लखनऊ: राजधानी स्थित लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा यूजी ,यूजी प्रबंधन में केंद्रीकृत काउंसलिंग प्रक्रिया चल रही है. जिसमें काउंसलिंग में शामिल होने के लिए अभ्यर्थियों को 200 रुपये पंजीकरण व 1 हजार रुपया एडवांस फीस देनी पड़ रही है. इसके बावजूद उन्हें ना तो सीटों की जानकारी दी जा रही है और ना ही स्कूलों की जानकारी दी जा रही है. यूजी, यूजी प्रबंधन कार्यक्रम में आवेदन करने वाले छात्र ज्यादातर लखनऊ विवि परिसर में ही सीट चाहते हैं. सीट ना खाली होने पर वह अन्य संस्थानों में दाखिला ले सकते हैं लेकिन सीट, मैट्रिक्स ना पता होने से काउंसलिंग में शामिल होने के लिए 1200 रुपये का भुगतान करना उनकी मजबूरी है.
लखनऊ विश्वविद्यालय में इस साल केंद्रीय कृत काउंसलिंग के तहत विवि परिसर के साथ ही विश्वविद्यालय से सम्बद्ध 66 कॉलेजों में दाखिले लिए जा रहे हैं. वहीं इनमें से ज्यादातर कॉलेज स्ववित्तपोषित ही हैं. पिछले साल के आंकड़े देखने पर पता चलता है कि स्ववित्तपोषित कॉलेजों में दाखिले की संख्या बहुत कम होती थी. इसे देखते हुए लखनऊ विवि ने इस साल से केंद्रीकृत काउंसलिंग शुरू की है. इसके लिए विवि ने प्रत्येक कॉलेज से प्रति कोर्स के हिसाब से 50 हजार रुपये फीस भी ली है. काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू करते समय लखनऊ विवि परिसर और सभी कॉलेजों की सीटों का विवरण लखनऊ विश्वविद्यालय ने जारी किया था. पहले चरण में सीट आवंटन किया गया तथा उसके बाद में मनपसंद सीट ना पाने वाले अभ्यर्थियों को अपग्रेडेशन का मौका भी दिया गया.
अपग्रेडेशन का रिजल्ट 18 अक्टूबर 2020 को जारी कर दिया गया था, इसके बाद खाली बची सीटों का ब्यौरा जारी होना था. लेकिन विश्वविद्यालय ने यह ब्योरा नहीं जारी किया और शुक्रवार से अगले चरण के लिए पंजीकरण प्रक्रिया शुरू कर दी गई.
इस चरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद पूरा सीट मैट्रिक्स जारी किया जाएगा. विश्वविद्यालय परिसर और कॉलेजों में भी खाली सीट की जानकारी सभी को मिल जाएगी. फिलहाल काफी सीटें उपलब्ध है, इसी वजह से अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के लिए कहा गया है. काउंसलिंग में कोई मनमानी नहीं की जा रही है. अभ्यर्थियों से 200 रुपये काउंसलिंग फीस ली जा रही है. 1000 रुपये एडवांस है. सीट न मिलने पर यह फीस अभ्यर्थियों को वापस कर दी जाएगी.
-दुर्गेश श्रीवास्तव, मीडिया प्रभारी लखनऊ विश्वविद्यालय