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गोमती रिवर फ्रंट घोटाला: CBI कर रही चीफ इंजीनियर से पूछताछ, कई नाम आ सकते हैं सामने - सीबीआई

लखनऊ के गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में सीबीआई ने शुक्रवार को सिंचाई विभाग के तत्कालीन चीफ इंजीनियर रूप सिंह यादव को गिरफ्तार किया था. रविवार को सीबीआई रूप सिंह यादव और लिपिक को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है. अंदेशा जताया जा रहा है कि जांच की आंच तत्कालीन विभाग के मंत्री सहित अन्य बड़े अधिकारियों पर पड़ सकती है.

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गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में सीबीआई की जांच जारी.
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Published : Nov 22, 2020, 3:09 PM IST

लखनऊ: गोमती रिवर फ्रंट परियोजना में हुए करोड़ों के घपले की सीबीआई जांच कर रही है. सीबीआई जल्द ही कुछ और गिरफ्तारियां कर सकती है. सीबीआई इसके लिए साक्ष्य जुटा चुकी है. सीबीआई ने शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए पूर्व मुख्य अभियंता रूप सिंह यादव और लिपिक को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है.

पूर्व मुख्य अभियंता और लिपिक से कड़े सवाल
सूत्रों के अनुसार, दोनों से सीबीआई ने कड़े सवाल पूछे हैं. इसमें सीबीआई के सवाल थे, बिना काम पूरा हुए इतना अधिक बजट कैसे खर्च कर दिया गया. उन्होंने काम का आवंटन और भुगतान किसके कहने या दबाव में किया. इसमें कितनी रकम का बंदरबांट हुआ और किस-किस को लाभ पहुंचाया गया है. हालांकि, आरोपियों ने इन सवालों का कोई साफ जवाब नहीं दिया है.

जानकार बताते हैं कि सीबीआई ने सिंचाई विभाग में परियोजना से जुड़े दस्तावेज के साथ ही ऑनलाइन हुई प्रक्रिया का भी डाटा हासिल किया है. भुगतान संबंधी सभी आंकड़े भी जुटाए गए हैं. पूर्व मुख्य अभियंता और लिपिक से पूछताछ में सामने आने वाले तथ्यों की पुष्टि के साथ ही कुछ अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी. 1,513 करोड़ की इस परियोजना में 90 फीसदी बजट खर्च होने के बावजूद बमुश्किल साठ फीसदी काम ही पूरा हो सका था. इसमें कई अग्रिम भुगतान हुए और अनियमित तरीके से काम का आवंटन किए जाने की शिकायतें सामने आईं.

तत्कालीन मंत्री पर आ सकती है जांच की आंच
सीबीआई फिलहाल रिवर फ्रंट परियोजना में बड़े पैमाने पर हुई अनियमितता की जांच कर रही है. गिरफ्तार पूर्व मुख्य अभियंता और लिपिक को जवाब देना होगा कि किसकी शह पर उन्होंने नियमों की अनदेखी कर करोड़ों के वारे-न्यारे किए. उसमें किसका कितना कमीशन था. ऐसे में मामले की आंच विभाग के तत्कालीन मंत्री व अन्य तक पहुंचने का अंदेशा है. वहीं, प्रवर्तन निदेशालय भी अपने स्तर से तथ्य जुटा रहा है, जिसके बाद सीबीआई अन्य लोगों की गिरफ्तरी में जुटेगी.

लखनऊ: गोमती रिवर फ्रंट परियोजना में हुए करोड़ों के घपले की सीबीआई जांच कर रही है. सीबीआई जल्द ही कुछ और गिरफ्तारियां कर सकती है. सीबीआई इसके लिए साक्ष्य जुटा चुकी है. सीबीआई ने शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए पूर्व मुख्य अभियंता रूप सिंह यादव और लिपिक को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है.

पूर्व मुख्य अभियंता और लिपिक से कड़े सवाल
सूत्रों के अनुसार, दोनों से सीबीआई ने कड़े सवाल पूछे हैं. इसमें सीबीआई के सवाल थे, बिना काम पूरा हुए इतना अधिक बजट कैसे खर्च कर दिया गया. उन्होंने काम का आवंटन और भुगतान किसके कहने या दबाव में किया. इसमें कितनी रकम का बंदरबांट हुआ और किस-किस को लाभ पहुंचाया गया है. हालांकि, आरोपियों ने इन सवालों का कोई साफ जवाब नहीं दिया है.

जानकार बताते हैं कि सीबीआई ने सिंचाई विभाग में परियोजना से जुड़े दस्तावेज के साथ ही ऑनलाइन हुई प्रक्रिया का भी डाटा हासिल किया है. भुगतान संबंधी सभी आंकड़े भी जुटाए गए हैं. पूर्व मुख्य अभियंता और लिपिक से पूछताछ में सामने आने वाले तथ्यों की पुष्टि के साथ ही कुछ अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी. 1,513 करोड़ की इस परियोजना में 90 फीसदी बजट खर्च होने के बावजूद बमुश्किल साठ फीसदी काम ही पूरा हो सका था. इसमें कई अग्रिम भुगतान हुए और अनियमित तरीके से काम का आवंटन किए जाने की शिकायतें सामने आईं.

तत्कालीन मंत्री पर आ सकती है जांच की आंच
सीबीआई फिलहाल रिवर फ्रंट परियोजना में बड़े पैमाने पर हुई अनियमितता की जांच कर रही है. गिरफ्तार पूर्व मुख्य अभियंता और लिपिक को जवाब देना होगा कि किसकी शह पर उन्होंने नियमों की अनदेखी कर करोड़ों के वारे-न्यारे किए. उसमें किसका कितना कमीशन था. ऐसे में मामले की आंच विभाग के तत्कालीन मंत्री व अन्य तक पहुंचने का अंदेशा है. वहीं, प्रवर्तन निदेशालय भी अपने स्तर से तथ्य जुटा रहा है, जिसके बाद सीबीआई अन्य लोगों की गिरफ्तरी में जुटेगी.

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