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यूपीडा के सीईओ ने बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे निर्माण कार्यों की समीक्षा की, दिए ये निर्देश

सीईओ अवनीश कुमार अवस्थी की अध्यक्षता में बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्यों की समीक्षा की गई. बैठक में सीईओ अवस्थी ने एक्सप्रेस-वे के निर्माण में आने वाली समस्याओं का निराकरण करने के निर्देश दिए.

बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्यों की समीक्षा.
बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्यों की समीक्षा.
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Published : Sep 20, 2020, 3:09 AM IST

लखनऊ: यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अवनीश कुमार अवस्थी की अध्यक्षता में शनिवार को बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्यों की समीक्षा लोक भवन में की गई. इस बैठक में यूपीडा के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ निर्माण कम्पनियों के प्रतिनिधि एवं सभी पीआईयू के अधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मौजूद थे. बैठक में सीईओ अवस्थी ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया. उन्होंने कहा कि वे एक्सप्रेसवे के मेन कैरिजवे और सर्विस रोड पर आने वाली सभी समस्याओं का निराकरण त्वरित गति से कराना सुनिश्चित करें.

अवस्थी ने निर्माण कार्य करने वाली कम्पनियों को गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए फ्लाईओवर का निर्माण कार्य तेजी से कराने के निर्देश दिए. इसके अतिरिक्त स्ट्रक्चर्स के निर्माण कार्य को भी शीघ्रता से कराना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए. अवस्थी ने यूटिलिटी शिफ्टिंग के कार्य जैसे ट्यूबवेल, इलेक्ट्रिकल लाइन्स इत्यादि को हटाने के भी निर्देश दिए, जिससे एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य शीघ्रता से बिना किसी परेशानी के पूर्ण कराया जा सके. उन्होंने कहा कि एक्सप्रेसवे के मार्ग में पड़ने वाली नदियों केन, बेतवा व यमुना पर बनने वाले पुलों का निर्माण शीघ्र प्रारम्भ किया जाए.

अवस्थी ने एक्सप्रेसवे के मार्ग में पड़ने वाले सभी जनपदों के जिलाधिकारियों से बात कर उन्हें एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य को त्वरित गति से कराने के निर्देश दिए. उल्लेखनीय है कि बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे जनपद चित्रकूट में भरतकूप के पास से प्रारम्भ होकर जनपद बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया होते हुए आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर राष्ट्रीय राजमार्ग सं.-91 (इटावा-बेवर मार्ग) से लगभग 16 किमी पूर्व कुदरैल गांव के पास समाप्त होगा. इस एक्सप्रेस-वे की लम्बाई 296.07 किमी है, जिसका निर्माण 6 पैकेजों में किया जा रहा है. यह एक्सप्रेस-वे फोरलेन चौड़ा (06 लेन में विस्तारणीय) होगा. 19 सितम्बर 2020 तक एक्सप्रेस-वे का 16 प्रतिशत भौतिक कार्य पूर्ण कर लिया गया है.

लखनऊ: यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अवनीश कुमार अवस्थी की अध्यक्षता में शनिवार को बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्यों की समीक्षा लोक भवन में की गई. इस बैठक में यूपीडा के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ निर्माण कम्पनियों के प्रतिनिधि एवं सभी पीआईयू के अधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मौजूद थे. बैठक में सीईओ अवस्थी ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया. उन्होंने कहा कि वे एक्सप्रेसवे के मेन कैरिजवे और सर्विस रोड पर आने वाली सभी समस्याओं का निराकरण त्वरित गति से कराना सुनिश्चित करें.

अवस्थी ने निर्माण कार्य करने वाली कम्पनियों को गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए फ्लाईओवर का निर्माण कार्य तेजी से कराने के निर्देश दिए. इसके अतिरिक्त स्ट्रक्चर्स के निर्माण कार्य को भी शीघ्रता से कराना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए. अवस्थी ने यूटिलिटी शिफ्टिंग के कार्य जैसे ट्यूबवेल, इलेक्ट्रिकल लाइन्स इत्यादि को हटाने के भी निर्देश दिए, जिससे एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य शीघ्रता से बिना किसी परेशानी के पूर्ण कराया जा सके. उन्होंने कहा कि एक्सप्रेसवे के मार्ग में पड़ने वाली नदियों केन, बेतवा व यमुना पर बनने वाले पुलों का निर्माण शीघ्र प्रारम्भ किया जाए.

अवस्थी ने एक्सप्रेसवे के मार्ग में पड़ने वाले सभी जनपदों के जिलाधिकारियों से बात कर उन्हें एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य को त्वरित गति से कराने के निर्देश दिए. उल्लेखनीय है कि बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे जनपद चित्रकूट में भरतकूप के पास से प्रारम्भ होकर जनपद बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया होते हुए आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर राष्ट्रीय राजमार्ग सं.-91 (इटावा-बेवर मार्ग) से लगभग 16 किमी पूर्व कुदरैल गांव के पास समाप्त होगा. इस एक्सप्रेस-वे की लम्बाई 296.07 किमी है, जिसका निर्माण 6 पैकेजों में किया जा रहा है. यह एक्सप्रेस-वे फोरलेन चौड़ा (06 लेन में विस्तारणीय) होगा. 19 सितम्बर 2020 तक एक्सप्रेस-वे का 16 प्रतिशत भौतिक कार्य पूर्ण कर लिया गया है.

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