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CBCID ने कर दिया ऐसा काम, 14 बार विवेचना ट्रांसफर होने के बाद वादी को करना पड़ रहा ऐसा काम...

दबंगों और रसूखदारों के ठेंगे पर कानून और मुट्ठी में सिस्टम. कुछ ऐसा ही कारनामा किया है, यूपी की सीबीसीआईडी (CBCID changed Investigation) ने. ऐसे में वादी को न्याय मिलना तो न्याय की हत्या ही हो गई, ऐसा कहना अनुचित नहीं होगा. देखें विस्तृत खबर...

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 23, 2023, 5:47 PM IST

Updated : Oct 23, 2023, 10:26 PM IST

लखनऊ : यूपी की सीबीसीआईडी में जांच बदलने का अनोखा खेल उजागर हुआ है. गोंडा के तरबगंज में दलित बुजुर्ग के हत्याकांड में वादी का फर्जी अंगूठा लगाकर 6 साल में 14 बार जांच बदली गई. फर्जी अंगूठा लगाकर जांच बदलने का खेल तब हुआ उजागर जब नामजद आरोपियों को क्लीन चिट देकर पीड़ित परिवार के मददगारों को ही फंसाना शुरू कर दिया. प्रमुख सचिव गृह ने जांच बदलने के खेल पर जांच के आदेश हैं. पूछा गया है कि कैसे बदल गई 14 बार जांच? कौन है शामिल? कार्रवाई करके बताएं. प्रमुख सचिव गृह का यह पत्र वायरल हो रहा है. प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद के आदेश पर बिना वादी की जानकारी के कैसे बदली जांच की विवेचना सीबीसीआईडी गोरखपुर सेक्टर के एसपी गिरजेश कुमार करेंगे.

प्रमुख सचिव गृह का पत्र.
प्रमुख सचिव गृह का पत्र.

बुजुर्ग की हत्या मामले में पुलिस का कारनामा : मामला उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से जुड़ा है. आठ साल पहले दलित बुजुर्ग की हत्या के मामले में पुलिस ने पूरे 14 बार जांच बदली है. जब नामजद आरोपियों के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट और कुर्की तक के आदेश दिए जाते, थे तो जांच भी बदल दी जाती. फिर अचानक सीबीसीआईडी की जांच करने वाले अधिकारी को भी बदल दिया गया. अब अपर मुख्य सचिव गृह ने 14 बार जांच बदलने के मामले में डीजीपी को जांच बदलने का आदेश दिया है. यह अलग है कि यूपी के डीजीपी विजय कुमार लंबे समय से सीबीसीआईडी के डीजी रहे हैं.
मृतक के परिजनों का आरोप है कि जिला पुलिस और सीबीसीआईडी अधिकारी राजनीतिक दबाव से आरोपियों को बचा रहे हैं और फर्जी दस्तावेजों पर साजिश रच रहे हैं.

यूपी के गोंडा जिले की घटना.
यूपी के गोंडा जिले की घटना.


पुलिस महकमे में खूब हो रही चर्चा : जानकारी के अनुसार 14 बार जिला पुलिस और सीबीसीआईडी की जांच बदली. जिसमें राधेश्याम दुबे, विष्णु शंकर दुबे, मोहर अली और कालूट के खिलाफ सबूत मिले. नतीजा: सीबीसीआईडी ने एनबीडब्ल्यू और कुर्की की कार्रवाई की है. वर्तमान में मामले की जांच कर रहे प्रयागराज सीबीसीआईडी सेक्टर प्रभारी समीर सौरभ ने बताया कि सीबीसीआईडी हत्याकांड की जांच कर रहा है, लेकिन परिस्थितियों में बदलाव की जांच मुख्यालय स्तर पर की जा रही है. सीबीसीआईडी की रिपोर्ट के अनुसार नामजद आरोपियों के खिलाफ 15 जुलाई 2022 को एनबीडब्ल्यू से कुर्की की कार्रवाई शुरू की गई, लेकिन एनबीडब्ल्यू से नामजद आरोपियों के खिलाफ जांच 12वीं बार सीबीसीआईडी में बदल गई और इस बार जांच एडिशनल एसपी रचना मिश्रा को दी गई. 26 अगस्त 2022 से रचना मिश्रा ने जांच शुरू की. जिसके बाद जिला पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की.

UP CBCID के कारनामे से प्रभावित वादीगण.
UP CBCID के कारनामे से प्रभावित यूपी के गोंडा जिले के वादीगण.


जानिए कैसे बदलती रही जांच : गोंडा एससी/एसटी कोर्ट ने 10 फरवरी 2023 को एनबीडबल्यू जारी कर कुर्की की कार्रवाई शुरू कर दी. रचना मिश्रा से भी जांच लेकर दूसरे एडिशनल एसपी लल्लन प्रसाद को दी गई, जैसा कि न्यायालय ने एनबीडब्ल्यू को बताया. इस बीच अगस्त 2022 में उत्तर प्रदेश सरकार ने विजय कुमार जो पहले डीजी होमगार्ड थे, को सीबीसीआईडी का प्रभावशाली पद दिया. लल्लन प्रसाद को कुछ महीने ही लगे कि प्रयागराज सीबीसीआईडी के सेक्टर प्रभारी समीर सौरभ को जांच सौंप दी गई. जब समीर सौरभ ने 20 मार्च 2023 से जांच शुरू की तो जांच की दिशा अचानक बदल गई.

यह भी पढ़ें : मनराजपुर कांड की जांच करने पहुंची CBCID खाली हाथ लौटी, परिजनों ने की CBI जांच की मांग

CBCID की समीक्षा बैठक में सीएम योगी की नाराजगी के बाद हटाए गए एडीजी और एसपी

लखनऊ : यूपी की सीबीसीआईडी में जांच बदलने का अनोखा खेल उजागर हुआ है. गोंडा के तरबगंज में दलित बुजुर्ग के हत्याकांड में वादी का फर्जी अंगूठा लगाकर 6 साल में 14 बार जांच बदली गई. फर्जी अंगूठा लगाकर जांच बदलने का खेल तब हुआ उजागर जब नामजद आरोपियों को क्लीन चिट देकर पीड़ित परिवार के मददगारों को ही फंसाना शुरू कर दिया. प्रमुख सचिव गृह ने जांच बदलने के खेल पर जांच के आदेश हैं. पूछा गया है कि कैसे बदल गई 14 बार जांच? कौन है शामिल? कार्रवाई करके बताएं. प्रमुख सचिव गृह का यह पत्र वायरल हो रहा है. प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद के आदेश पर बिना वादी की जानकारी के कैसे बदली जांच की विवेचना सीबीसीआईडी गोरखपुर सेक्टर के एसपी गिरजेश कुमार करेंगे.

प्रमुख सचिव गृह का पत्र.
प्रमुख सचिव गृह का पत्र.

बुजुर्ग की हत्या मामले में पुलिस का कारनामा : मामला उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से जुड़ा है. आठ साल पहले दलित बुजुर्ग की हत्या के मामले में पुलिस ने पूरे 14 बार जांच बदली है. जब नामजद आरोपियों के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट और कुर्की तक के आदेश दिए जाते, थे तो जांच भी बदल दी जाती. फिर अचानक सीबीसीआईडी की जांच करने वाले अधिकारी को भी बदल दिया गया. अब अपर मुख्य सचिव गृह ने 14 बार जांच बदलने के मामले में डीजीपी को जांच बदलने का आदेश दिया है. यह अलग है कि यूपी के डीजीपी विजय कुमार लंबे समय से सीबीसीआईडी के डीजी रहे हैं.
मृतक के परिजनों का आरोप है कि जिला पुलिस और सीबीसीआईडी अधिकारी राजनीतिक दबाव से आरोपियों को बचा रहे हैं और फर्जी दस्तावेजों पर साजिश रच रहे हैं.

यूपी के गोंडा जिले की घटना.
यूपी के गोंडा जिले की घटना.


पुलिस महकमे में खूब हो रही चर्चा : जानकारी के अनुसार 14 बार जिला पुलिस और सीबीसीआईडी की जांच बदली. जिसमें राधेश्याम दुबे, विष्णु शंकर दुबे, मोहर अली और कालूट के खिलाफ सबूत मिले. नतीजा: सीबीसीआईडी ने एनबीडब्ल्यू और कुर्की की कार्रवाई की है. वर्तमान में मामले की जांच कर रहे प्रयागराज सीबीसीआईडी सेक्टर प्रभारी समीर सौरभ ने बताया कि सीबीसीआईडी हत्याकांड की जांच कर रहा है, लेकिन परिस्थितियों में बदलाव की जांच मुख्यालय स्तर पर की जा रही है. सीबीसीआईडी की रिपोर्ट के अनुसार नामजद आरोपियों के खिलाफ 15 जुलाई 2022 को एनबीडब्ल्यू से कुर्की की कार्रवाई शुरू की गई, लेकिन एनबीडब्ल्यू से नामजद आरोपियों के खिलाफ जांच 12वीं बार सीबीसीआईडी में बदल गई और इस बार जांच एडिशनल एसपी रचना मिश्रा को दी गई. 26 अगस्त 2022 से रचना मिश्रा ने जांच शुरू की. जिसके बाद जिला पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की.

UP CBCID के कारनामे से प्रभावित वादीगण.
UP CBCID के कारनामे से प्रभावित यूपी के गोंडा जिले के वादीगण.


जानिए कैसे बदलती रही जांच : गोंडा एससी/एसटी कोर्ट ने 10 फरवरी 2023 को एनबीडबल्यू जारी कर कुर्की की कार्रवाई शुरू कर दी. रचना मिश्रा से भी जांच लेकर दूसरे एडिशनल एसपी लल्लन प्रसाद को दी गई, जैसा कि न्यायालय ने एनबीडब्ल्यू को बताया. इस बीच अगस्त 2022 में उत्तर प्रदेश सरकार ने विजय कुमार जो पहले डीजी होमगार्ड थे, को सीबीसीआईडी का प्रभावशाली पद दिया. लल्लन प्रसाद को कुछ महीने ही लगे कि प्रयागराज सीबीसीआईडी के सेक्टर प्रभारी समीर सौरभ को जांच सौंप दी गई. जब समीर सौरभ ने 20 मार्च 2023 से जांच शुरू की तो जांच की दिशा अचानक बदल गई.

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CBCID की समीक्षा बैठक में सीएम योगी की नाराजगी के बाद हटाए गए एडीजी और एसपी

Last Updated : Oct 23, 2023, 10:26 PM IST
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