लखनऊ: योगी सरकार द्वारा बीजेपी कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की बात पर आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सभाजीत सिंह ने तंज कसा है. उन्होंने कहा कि विदाई के समय बीजेपी को अपने कार्यकर्ताओं की याद आई है. साथ ही उन्होंने प्रदेश सरकार से पहले राजनीतिक विद्वेष से विपक्ष के नेताओं एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की है.
सभाजीत सिंह ने आरोप लगाते कहा कि योगी सरकार में विपक्ष के नेताओं पर राजनीतिक विद्वेष के तहत बड़े पैमाने पर कानूनी कार्रवाई की गई है. खुद आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह के खिलाफ दर्जनों मुकदमे दर्ज करा दिए गए. प्रदेश सरकार ने पार्टी कार्यालय बंद कराने के साथ-साथ उन पर राजद्रोह तक का मुकदमा दर्ज करा दिया. सरकार की नाकामियों के बारे में जिसने भी आवाज उठाई. उस पर एफआईआर दर्ज करवा दी गई. कोरोना काल में सरकार के घोटाले और भ्रष्टाचार पर जिसने भी बात की. उस पर मुकदमा दर्ज करवाया गया. अब जब योगी सरकार को अपनी विदाई नजर आ रही है. तब उसे अपने कार्यकर्ताओं की याद आई है.
उत्तर प्रदेश में अब राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है. राम मंदिर जमीन खरीद में भ्रष्टाचार को लेकर आम आदमी पार्टी लगातार खुलासे कर रही है. आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सभाजीत सिंह ने कहा कि प्रदेश में अब बीजेपी सरकार की विदाई का समय आ गया है. सरकार को अपनी नाकामियों को स्वीकार करते हुए, विदाई से पहले इनके लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए. बीजेपी को पता है कि जनता के साथ-साथ उनके कार्यकर्ता भी सरकार से खुश नहीं हैं. इसीलिए सरकार बीजेपी कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की बात कर रही है.
अयोध्या में राम जन्म भूमि ट्रस्ट के द्वारा जमीन खरीद के प्रकरण में भ्रष्टाचार के आरोप आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने लगाए हैं. एक के बाद एक जमीन खरीद में घोटाले को उजागर करने के बाद भी बीजेपी इसपर चुप्पी साधे बैठी है. अभी तक मामले में कोई भी जांच के आदेश नहीं दिए गए हैं. जनता ने राम मंदिर बनाने के लिए चंदा दिया है, लेकिन बीजेपी जमीन खरीद के बहाने चंदा चोरी कर रही है.
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