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Builder Death Case : ढाई साल पहले हुई बिल्डर की मौत की जांच अब CBCID के पास

राजधानी के गोमतीनगर के विभूतिखंड में रियल स्टेट कारोबारी की मौत (Builder Death Case) के मामले की जांच अब सीबीसीआईडी करेगी. पुलिस इस मामले में पहले ही फाइनल रिपोर्ट लगा चुकी है.

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Published : Jan 17, 2023, 10:10 AM IST

लखनऊ : ढाई साल पहले राजधानी के विभूतिखंड में हुई रियल स्टेट कारोबारी अश्विन कपूर की मौत के मामले की जांच शासन ने सीबीसीआईडी को सौंप दी है. ये फैसला मानवाधिकार आयोग के दखल के बाद लिया गया है. इस मामले में पुलिस जांच कर फाइनल रिपोर्ट लगा चुकी है.

दरअसल, 19 जुलाई 2020 को विभूतिखंड खड थाना अंतर्गत रोहतास प्लूमेरिया के रहने वाले 56 वर्षीय रियल स्टेट कारोबारी अश्विन कपूर का शव फ्लैट के कमरे में फंदे से लटकता मिला था. अश्विन की पत्नी सुजैन ने उनके पिता विश्वनाथ कपूर, मां सरोज कपूर, सगे भाई विपिन व चचेरे भाई नीरज पर आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में मुकदमा दर्ज कराया था. पत्नी ने आरोप लगाया था कि ये सभी लोग अश्विन पर दबाव बनाते थे, इसलिए उसने सुसाइड कर लिया था.


वहीं पुलिस ने इस मामले में विवेचना की, लेकिन पत्नी ने जो आरोप लगाए थे उसके संबंध में सबूत नहीं जुटा सकी. इसके आधार पर पहले फाइनल रिपोर्ट लगा दी. इसके बाद मानवाधिकार आयोग ने शासन को निर्देश दिए कि अश्विन की हत्या किए जाने की आशंका को देखते हुए सीबीसीआईडी से जांच कराई जाए. बिल्डर के भाई विपिन कपूर के मुताबिक "कई ऐसे पहलू थे जिन्हें पुलिस ने नजरअंदाज किया. जिसमें पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी शामिल है." विपिन ने बताया कि "उन्होंने दिल्ली के कई बड़े अस्पतालों के डॉक्टरों से पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर राय ली थी, जिसमें सामने आया था कि अश्विन के सिर में पीछे व साइड में एक-एक चोट थी. मौत की वजह हैंगिंग नहीं, बल्कि दम घुटना था. अगर फांसी होती तो गर्दन की हड्डी टूटी होती. इसके अलावा फंदे से जब शव लटक रहा था तो घुटने फर्श को छू रहे थे." विपिन का कहना है कि "ऐसे में कोई फांसी कैसे लगा सकता है. अब उम्मीद है कि सीबीसीआईडी इन तथ्यों को जांच में शामिल करेगी."


अश्विन कपूर का शव 19 जुलाई की सुबह फ्लैट में मिला था. मूलरूप से पंजाब के जालंधर निवासी अश्विनी कपूर एक रीयल एस्टेट कंपनी में अधिकारी थे और खुद भी रीयल एस्टेट का काम करते थे. वह पहली पत्नी से अलग हो चुके थे और करीब 10 साल पहले मुंबई के गिरगांव चरनी रोड निवासी सुजैना शेब्स से आर्य समाज मंदिर में शादी करके एक साथ रह रहे थे. दोनों अक्सर लखनऊ में रोहतास प्लूमेरिया अपार्टमेंट स्थित फ्लैट में आकर 15 से 20 दिन ठहरते थे. अपनी मौत से करीब पांच महीने पहले से वह और सुजैना लखनऊ में ही थे. अश्विनी की मौत की खबर सुनकर पंजाब से लखनऊ पहुंची उनकी मां सरोज कपूर ने सुजैना व उसके भाई सेल्वेस्टर पर हत्या का शक जताते हुए विभूतिखंड थाना पर तहरीर दी थी, वहीं अश्वनी की दूसरी पत्नी ने भी उनके पिता, मां, भाई के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी.

लखनऊ : ढाई साल पहले राजधानी के विभूतिखंड में हुई रियल स्टेट कारोबारी अश्विन कपूर की मौत के मामले की जांच शासन ने सीबीसीआईडी को सौंप दी है. ये फैसला मानवाधिकार आयोग के दखल के बाद लिया गया है. इस मामले में पुलिस जांच कर फाइनल रिपोर्ट लगा चुकी है.

दरअसल, 19 जुलाई 2020 को विभूतिखंड खड थाना अंतर्गत रोहतास प्लूमेरिया के रहने वाले 56 वर्षीय रियल स्टेट कारोबारी अश्विन कपूर का शव फ्लैट के कमरे में फंदे से लटकता मिला था. अश्विन की पत्नी सुजैन ने उनके पिता विश्वनाथ कपूर, मां सरोज कपूर, सगे भाई विपिन व चचेरे भाई नीरज पर आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में मुकदमा दर्ज कराया था. पत्नी ने आरोप लगाया था कि ये सभी लोग अश्विन पर दबाव बनाते थे, इसलिए उसने सुसाइड कर लिया था.


वहीं पुलिस ने इस मामले में विवेचना की, लेकिन पत्नी ने जो आरोप लगाए थे उसके संबंध में सबूत नहीं जुटा सकी. इसके आधार पर पहले फाइनल रिपोर्ट लगा दी. इसके बाद मानवाधिकार आयोग ने शासन को निर्देश दिए कि अश्विन की हत्या किए जाने की आशंका को देखते हुए सीबीसीआईडी से जांच कराई जाए. बिल्डर के भाई विपिन कपूर के मुताबिक "कई ऐसे पहलू थे जिन्हें पुलिस ने नजरअंदाज किया. जिसमें पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी शामिल है." विपिन ने बताया कि "उन्होंने दिल्ली के कई बड़े अस्पतालों के डॉक्टरों से पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर राय ली थी, जिसमें सामने आया था कि अश्विन के सिर में पीछे व साइड में एक-एक चोट थी. मौत की वजह हैंगिंग नहीं, बल्कि दम घुटना था. अगर फांसी होती तो गर्दन की हड्डी टूटी होती. इसके अलावा फंदे से जब शव लटक रहा था तो घुटने फर्श को छू रहे थे." विपिन का कहना है कि "ऐसे में कोई फांसी कैसे लगा सकता है. अब उम्मीद है कि सीबीसीआईडी इन तथ्यों को जांच में शामिल करेगी."


अश्विन कपूर का शव 19 जुलाई की सुबह फ्लैट में मिला था. मूलरूप से पंजाब के जालंधर निवासी अश्विनी कपूर एक रीयल एस्टेट कंपनी में अधिकारी थे और खुद भी रीयल एस्टेट का काम करते थे. वह पहली पत्नी से अलग हो चुके थे और करीब 10 साल पहले मुंबई के गिरगांव चरनी रोड निवासी सुजैना शेब्स से आर्य समाज मंदिर में शादी करके एक साथ रह रहे थे. दोनों अक्सर लखनऊ में रोहतास प्लूमेरिया अपार्टमेंट स्थित फ्लैट में आकर 15 से 20 दिन ठहरते थे. अपनी मौत से करीब पांच महीने पहले से वह और सुजैना लखनऊ में ही थे. अश्विनी की मौत की खबर सुनकर पंजाब से लखनऊ पहुंची उनकी मां सरोज कपूर ने सुजैना व उसके भाई सेल्वेस्टर पर हत्या का शक जताते हुए विभूतिखंड थाना पर तहरीर दी थी, वहीं अश्वनी की दूसरी पत्नी ने भी उनके पिता, मां, भाई के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी.

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