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हर साल केन्द्रांश छात्रवृत्ति में होगी 5 प्रतिशत की वृद्धि : रमापति शास्त्री - सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चन्द्र गहलोत

उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति के 10वीं के बाद की कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति में वृद्धि के संबंध में बड़ा फैसला किया गया है. छात्रवृत्ति में 60 प्रतिशत अंश केंद्र की ओर से दिया जाएगा और इसमें हर वर्ष 5 प्रतिशत वृद्धि की जाएगी.

समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री
समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री
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Published : Jan 8, 2021, 8:19 AM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति के 10वीं के बाद की कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है. उनकी छात्रवृत्ति में अब केंद्र सरकार की तरफ से 60 प्रतिशत अंश दिया जाएगा और हर साल केंद्र की तरफ से मिलने वाले अंश में 5 प्रतिशत की बढोत्तरी की जाएगी. यह जानकारी उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने दी. उन्होंने बताया कि छात्रवृत्ति के लिए सक्षम पोर्टल कार्यरत है. इस पर छात्रवृत्ति योजना के तहत छात्रों के स्तर से ऑनलाइन आवेदन की कार्रवाई चल रही है. उत्तर प्रदेश के सक्षम पोर्टल कोषागार एवं बैंक के माध्यम से धनराशि सीधे छात्रों के खाते में हस्तांतरित की जाती है. अनुसूचित जाति दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के तहत 60 प्रतिशत के केन्द्रांश भारत सरकार की ओर से दिए जाने एवं 05 प्रतिशत प्रत्येक वर्ष केन्द्रांश में वृद्धि की जानकारी सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के मंत्री ने वर्चुवल मीटिंग में दी.

नई गाइड लाइन पर राज्य सरकार ने दी सहमति
योजना भवन में गुरुवार को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चन्द्र गहलोत ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में इस संंबंध में निर्देश दिए. बैठक के बाद यह जानकारी रमापति शास्त्री ने दी. उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना की नई गाइड लाइन पर राज्य सरकार ने सहमति दे दी है.

किया जा रहा है ऑनलाइन सत्यापन
रमापति शास्त्री ने बताया कि अनुसूचित जाति दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के तहत विद्यार्थियों का आधार प्रमाणीकरण एवं भुगतान, वर्ष 2020-21 से प्रारंभ कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के तहत छात्रों की पात्रता, जाति आय, आधार प्रमाणीकरण तथा बैंक खाता आदि के विवरण का ऑनलाइन सत्यापन किया जा रहा है.

सोशल ऑडिट के माध्यम से कराया जाएगा मूल्यांकन
शास्त्री ने यह भी बताया कि वर्ष 2021-22 के शैक्षिक सत्र के लिए आधार नंबर को जोड़कर उपस्थिति की व्यवस्था के लिए विभाग कार्रवाई करेगा. योजना का क्रियान्वयन व प्रभाव को देखने के लिए सोशल आडिट के माध्यम से वार्षिक थर्ड पार्टी से मूल्यांकन कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति के ऐसे छात्र जिनके माता या पिता में कोई एक अथवा दोनों अशिक्षित हैं तथा ऐसे छात्र जिन्होंने कक्षा-10 राज्य सरकार, नगर निगम एवं नगर पालिका अथवा स्थानीय निकाय के विद्यालयों से पास हो, को वरीयता दी जाएगी.

लखनऊः उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति के 10वीं के बाद की कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है. उनकी छात्रवृत्ति में अब केंद्र सरकार की तरफ से 60 प्रतिशत अंश दिया जाएगा और हर साल केंद्र की तरफ से मिलने वाले अंश में 5 प्रतिशत की बढोत्तरी की जाएगी. यह जानकारी उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने दी. उन्होंने बताया कि छात्रवृत्ति के लिए सक्षम पोर्टल कार्यरत है. इस पर छात्रवृत्ति योजना के तहत छात्रों के स्तर से ऑनलाइन आवेदन की कार्रवाई चल रही है. उत्तर प्रदेश के सक्षम पोर्टल कोषागार एवं बैंक के माध्यम से धनराशि सीधे छात्रों के खाते में हस्तांतरित की जाती है. अनुसूचित जाति दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के तहत 60 प्रतिशत के केन्द्रांश भारत सरकार की ओर से दिए जाने एवं 05 प्रतिशत प्रत्येक वर्ष केन्द्रांश में वृद्धि की जानकारी सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के मंत्री ने वर्चुवल मीटिंग में दी.

नई गाइड लाइन पर राज्य सरकार ने दी सहमति
योजना भवन में गुरुवार को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चन्द्र गहलोत ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में इस संंबंध में निर्देश दिए. बैठक के बाद यह जानकारी रमापति शास्त्री ने दी. उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना की नई गाइड लाइन पर राज्य सरकार ने सहमति दे दी है.

किया जा रहा है ऑनलाइन सत्यापन
रमापति शास्त्री ने बताया कि अनुसूचित जाति दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के तहत विद्यार्थियों का आधार प्रमाणीकरण एवं भुगतान, वर्ष 2020-21 से प्रारंभ कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के तहत छात्रों की पात्रता, जाति आय, आधार प्रमाणीकरण तथा बैंक खाता आदि के विवरण का ऑनलाइन सत्यापन किया जा रहा है.

सोशल ऑडिट के माध्यम से कराया जाएगा मूल्यांकन
शास्त्री ने यह भी बताया कि वर्ष 2021-22 के शैक्षिक सत्र के लिए आधार नंबर को जोड़कर उपस्थिति की व्यवस्था के लिए विभाग कार्रवाई करेगा. योजना का क्रियान्वयन व प्रभाव को देखने के लिए सोशल आडिट के माध्यम से वार्षिक थर्ड पार्टी से मूल्यांकन कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति के ऐसे छात्र जिनके माता या पिता में कोई एक अथवा दोनों अशिक्षित हैं तथा ऐसे छात्र जिन्होंने कक्षा-10 राज्य सरकार, नगर निगम एवं नगर पालिका अथवा स्थानीय निकाय के विद्यालयों से पास हो, को वरीयता दी जाएगी.

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