लखनऊ: आवास विकास परिषद के कोरोना से संक्रमित होने वाले कर्मचारियों का कैशलेस इलाज किया जा सकेगा, इसको लेकर आवास आयुक्त अजय चौहान के निर्देश के बाद शासनादेश जारी किया गया है. इसके साथ ही कोरोना संक्रमण के कारण जिन कर्मचारियों की मौत हो गई है, उनके आश्रितों को जो कोरोना कर्फ्यू की वजह से ऑफिस आने में असमर्थ हैं, उनसे परिषद अधिकारी संपर्क कर नौकरी दिलाने और अन्य देयकों के भुगतान की प्रक्रिया पूरी कराएंगे.
आवास आयुक्त के निर्देश के बाद आदेश जारी
आवास विकास परिषद के आयुक्त अजय चौहान के निर्देश पर संयुक्त आवास आयुक्त देश दीपक सिंह ने सभी विभागाध्यक्षों को आदेश जारी किया है. कोरोना संक्रमण के बाद बीते 1 महीने में आवास विकास परिषद के प्रदेश भर के 2 दर्जन से अधिक कर्मचारियों की मौत विभिन्न कारणों से हुई है. कोरोना कर्फ्यू के कारण लोगों का आना जाना भी मुश्किल हो रहा है. कई ऐसे भी परिवार हैं, जहां कोई भागदौड़ करने वाला नहीं है.
मृतक आश्रितों को नौकरी देने के लिए मंगवाए जाएं दस्तावेज
ऐसे में आवास विकास प्रशासन ने सभी विभागाध्यक्षों को आदेश जारी किया है कि वह अपने अपने विभाग के मृतक कर्मचारियों का ब्यौरा देने के साथ ही उनके आश्रितों को नौकरी दिए जाने की फाइल भी तैयार कर मुख्यालय भेजें. जिन मृतक कर्मचारियों के आश्रितों के यहां से अब तक नौकरी के लिए आवेदन नहीं किया गया, उनसे संपर्क कर आवेदन व आवश्यक दस्तावेज मंगवा लिया जाए, जिससे उन्हें जल्द से जल्द नौकरी दी जा सके.
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कैशलेस इलाज के लिए अस्पतालों से मांगा गया है प्रस्ताव
आवास विकास प्रशासन कोरोना से संक्रमित कर्मचारियों का इलाज शहर के बड़े व छोटे निजी अस्पतालों में भी कैशलेस सिस्टम से कराने को लेकर प्रयास कर रहा है. इस संबंध में परिषद प्रशासन ने शहर के कई बड़े व अन्य अस्पतालों से प्रस्ताव मांगा है कि वह किस तरह कर्मचारियों को कैशलेस इलाज की सुविधा देंगे. इसके अलावा आवास विकास प्रशासन ने उन कर्मचारियों के भुगतान करने का आदेश दिया है, जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं या दिवंगत हो चुके हैं. जारी आदेश में कहा गया है कि जिन भी मृतक कर्मचारियों व सेवानिवृत्त कर्मचारियों का कुछ भी बकाया है, वह उनके आश्रितों को तत्काल दे दिया जाए.