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रोटोमैक के निदेशक को कोर्ट ने किया तलब, बैंक को 50 करोड़ चूना लगाने है मामला - इलाहाबाद बैंक को 50 करोड़ रुपये का चूना

रोटोमैक के निदेशक के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर सीबीआई की विशेष अदालत ने संज्ञान लिया है. बैंक को 50 करोड़ का चूना लगाने के मामले में कोर्ट ने तलब किया है.

लखनऊ न्यायालय
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Published : Feb 5, 2021, 10:27 PM IST

लखनऊः सीबीआई के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सुब्रत पाठक ने इलाहाबाद बैंक को 50 करोड़ रुपये का चूना लगाने के मामले में मेसर्स रोटोमैक एक्ज्मि प्राइवेट लिमिटेड और इस कम्पनी के निदेशक विक्रम कोठारी, साथ ही उसके बेटे राहुल कोठारी समेत चार अन्य को बतौर अभियुक्त तलब किया है. यह कार्यवाही इनके खिलाफ दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए की गई.

सीबीआई ने इन तीन अभियुक्तों के अलावा मेसर्स आरबीए वेंचर लिमिटेड और इसके निदेशक अरुण कुमार अरोड़ा, मेसर्स गल्फ डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड और सिंगापुर की नागरिकता पाए इसके निदेशक राजेश बोथरा के खिलाफ भी आईपीसी की धारा 120 बी, सपठित धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था. कोर्ट ने इन सभी अभियुक्तों को भी 5 मार्च को तलब किया है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि आरोप पत्र के तथ्यों, गवाहों के बयान और दस्तावेजी साक्ष्यों के मद्देनजर मुल्जिमों के खिलाफ संज्ञान का प्रर्याप्त आधार है.

पूरा मामला
फरवरी 2020 में इलाहाबाद बैंक की मुख्य शाखा कानपुर की ओर से इस मामले की शिकायत सीबीआई में दर्ज कराई थी, जिसके मुताबिक रोटोमैक ने 1500 कम्पयूटर प्रोडक्ट की आयात और निर्यात के लिए इस बैंक से 50 करोड़ रुपये का लोन लिया था. लेकिन उसे चुकता नहीं कर सका. इस मामले की जांच सीबीआई इंस्पेक्टर सतीश कुमार सिंह ने की. विवेचना में मालूम हुआ कि इन तीनों कम्पनियों और उनके निदेशकों ने कूटरचित दस्तावेजों के पर एक दूसरे को सपोर्ट करते हुए सिर्फ कागजों पर खरीद-फरोख्त दिखाया था. विवेचना के उपरांत अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया.

लखनऊः सीबीआई के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सुब्रत पाठक ने इलाहाबाद बैंक को 50 करोड़ रुपये का चूना लगाने के मामले में मेसर्स रोटोमैक एक्ज्मि प्राइवेट लिमिटेड और इस कम्पनी के निदेशक विक्रम कोठारी, साथ ही उसके बेटे राहुल कोठारी समेत चार अन्य को बतौर अभियुक्त तलब किया है. यह कार्यवाही इनके खिलाफ दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए की गई.

सीबीआई ने इन तीन अभियुक्तों के अलावा मेसर्स आरबीए वेंचर लिमिटेड और इसके निदेशक अरुण कुमार अरोड़ा, मेसर्स गल्फ डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड और सिंगापुर की नागरिकता पाए इसके निदेशक राजेश बोथरा के खिलाफ भी आईपीसी की धारा 120 बी, सपठित धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था. कोर्ट ने इन सभी अभियुक्तों को भी 5 मार्च को तलब किया है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि आरोप पत्र के तथ्यों, गवाहों के बयान और दस्तावेजी साक्ष्यों के मद्देनजर मुल्जिमों के खिलाफ संज्ञान का प्रर्याप्त आधार है.

पूरा मामला
फरवरी 2020 में इलाहाबाद बैंक की मुख्य शाखा कानपुर की ओर से इस मामले की शिकायत सीबीआई में दर्ज कराई थी, जिसके मुताबिक रोटोमैक ने 1500 कम्पयूटर प्रोडक्ट की आयात और निर्यात के लिए इस बैंक से 50 करोड़ रुपये का लोन लिया था. लेकिन उसे चुकता नहीं कर सका. इस मामले की जांच सीबीआई इंस्पेक्टर सतीश कुमार सिंह ने की. विवेचना में मालूम हुआ कि इन तीनों कम्पनियों और उनके निदेशकों ने कूटरचित दस्तावेजों के पर एक दूसरे को सपोर्ट करते हुए सिर्फ कागजों पर खरीद-फरोख्त दिखाया था. विवेचना के उपरांत अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया.

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