लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुरक्षा और जांच एजेंसियों को अधिक मजबूत करने का फैसला किया है. इसके तहत इन एजेंसियों को तकनीकी सुविधाओं से लैस किया जा रहा है. जल्द ही अपराध शाखा अनुसंधान विभाग (CBCID) को वॉट्सऐप कॉल को रिकॉर्ड और ट्रेस करने की सुविधा मिलेगी (CBCID trace WhatsApp calls). साथ ही जांच एजेंसी वॉट्सऐप कॉल का डेटा एनालिसिस भी कर सकेगी. इन सुविधाओं के लिए सीबीसीआईडी को अत्याधुनिक सॉफ़्टवेयर और उपकरण मुहैया कराये गए हैं. इसके अलावा साइबर अपराधों में कमी लाने के लिए साइबर सेल का भी गठन किया गया है. साइबर सेल ने साइबर मार्फिंग और साइबर स्टॉकिंग जैसे क्राइम जांच तेज कर दी है.
यूपी के प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद ने मंगलवार को लोक भवन में बैठक करते हुए सुरक्षा एजेंसियों की कार्यों की समीक्षा की. इस बैठक में उन्होंने अपराध शाखा, अनुसंधान विभाग (CBCID) को चुस्त-दुरुस्त करने और अत्याधुनिक तकनीकों से लैस करने को लेकर निर्देश दिए. संजय प्रसाद ने बताया कि इस कवायद का मकसद कम समय में जांच कर अपराधियों को अधिकतम सजा दिलाना है. उन्होंने कहा कि सीबीसीआईडी के अंतर्गत सर्विलांस सेल का गठन किया गया है. इसके माध्यम से आपराधिक घटनाओं के बाद जांच के दौरान काल डिटेल्स और लोकेशन संबंधी जानकारी प्राप्त की जा रही है.
यूपी के प्रमुख सचिव (गृह) ने कहा कि संदिग्ध मोबाइल नंबरों और वॉट्स ऐप कॉल से संबंधित डाटा एनॉलिसिस की व्यवस्था की गयी है. साथ ही, इंटेरनेट प्रोटोकॉल डाटा रिकार्ड्स, डेटा एनॉलिसिस और कॉल डायवर्जन लिसनिंग की सुविधा भी सर्विलांस सेल को उपलब्ध कराई गई है. इन सुविधाओं की बदौलत जांच एजेंसी आरोपियों के कॉल को आसानी से सुन सकेगी और उसका रिकॉर्ड भी रख सकेगी.
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