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महंत नरेंद्र गिरि केस: अश्लील सीडी के मामले में आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी से पूछताछ करेगी सीबीआई - lucknow news

महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत मामले में अश्लील सीडी का सच जानने के लिए सीबीआई आनंद गिरी, आद्या तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी से पूछताछ करेगी. बता दें कि पहले ही दिन से एक बात साफ थी कि महंत नरेंद्र गिरि को अश्लील सीडी वायरल करने की धमकी दी जा रही थी, जिसके चलते लोकलाज के डर से बाबा ने सुसाइड कर लिया.

महंत नरेंद्र गिरि केस
महंत नरेंद्र गिरि केस
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Published : Sep 26, 2021, 3:43 PM IST

लखनऊ: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत मामले में अश्लील सीडी का सच जानने के लिए सीबीआई नैनी जेल में बंद आनंद गिरी, आद्या तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी पर शिकंजा कसेगी. सीबीआई की एक टीम अदालत की अनुमति के बाद इन लोगों से पूछताछ करेगी. सीबीआई के सूत्रों की मानें तो टीम तीनों आरोपियों समेत महंत के 8 अन्य करीबियों की संपत्तियों का भी ब्योरा एकत्र कर रही है.

सीबीआई के आईजी वीके चौधरी के नेतृत्व में 7 सदस्यीय टीम समेत प्रयागराज के डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी, एसपी सिटी दिनेश सिंह, एसआईटी प्रभारी सीओ अजीत सिंह चौहान समेत एसआईटी के अन्य 17 सदस्य जांच में महंत की मौत के रहस्यों से पर्दा उठाने में जुटे हैं. महंत की मौत के बाद आनंद गिरि से लेकर मठ के अंदर तक साजिश रचने की बातें सामने आई थीं. टीम गहनता से उसकी जांच कर रही है. पहले ही दिन से एक बात साफ थी कि महंत नरेंद्र गिरि को अश्लील सीडी वायरल करने की धमकी दी जा रही थी, जिसके चलते लोकलाज के डर से बाबा ने सुसाइड कर लिया.

इसे भी पढ़ें- महंत नरेंद्र गिरी मौत मामला: जांच के बाद बाघंबरी मठ से वापस लौटी सीबीआई की टीम

दावा यहां तक किया जा रहा कि आनंद गिरि के कहने पर महंत को सीडी के कुछ अंश भी दिखाए थे और एक-दो दिन में उसे वायरल करने की धमकी भी दी गई थी. उसके बाद से महंत नरेंद्र गिरि आहत थे. उन्होंने अपने वकील को भी फोन करके बुलाया, मगर व्यस्तता के चलते वकील नहीं आ सके. माना जा रहा कि इस वाक्ये के बाद ही महंत ने आत्महत्या करना तय कर लिया था. अब सीबीआई इन तथ्यों को खंगाल रही है. सीबीआई ने उन सदस्यों से पूछताछ की जिन्होंने इस केस में आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी को गिरफ्तार करके जेल भेजा था. सीबीआई यह जानना चाह रही थी कि पकड़े गए आरोपियों ने अपने बयान में क्या कहा ? विवेचना सिर्फ सुसाइड नोट के आधार पर खत्म हो गई या धरपकड़ के दौरान उनसे पूछताछ में कोई तथ्य सामने आया है. कोर्ट के आदेश पर अगर नैनी जेल में जाकर बयान दर्ज किया गया तो उसमें नया तथ्य क्या मिल सकता है. सीबीआई आरोपियों के मोबाइल और कॉल डिटेल के आधार पर पूछताछ करेगी.

इसे भी पढ़ें- नरेंद्र गिरि सुसाइड केस : सीबीआई की टीम पहुंची बाघंबरी मठ

सीबीआई ने एसआईटी से भी पूछताछ की. सीबीआई ने पूछा कि आखिर वह व्यक्ति कौन था जिसने नरेंद्र गिरि को कहा था कि आनंद गिरि हरिद्वार से उनका अश्लील वीडियो वायरल करने वाला था ? क्या उस व्यक्ति से एसआईटी ने अभी तक पूछताछ की है. हालांकि इस पर एसआईटी ने सीबीआई को क्या जानकारी दी, इसका खुलासा नहीं हो सका है. घंटों चली इस बैठक में सीबीआई ने एसआईटी में शामिल हर सदस्य की कार्रवाई जानी. एसआईटी की ओर से जो साक्ष्य और रिपोर्ट सीबीआई को दी गई है, उसी आधार पर सीबीआई मामले में अपडेट ले रही है.

इसे भी पढ़ें- नरेंद्र गिरी मौत मामला: दूसरे दिन बाघंबरी मठ पहुंची CBI, फिंगर प्रिंट लेकर कर रही जांच

सीबीआई को शक है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि इस खेल में कोई और बड़ा चेहरा भी शामिल हो. एक साथ मिलकर करोड़ों की संपत्ति हड़पने के लिए आनंद गिरि को शामिल करके खेल किया गया. परदे के पीछे से नरेंद्र गिरि का सहयोगी बनकर उन्हें उकसाया गया और आनंद गिरि के खिलाफ भड़काया गया. आखिर वह व्यक्ति कौन है जिसके बारे में सुसाइड नोट में लिखा है कि हरिद्वार के एक व्यक्ति ने बताया था कि वहां आनंद गिरि एक महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में थे और उनका अश्लील वीडियो वायरल होने वाला है. नरेंद्र गिरि व्हाट्सएप का इस्तेमाल नहीं करते थे. फिर उस आदमी ने कैसे बातचीत की, क्या सिर्फ फोन पर कहने से ही नरेंद्र गिरि डर गए थे या साजिश के तहत उनके किसी अपने ने ही मठ के अंदर वह अश्लील वीडियो दिखाकर डराया था. इन सवालों की तह तक जाने के लिए सीबीआई प्रयासरत है.

जानकारी के मुताबिक सीबीआई आज किसी सरकारी गेस्ट हाउस को अपना कैंप कार्यालय बनाकर वहां के लिए कुछ फोन नंबर जारी कर सकती है, ताकि इस मामले में लोग उसे जानकारी दे सकें.

लखनऊ: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत मामले में अश्लील सीडी का सच जानने के लिए सीबीआई नैनी जेल में बंद आनंद गिरी, आद्या तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी पर शिकंजा कसेगी. सीबीआई की एक टीम अदालत की अनुमति के बाद इन लोगों से पूछताछ करेगी. सीबीआई के सूत्रों की मानें तो टीम तीनों आरोपियों समेत महंत के 8 अन्य करीबियों की संपत्तियों का भी ब्योरा एकत्र कर रही है.

सीबीआई के आईजी वीके चौधरी के नेतृत्व में 7 सदस्यीय टीम समेत प्रयागराज के डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी, एसपी सिटी दिनेश सिंह, एसआईटी प्रभारी सीओ अजीत सिंह चौहान समेत एसआईटी के अन्य 17 सदस्य जांच में महंत की मौत के रहस्यों से पर्दा उठाने में जुटे हैं. महंत की मौत के बाद आनंद गिरि से लेकर मठ के अंदर तक साजिश रचने की बातें सामने आई थीं. टीम गहनता से उसकी जांच कर रही है. पहले ही दिन से एक बात साफ थी कि महंत नरेंद्र गिरि को अश्लील सीडी वायरल करने की धमकी दी जा रही थी, जिसके चलते लोकलाज के डर से बाबा ने सुसाइड कर लिया.

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दावा यहां तक किया जा रहा कि आनंद गिरि के कहने पर महंत को सीडी के कुछ अंश भी दिखाए थे और एक-दो दिन में उसे वायरल करने की धमकी भी दी गई थी. उसके बाद से महंत नरेंद्र गिरि आहत थे. उन्होंने अपने वकील को भी फोन करके बुलाया, मगर व्यस्तता के चलते वकील नहीं आ सके. माना जा रहा कि इस वाक्ये के बाद ही महंत ने आत्महत्या करना तय कर लिया था. अब सीबीआई इन तथ्यों को खंगाल रही है. सीबीआई ने उन सदस्यों से पूछताछ की जिन्होंने इस केस में आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी को गिरफ्तार करके जेल भेजा था. सीबीआई यह जानना चाह रही थी कि पकड़े गए आरोपियों ने अपने बयान में क्या कहा ? विवेचना सिर्फ सुसाइड नोट के आधार पर खत्म हो गई या धरपकड़ के दौरान उनसे पूछताछ में कोई तथ्य सामने आया है. कोर्ट के आदेश पर अगर नैनी जेल में जाकर बयान दर्ज किया गया तो उसमें नया तथ्य क्या मिल सकता है. सीबीआई आरोपियों के मोबाइल और कॉल डिटेल के आधार पर पूछताछ करेगी.

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सीबीआई ने एसआईटी से भी पूछताछ की. सीबीआई ने पूछा कि आखिर वह व्यक्ति कौन था जिसने नरेंद्र गिरि को कहा था कि आनंद गिरि हरिद्वार से उनका अश्लील वीडियो वायरल करने वाला था ? क्या उस व्यक्ति से एसआईटी ने अभी तक पूछताछ की है. हालांकि इस पर एसआईटी ने सीबीआई को क्या जानकारी दी, इसका खुलासा नहीं हो सका है. घंटों चली इस बैठक में सीबीआई ने एसआईटी में शामिल हर सदस्य की कार्रवाई जानी. एसआईटी की ओर से जो साक्ष्य और रिपोर्ट सीबीआई को दी गई है, उसी आधार पर सीबीआई मामले में अपडेट ले रही है.

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सीबीआई को शक है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि इस खेल में कोई और बड़ा चेहरा भी शामिल हो. एक साथ मिलकर करोड़ों की संपत्ति हड़पने के लिए आनंद गिरि को शामिल करके खेल किया गया. परदे के पीछे से नरेंद्र गिरि का सहयोगी बनकर उन्हें उकसाया गया और आनंद गिरि के खिलाफ भड़काया गया. आखिर वह व्यक्ति कौन है जिसके बारे में सुसाइड नोट में लिखा है कि हरिद्वार के एक व्यक्ति ने बताया था कि वहां आनंद गिरि एक महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में थे और उनका अश्लील वीडियो वायरल होने वाला है. नरेंद्र गिरि व्हाट्सएप का इस्तेमाल नहीं करते थे. फिर उस आदमी ने कैसे बातचीत की, क्या सिर्फ फोन पर कहने से ही नरेंद्र गिरि डर गए थे या साजिश के तहत उनके किसी अपने ने ही मठ के अंदर वह अश्लील वीडियो दिखाकर डराया था. इन सवालों की तह तक जाने के लिए सीबीआई प्रयासरत है.

जानकारी के मुताबिक सीबीआई आज किसी सरकारी गेस्ट हाउस को अपना कैंप कार्यालय बनाकर वहां के लिए कुछ फोन नंबर जारी कर सकती है, ताकि इस मामले में लोग उसे जानकारी दे सकें.

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