लखनऊ : ऊर्जा विभाग ने सात दिन के अंदर कनेक्शन के लिए आवेदन करने वाले उपभोक्ताओं को कनेक्शन देने का नियम बना रखा है, लेकिन हकीकत यही है कि उपभोक्ताओं को समय पर कनेक्शन नहीं मिल पा रहा है. जिसको लेकर यूपीपीसीएल के चेयरमैन ने सभी अधिकारियों को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि जनता को विद्युत कनेक्शन आसानी से एक सप्ताह की समय सीमा में मिले, यह तय किया जाये. हमारी यह नीति है कि हम सबको विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराएं. नये कनेक्शन के लिये अवर अभियंता या सहायक अभियंता को अगर कोई कमी लगती है तो अधिशासी अभियंता को सूचित करें कि कनेक्शन क्यों नहीं दिया जा सकता. अधिशासी अभियंता आगे की कार्रवाई कराएंगे. उत्तर प्रदेश पावर काॅरपोरेशन के अध्यक्ष डा. आशीष कुमार गोयल ने बिजली के कनेक्शन को लेकर यह निर्देश अधिकारियों को जारी किए हैं. उन्होंने कहा कि 'सरकारी आवासों पर प्राथमिकता से प्री-पेड मीटर स्थापित किए जाएं.'
उन्होंने कहा कि 'उपभोक्ता का हर स्तर पर सहयोग करिये. उसको विद्युत सम्बन्धी कार्यों में परेशानी न हो. 40 मीटर के अंदर और 50 किलोवाट तक के कनेक्शन देने में किसी तरह के इस्टीमेट का प्राविधान नहीं है. इस नियम का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए. शक्ति भवन में आयोजित बैठक में उन्होंने कहा कि उपभोक्ता फ्रेंडली माहौल बनाना है. उपभोक्ता हमारे लिये महत्वपूर्ण हैं. हमारा कार्य व्यवहार ऐसा होना चाहिए जिससे लोग सहजता पूर्वक विद्युत संबंधी कार्य करा सकें. कहा कि प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए जरूरी है कि हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को कनेक्शन दें. समय से उनको सही रीडिंग का बिल उपलब्ध कराएं.'
यूपीपीसीएल अध्यक्ष ने कहा कि 'हमारा लक्ष्य है जितनी बिजली दें उतना राजस्व वसूल होना चाहिए. हम यह तय करें कि किसी को भी गलत बिल नहीं देंगे और अगर मीटर की खराबी के कारण गलत बिल आया है तो मीटर बदलकर सही बिल भिजवायें. उन्होंने कहा है कि नये संयोजन मीटर परिसर के बाहर स्थापित किया जाना सुनिश्चित किया जाए. नये संयोजन को आर्मड केबल के माध्यम से निर्गत किये जाने के निर्देश विद्युत कोड में है, इसको सुनिश्चित करते हुये उपभोक्ताओं को आर्मड केबल का प्रयोग अनिवार्य किया जाए. झटपट पोर्टल पर नये संयोजन के क्रम मे दो विकल्प दिये जाएं. संयोजन निर्गत करने वाले कार्मिक एक माह में प्रथम सही बिल बनाकर उपभोक्ता को दें. डिस्काॅम की तरफ से चिन्हित क्षेत्र में मीटर की जांच वाह्य एजेंसी से कराई जाये.'
उन्होंने कहा कि '10 हजार तक के बकायेदारों के लिए अवर अभियंता, 10 हजार से एक लाख तक के बकायेदारों के लिए एसडीओ, एक लाख से पांच लाख तक के बकायेदारों के लिए अधिशासी अभियंता, पांच लाख से 10 लाख तक के बकायेदारों के लिए अधीक्षण अभियंता, 10 लाख से अधिक के बकायेदारों के लिए मुख्य अभियंता उत्तरदायी होंगे.'