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UP श्रम विभाग में निरीक्षण के लिए केंद्रीय निरीक्षण प्रणाली लागू

प्रदेश सरकार ने श्रम विभाग की निरीक्षण प्रणाली को श्रम अधिनियम में सम्मिलित किया है. साथ ही इनके निरीक्षण के लिए केंद्रीय निरीक्षण प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया है.

यूपी श्रम विभाग.
यूपी श्रम विभाग.
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Published : Jan 15, 2021, 9:33 PM IST

लखनऊः प्रदेश सरकार ने श्रम, फैक्ट्रीज, ब्वॉयलर्स, पर्यावरण विभाग और विधिक बाट माप विज्ञान विभाग को श्रम अधिनियम में सम्मिलित किया है. साथ ही इनके निरीक्षण के लिए केंद्रीय निरीक्षण प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया है. इसी क्रम में श्रम विभाग के अंतर्गत सभी निरीक्षण श्रम अधिनियम के अंतर्गत केंद्रीय निरीक्षण प्रणाली के अधीन किए जाएंगे.

इन अधिनियमों को किया गया है सम्मिलित

अपर मुख्य सचिव श्रम और सेवायोजन सुरेश चंद्रा ने बताया कि इस विषम प्रणाली में निम्नलिखित श्रम अधिनियम में सम्मिलित किए गए हैं. इसके अंतर्गत समान पारिश्रमिक अधिनियम 1976, न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948, उत्तर प्रदेश दुकान और वाणिज्य अधिष्ठान अधिनियम 1962, बोनस भुगतान अधिनियम 1965, वेतन भुगतान अधिनियम 1936, आनुतोषिक भुगतान अधिनियम 1972, संविदा श्रम अधिनियम 1970, कारखाना अधिनियम 1948, भारतीय बॉयलर अधिनियम 1923, मार्तत्व हितलाभ अधिनियम 1961, उत्तर प्रदेश श्रम कल्याण निधि अधिनियम 1965 समाहित है.

3 साल तक देख सकेंगे निरीक्षण रिपोर्ट

उन्होंने बताया कि निरीक्षण के लिए प्रतिष्ठानों का चयन जोखिम के आधार पर किया जाएगा. निरीक्षण श्रम विभाग के पोर्टल पर दिए गए चेक लिस्ट के अनुसार किए जाएंगे. अधिष्ठानों का चयन और निरीक्षकों का चयन केंद्रीय रूप से केंद्रीय निरीक्षण प्रणाली के अंतर्गत इस प्रकार किया जाएगा कि कोई भी निरीक्षक किसी भी प्रतिष्ठान का दो बार निरीक्षण न करें.

उन्होंने बताया कि निरीक्षण टिप्पणी निरीक्षक के 48 घंटों के अंदर केंद्रीय निरीक्षण प्रणाली के पोर्टल पर इस प्रकार अपलोड की जाएगी. ताकि प्रतिष्ठान और विभाग उसे देख सके. उन्होंने श्रम आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि केंद्रीय निरीक्षण प्रणाली के पोर्टल पर अपलोड की जाने वाली निरीक्षण रिपोर्ट को 3 साल तक देखने और डाउनलोड करने की व्यवस्था की जाए.

लखनऊः प्रदेश सरकार ने श्रम, फैक्ट्रीज, ब्वॉयलर्स, पर्यावरण विभाग और विधिक बाट माप विज्ञान विभाग को श्रम अधिनियम में सम्मिलित किया है. साथ ही इनके निरीक्षण के लिए केंद्रीय निरीक्षण प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया है. इसी क्रम में श्रम विभाग के अंतर्गत सभी निरीक्षण श्रम अधिनियम के अंतर्गत केंद्रीय निरीक्षण प्रणाली के अधीन किए जाएंगे.

इन अधिनियमों को किया गया है सम्मिलित

अपर मुख्य सचिव श्रम और सेवायोजन सुरेश चंद्रा ने बताया कि इस विषम प्रणाली में निम्नलिखित श्रम अधिनियम में सम्मिलित किए गए हैं. इसके अंतर्गत समान पारिश्रमिक अधिनियम 1976, न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948, उत्तर प्रदेश दुकान और वाणिज्य अधिष्ठान अधिनियम 1962, बोनस भुगतान अधिनियम 1965, वेतन भुगतान अधिनियम 1936, आनुतोषिक भुगतान अधिनियम 1972, संविदा श्रम अधिनियम 1970, कारखाना अधिनियम 1948, भारतीय बॉयलर अधिनियम 1923, मार्तत्व हितलाभ अधिनियम 1961, उत्तर प्रदेश श्रम कल्याण निधि अधिनियम 1965 समाहित है.

3 साल तक देख सकेंगे निरीक्षण रिपोर्ट

उन्होंने बताया कि निरीक्षण के लिए प्रतिष्ठानों का चयन जोखिम के आधार पर किया जाएगा. निरीक्षण श्रम विभाग के पोर्टल पर दिए गए चेक लिस्ट के अनुसार किए जाएंगे. अधिष्ठानों का चयन और निरीक्षकों का चयन केंद्रीय रूप से केंद्रीय निरीक्षण प्रणाली के अंतर्गत इस प्रकार किया जाएगा कि कोई भी निरीक्षक किसी भी प्रतिष्ठान का दो बार निरीक्षण न करें.

उन्होंने बताया कि निरीक्षण टिप्पणी निरीक्षक के 48 घंटों के अंदर केंद्रीय निरीक्षण प्रणाली के पोर्टल पर इस प्रकार अपलोड की जाएगी. ताकि प्रतिष्ठान और विभाग उसे देख सके. उन्होंने श्रम आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि केंद्रीय निरीक्षण प्रणाली के पोर्टल पर अपलोड की जाने वाली निरीक्षण रिपोर्ट को 3 साल तक देखने और डाउनलोड करने की व्यवस्था की जाए.

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