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सोशल मीडिया पर अब संभल कर डाले पोस्ट, वरना हो सकती है जेल!

सोशल मीडिया पर अगर आपने किसी पोस्ट पर या फिर किसी पोस्ट को शेयर करने से किसी की भावना आहत होती है या फिर दो समुदायों के बीच नफरत पैदा होती है, तो आपको जेल की हवा खानी पड़ सकती है.

सोशल मीडिया पर संभल कर डाले पोस्ट, वरना हो सकती है जेल!
सोशल मीडिया पर संभल कर डाले पोस्ट, वरना हो सकती है जेल!
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Published : Jul 4, 2021, 1:59 PM IST

लखनऊः यूपी में ऐसे कई मामले आये हैं जब सोशल मीडिया पर गलत पोस्ट डालने पर पुलिस कार्रवाई की गई. सरकार भी सोशल मीडिया के दुरुपयोग को लेकर काफी सख्त है. अभी हाल ही में राष्ट्रपति के लखनऊ-कानपुर दौरे के दौरान एक महिला पत्रकार ने सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी. जिसके बाद सोशल मीडिया के दुरूपयोग की चर्चा गर्म हो गई. आशियाना थाने में महिला पत्रकार सोनी कपूर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

महिला पत्रकार के खिलाफ मामला दर्ज

देश के राष्ट्रपति जून महीने के आखिरी सप्ताह में यूपी के कानपुर आर लखनऊ के दौरे पर आये थे. इसी दौरान सोशल मीडिया पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दौरे से जुड़ी कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुईं. जिससे जुड़ी एक तस्वीर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करके सोशल मीडिया पर वायरल करने के आरोप में पत्रकार सोनी कपूर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. दरअसल, पत्रकार सोनी कपूर की ओर से राष्ट्रपति के कानपुर दौरे के दूसरे दिन 28 जून को किए गए ट्वीट में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की तस्वीर के साथ आपत्तिजनक और जातिसूचक टिप्पणी की थी. अपने ट्वीट में सोनी कपूर ने कहा था कि 'वक्त बदल गया लेकिन गुलामी की मानसिकता आज भी नहीं बदली..गांव में दलितों को ठाकुर साहब के सामने ऐसे ही झुककर जाना होता है, सर्वोच्च पद पर बैठे आदमी को देख लो'.

दरअसल, बीते 27 जून को कानपुर दौरे के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने पैतृक गांव परौंख पहुंचते ही भावुक हो उठे थे. उस वक्त हेलिकॉप्टर से उतरते ही उन्होंने नीचे झुककर वहां की मिट्टी को अपने मस्तक से लगा लिया था. इसी तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए सोनी कपूर ने ट्विटर पर आपत्तिजनक पोस्ट किया था. इंस्पेक्टर आशियाना ने बताया कि लखनऊ में आशियाना क्षेत्र की रहने वाली श्रद्धा श्रीवास्तव ने उस मामले में थाने में सोनी कपूर के खिलाफ 153-ए, 153-बी के साथ आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया है.

गाजियाबाद में ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई

इसी तरह गाजियाबाद में एक मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई का वीडियो ट्विटर पर सामने आया था. जिसमें तमाम तरह की टिप्पणियों को लेकर गाजियाबाद पुलिस ने बीते 25 जून को नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. जिसमें खुद ट्विटर को भी आरोपी बनाया गया है. इसके बाद सोशल मीडिया यूजर्स में एक तरह का खौफ भी दिखने लगा है. इन मामलों के बाद अब लोग हर पोस्ट को बहुत सोच-समझकर डाल रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- बेहोश मां के पास पुलिस लेकर पहुंची 2 साल की बच्ची

अब तक 1,107 केस दर्ज कर चुकी है यूपी पुलिस

यूपी पुलिस एक साल के भीतर ऐसे 1,107 मुकदमे दर्ज कर चुकी है. यही नहीं कई मामलों में पोस्ट डालने वालों को गिरफ्तार करके जेल भी भेजा जा चुका है. एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार का कहना है कि सोशल प्लेटफार्म पर अभिव्यक्ति की आजादी उसी सीमा तक है, जहां तक आप किसी कानून का उल्लंघन नहीं करते हैं और दूसरे को आहत या नुकसान नहीं पहुंचाते हैं.

अपराध से ऐसे करें बचाव

स्मार्ट फोन चलाने वाले यूजर्स किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अपने मोबाइल में इंस्टॉल करते वक्त उस एप्लीकेशन को किसी अन्य एप्लीकेशन का डाटा साझा करने की अनुमति प्रदान नहीं करें. अगर आपने अपने सोशल मीडिया एप्लीकेशन को मोबाइल में इंस्टॉल अन्य एप्लीकेशन का डाटा साझा करने की अनुमति दी है तो इसे प्राइवेसी ऑप्शन में आकर फौरन ऑफ कर दें. जीपीएस आधारित एप्लीकेशन का संचालन जरूरत पड़ने पर ही करें एवं अन्य समय में जीपीएस को बंद रखें. एंड्रायड एप्लीकेशन पर कई तकनीकी कारणों से गोपनीयता भंग होने का खतरा रहता है. इनके इस्तेमाल में पूरी जानकारी का होना बेहद जरूरी है.

लखनऊः यूपी में ऐसे कई मामले आये हैं जब सोशल मीडिया पर गलत पोस्ट डालने पर पुलिस कार्रवाई की गई. सरकार भी सोशल मीडिया के दुरुपयोग को लेकर काफी सख्त है. अभी हाल ही में राष्ट्रपति के लखनऊ-कानपुर दौरे के दौरान एक महिला पत्रकार ने सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी. जिसके बाद सोशल मीडिया के दुरूपयोग की चर्चा गर्म हो गई. आशियाना थाने में महिला पत्रकार सोनी कपूर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

महिला पत्रकार के खिलाफ मामला दर्ज

देश के राष्ट्रपति जून महीने के आखिरी सप्ताह में यूपी के कानपुर आर लखनऊ के दौरे पर आये थे. इसी दौरान सोशल मीडिया पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दौरे से जुड़ी कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुईं. जिससे जुड़ी एक तस्वीर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करके सोशल मीडिया पर वायरल करने के आरोप में पत्रकार सोनी कपूर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. दरअसल, पत्रकार सोनी कपूर की ओर से राष्ट्रपति के कानपुर दौरे के दूसरे दिन 28 जून को किए गए ट्वीट में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की तस्वीर के साथ आपत्तिजनक और जातिसूचक टिप्पणी की थी. अपने ट्वीट में सोनी कपूर ने कहा था कि 'वक्त बदल गया लेकिन गुलामी की मानसिकता आज भी नहीं बदली..गांव में दलितों को ठाकुर साहब के सामने ऐसे ही झुककर जाना होता है, सर्वोच्च पद पर बैठे आदमी को देख लो'.

दरअसल, बीते 27 जून को कानपुर दौरे के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने पैतृक गांव परौंख पहुंचते ही भावुक हो उठे थे. उस वक्त हेलिकॉप्टर से उतरते ही उन्होंने नीचे झुककर वहां की मिट्टी को अपने मस्तक से लगा लिया था. इसी तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए सोनी कपूर ने ट्विटर पर आपत्तिजनक पोस्ट किया था. इंस्पेक्टर आशियाना ने बताया कि लखनऊ में आशियाना क्षेत्र की रहने वाली श्रद्धा श्रीवास्तव ने उस मामले में थाने में सोनी कपूर के खिलाफ 153-ए, 153-बी के साथ आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया है.

गाजियाबाद में ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई

इसी तरह गाजियाबाद में एक मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई का वीडियो ट्विटर पर सामने आया था. जिसमें तमाम तरह की टिप्पणियों को लेकर गाजियाबाद पुलिस ने बीते 25 जून को नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. जिसमें खुद ट्विटर को भी आरोपी बनाया गया है. इसके बाद सोशल मीडिया यूजर्स में एक तरह का खौफ भी दिखने लगा है. इन मामलों के बाद अब लोग हर पोस्ट को बहुत सोच-समझकर डाल रहे हैं.

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अब तक 1,107 केस दर्ज कर चुकी है यूपी पुलिस

यूपी पुलिस एक साल के भीतर ऐसे 1,107 मुकदमे दर्ज कर चुकी है. यही नहीं कई मामलों में पोस्ट डालने वालों को गिरफ्तार करके जेल भी भेजा जा चुका है. एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार का कहना है कि सोशल प्लेटफार्म पर अभिव्यक्ति की आजादी उसी सीमा तक है, जहां तक आप किसी कानून का उल्लंघन नहीं करते हैं और दूसरे को आहत या नुकसान नहीं पहुंचाते हैं.

अपराध से ऐसे करें बचाव

स्मार्ट फोन चलाने वाले यूजर्स किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अपने मोबाइल में इंस्टॉल करते वक्त उस एप्लीकेशन को किसी अन्य एप्लीकेशन का डाटा साझा करने की अनुमति प्रदान नहीं करें. अगर आपने अपने सोशल मीडिया एप्लीकेशन को मोबाइल में इंस्टॉल अन्य एप्लीकेशन का डाटा साझा करने की अनुमति दी है तो इसे प्राइवेसी ऑप्शन में आकर फौरन ऑफ कर दें. जीपीएस आधारित एप्लीकेशन का संचालन जरूरत पड़ने पर ही करें एवं अन्य समय में जीपीएस को बंद रखें. एंड्रायड एप्लीकेशन पर कई तकनीकी कारणों से गोपनीयता भंग होने का खतरा रहता है. इनके इस्तेमाल में पूरी जानकारी का होना बेहद जरूरी है.

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