लखनऊ: शुक्रवार का दिन इतिहास के पन्नों पर दर्ज हो गया. सात साल बाद निर्भया के दोषियों को फांसी दे दी गई. चारों दोषियों पवन, अक्षय, विनय और मुकेश को दिल्ली की तिहाड़ जेल में एक साथ फांसी पर लटकाया गया. इससे लोगों में जश्न का माहौल है. कानपुर में लोगों ने आतिशबाजी कर जश्न मनाया और एक-दूसरे को मिठाई खिलाई. वहीं गोरखपुर के पिपराइच से विधायक महेंद्र पाल सिंह ने कहा कि लोगों का अब न्यायपालिका पर भरोसा बढ़ेगा.
ईटीवी भारत से गोरखपुर के विधायक ने की बातचीत
गोरखपुर: ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान विधानसभा पिपराइच के भाजपा विधायक महेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि निर्भया के साथ जो हुआ, उसकी जितनी निन्दा की जाय वो कम है. फांसी से भी बड़ा यदि कोई दण्ड होता तो वह भी इन दरिंदों को मिलना चाहिए था. क्योंकि उन्होंने हैवानियत की सारी हदों को पार किया था.
विधायक महेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि सत्य कभी पराजित नहीं होता. निर्भया के माता-पिता ने देश की न्यायपालिका पर भरोसा करके धैर्य के साथ लड़ाई लड़ी और जीत हासिल की. इससे कहीं न कहीं न्यायपालिका पर भरोसा बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि न्यायपालिका के इस न्याय पर पूरे देश को गर्व है. भविष्य में इस तरह के कृत करने वालों को सौ बार सोचना पड़ेगा.
निर्भया के हत्यारों को फांसी दिए जाने पर लोगों ने मनाया जश्न
कानपुर: देश की राजधानी में 7 साल पहले हुए निर्भया हत्याकांड में शुक्रवार की सुबह निर्भया के चारों आरोपियों को फांसी दी गई, जिसके बाद लोगों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया. यशोदा नगर में लोगों ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर हाथों में फुलझड़ी और आतिशबाजी कर खूब जश्न मनाया. साथ ही 'भारत माता की जय' के नारे भी लगाए.
लोगों का कहना था कि देर से ही सही, मगर देश की बेटी को न्याय मिल ही गया. आज से 7 साल पहले 2012 में दिल्ली में निर्भया हत्याकांड से देश भर में सनसनी फैल गई थी. जहां इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी ने आत्महत्या कर ली थी. वहीं चार अन्य दोषियों को शुक्रवार सुबह फांसी दे दी .
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