस्थान के जंगल में स्थलीय निरीक्षण किया. मचान के आसपास उगी घनी झाड़ियों की साफ सफाई करने के निर्देश दिये ताकि मचान के आसपास बाघ का मूवमेंट होने पर आसानी से ट्रैंकुलाइज किया जा सके. साथ ही तीन अन्य जगह भी बाघ को पकड़ने के लिए तैयारी की गई है.
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