लखनऊ : देश के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आयोजित हो रहे केंद्रीय विश्वविद्यालय संयुक्त प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) के तहत हुए प्रवेश परीक्षा के परिणाम 15 जुलाई को जारी होने की संभावना है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) प्रवेश परीक्षा को लेकर आए सभी आपत्तियों को दूर करने की प्रक्रिया के अंतिम चरण में है. सभी आपत्तियों के दूर होने के बाद एनटीए सीयूईटी का परिणाम जारी कर देगा. जिसके बाद सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय व उनसे संबद्ध संस्थानों में प्रवेश के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू होगी. पर काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही विद्यार्थियों को इस बार हुए कुछ नए बदलाव को भी ध्यान में रखना होगा. विशेष तौर पर दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) व बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में काउंसलिंग के लिए अपने नियमों में कुछ बदलाव कर दिया है. जानकारों का कहना है कि जो छात्र इन दोनों विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेना चाहते हैं. उन्हें काउंसिलिंग में शामिल होने के लिए इनके द्वारा जारी नई गाइडलाइन का पालन करना होगा.
डीयू और बीएचयू ने काउंसिलिंग के लिए जारी किया अलग से फॉर्म
सीयूईटी के विशेषज्ञ नितिन प्रकाश ने बताया कि एनडीए की ओर से सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है. इसके बाद भी दिल्ली विश्वविद्यालय है व बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा देने वाले छात्रों को अपने यहां प्रवेश लेने के लिए अलग से काउंसिलिंग का फॉर्म जारी किया है. जो केंद्रीय प्रवेश प्रक्रिया के नियमों से अलग हटकर है. दिल्ली विश्वविद्यालय बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की काउंसिलिंग में शामिल होने के लिए छात्रों को इनकी वेबसाइट पर जाकर नाटक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए सीएसएएस पोर्टल पर जाकर काउंसिलिंग का फॉर्म भरना होगा. इसके लिए छात्र को 250 रुपये फीस अलग से पेमेंट करनी होगी. इसके लिए दिल्ली विश्वविद्यालय में सामान्य वर्ग, ओबीसी व ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के लिए ढाई ₹250 व जबकि एससी-एसटी कैंडिडेट के लिए ₹100 फीस रखा है.
नितिन प्रकाश ने बताया कि अभी तक केवल इन दो बड़े केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने यह नियम लागू किया है. संभावना है कि सीयूईटी का परिणाम आने के बाद कुछ और बड़े केंद्रीय विश्वविद्यालय जैसे इलाहाबाद विश्वविद्यालय व अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय सहित दूसरे बड़े केंद्रीय विश्वविद्यालय में इस तरह का फॉर्म जारी कर सकते हैं. अगर एनटीए द्वारा सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए एकल प्रवेश प्रक्रिया शुरू किया गया है तो छात्रों से अलग से काउंसिलिंग फॉर्म भरवाना कहां तक उचित है. ऐसे में जो छात्र प्रवेश प्रक्रिया पास कर गए हैं पर इन विश्वविद्यालय की काउंसिलिंग फॉर्म को नहीं भरा है तो वहां पर एडमिशन के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं.
यह भी पढ़ें : काशी में शुरू होगा- 'एक लोटा जलाभिषेक ज्ञानवापी मुक्ति के नाम' अभियान