लखनऊ : कमीशनखोरी व भ्रष्टाचार के मामले में कानपुर यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. विनय पाठक के खिलाफ सीबीआई ने मुकदमा दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी है. गुरुवार को सीबीआई मुख्यालय की ac-2 शाखा ने कानपुर विश्वविद्यालय के वीसी विनय पाठक के खिलाफ जांच शुरू कर दी.
गुरुवार को सीबीआई टीम ने गोमतीनगर स्थित एसटीएफ मुख्यालय जाकर जांच शुरू करने से जुड़ी सारी औपचारिकताएं पूरी कीं. सीबीआई ने एसटीएफ के अफसरों से मिलकर केस से जुड़ी अहम जानकारी भी ली. यही नहीं सीबीआई ने विनय पाठक व अजय मिश्रा के केस से जुड़े दस्तावेज भी ले लिए हैं. विनय पाठक के खिलाफ प्रदेश सरकार की सिफारिश पर सीबीआई जांच हो रही है. एजेंसी ने दो दिन पहले दिल्ली में विनय पाठक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.
दरअसल, लखनऊ के इंदिरानगर थाने में 26 अक्टूबर को डिजिटेक्स टेक्नोलॉजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के एमडी डेविड एम. डेनिस ने FIR दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि 'उनकी कंपनी वर्ष 2014 से एग्रीमेंट के तहत आगरा विश्वविद्यालय में प्री और पोस्ट एग्जाम का काम करती रही है. विश्वविद्यालय के एग्जाम पेपर छापना, कॉपी को एग्जाम सेंटर से यूनिवर्सिटी तक पहुंचाने का पूरा काम इसी कंपनी के द्वारा किया जाता रहा है. वर्ष 2019 में एग्रीमेंट खत्म हुआ तो डिजिटेक्स टेक्नोलॉजीज ने यूपीएलसी के जरिए आगरा विश्वविद्यालय का काम किया. इस बीच वर्ष 2020 से 2022 तक कंपनी के द्वारा किए गए काम का करोड़ों रुपये बिल बकाया हो गया था. इसी दौरान जनवरी 2022 में आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के कुलपति का चार्ज प्रो. विनय पाठक को मिला तो उन्होंने बिल पास करने के एवज में कमीशन की मांग की. इस मामले में एसटीएफ ने अभी तक तीन आरोपियों अजय मिश्रा, अजय जैन और संतोष सिंह को गिरफ्तार किया है.
Vice Chancellor Vinay Pathak के खिलाफ सीबीआई ने शुरू की जांच, STF दफ्तर पहुंच अफसरों से ली जानकारी
12:15 January 12
12:15 January 12
लखनऊ : कमीशनखोरी व भ्रष्टाचार के मामले में कानपुर यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. विनय पाठक के खिलाफ सीबीआई ने मुकदमा दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी है. गुरुवार को सीबीआई मुख्यालय की ac-2 शाखा ने कानपुर विश्वविद्यालय के वीसी विनय पाठक के खिलाफ जांच शुरू कर दी.
गुरुवार को सीबीआई टीम ने गोमतीनगर स्थित एसटीएफ मुख्यालय जाकर जांच शुरू करने से जुड़ी सारी औपचारिकताएं पूरी कीं. सीबीआई ने एसटीएफ के अफसरों से मिलकर केस से जुड़ी अहम जानकारी भी ली. यही नहीं सीबीआई ने विनय पाठक व अजय मिश्रा के केस से जुड़े दस्तावेज भी ले लिए हैं. विनय पाठक के खिलाफ प्रदेश सरकार की सिफारिश पर सीबीआई जांच हो रही है. एजेंसी ने दो दिन पहले दिल्ली में विनय पाठक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.
दरअसल, लखनऊ के इंदिरानगर थाने में 26 अक्टूबर को डिजिटेक्स टेक्नोलॉजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के एमडी डेविड एम. डेनिस ने FIR दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि 'उनकी कंपनी वर्ष 2014 से एग्रीमेंट के तहत आगरा विश्वविद्यालय में प्री और पोस्ट एग्जाम का काम करती रही है. विश्वविद्यालय के एग्जाम पेपर छापना, कॉपी को एग्जाम सेंटर से यूनिवर्सिटी तक पहुंचाने का पूरा काम इसी कंपनी के द्वारा किया जाता रहा है. वर्ष 2019 में एग्रीमेंट खत्म हुआ तो डिजिटेक्स टेक्नोलॉजीज ने यूपीएलसी के जरिए आगरा विश्वविद्यालय का काम किया. इस बीच वर्ष 2020 से 2022 तक कंपनी के द्वारा किए गए काम का करोड़ों रुपये बिल बकाया हो गया था. इसी दौरान जनवरी 2022 में आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के कुलपति का चार्ज प्रो. विनय पाठक को मिला तो उन्होंने बिल पास करने के एवज में कमीशन की मांग की. इस मामले में एसटीएफ ने अभी तक तीन आरोपियों अजय मिश्रा, अजय जैन और संतोष सिंह को गिरफ्तार किया है.