लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने निकाय चुनाव की समीक्षा के बाद पार्टी के पदाधिकारियों में बड़ा बदलाव किया है. बसपा सुप्रीमो ने निकाय चुनाव में हार के बाद 4 मंडल कोऑर्डिनेटर की व्यवस्था को खत्म कर दिया है. अब इनकी जगह पर तीन कोऑर्डिनेटर रखे जाएंगे. मंडल प्रभारियों का बोझ भी हल्का किया गया है. अभी तक सभी मंडल प्रभारियों को 3 से 4 मंडलों का प्रभार दिया जाता था. गुरुवार को हुई समीक्षा के बाद बसपा प्रमुख के निर्देश पर सभी मंडल प्रभारियों से एक-एक, दो-दो मंडल कम कर दिए गए हैं.
बसपा के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल को अयोध्या मंडल के प्रभारी का भी दायित्व सौंपा गया है. इसके अलावा शमसुद्दीन रायनी को कानपुर मेरठ और सहारनपुर की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं मुनकाद अली को आगरा, अलीगढ़ व मुरादाबाद की जिम्मेदारी दी गई है. निकाय चुनाव में हार के बाद बसपा सुप्रीमो ने 'वोट हमारा राज तुम्हारा, नहीं चलेगा' नारे के साथ लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू करने के निर्देश सभी पदाधिकारियों को दिए हैं. बसपा प्रमुख ने उत्तर प्रदेश के जिला स्तर के पदाधिकारियों को लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट जाने के निर्देश दिए हैं.
बसपा मुखिया ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सभी पदाधिकारियों को सामूहिक रूप से जुड़कर गांव-गांव में प्रयास तेज करने के निर्देश दिए हैं. बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि अगले 3 महीने तक विधानसभा से लेकर बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करें, जहां कुछ खामियां हैं उनको तुरंत दूर करें. इसके अलावा जो लोग बिल्कुल निष्क्रिय हैं, उनकी जगह नए लोगों को पार्टी की जिम्मेदारी दी जाए. बसपा प्रमुख ने पार्टी पदाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आपसी गुटबाजी, मनमुटाव व टिकट नहीं मिल पाने से हालात थोड़े भिन्न जरूर रहते हैं. संगठन को मजबूत करने की जरूरत है.
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