लखनऊः सीएम योगी और किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र तिवारी को धमकी भरे पत्र मिलने पर लखनऊ के आलमबाग थाने में केस दर्ज किया गया. लेकिन इस मामले में 24 घंटा बीतने के बाद भी पुलिस के हाथ अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है. भारतीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र तिवारी को धमकी भरे पत्र मिलने के बाद मामला सुर्खियों में आया था. फिलहाल पुलिस अभी तक इस मामले में किसी तरह के कोई ठोस कदम पर नहीं पाई है.
मुख्यमंत्री समेत किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष को धमकी भरे पत्र मिलने के मामले में जांच कर रहे अधिकारी अर्जुन राजपूत का कहना है कि जो पत्र मिला है और उसमें डाक द्वारा भेजे गए प्रेषक ने अपना नाम जो दर्शाया है वह मोहम्मद अजमल के रूप में है. लेकिन जो एड्रेस दर्शाया गया है कि वो पूरे तरीके से फेक है, क्योंकि देवबंद बरेली जो पता लिखा गया है उसमें दोनों ही पते अलग है. जबकि देवबंद सहारनपुर में पड़ता है और बरेली एक अलग जिला है. उसके साथ ही जो डाक भेजा गया है वह उन्नाव के डाक ऑफिस से निकला है. इसके आधार पर प्रतीत होता है कि पत्र भेजने वाला कोई शरारती तत्व है और उसने फेक नाम का स्तेमाल किया है.
फिलहाल इस मामले में अभी जांच की जा रही है, इसके साथ ही उन्नाव के जिस डाकघर से या डाक निकला है उसका सीसीटीवी भी खंगाला जा रहा है. इतना ही नहीं इस मामले में पुलिस सीडीआर खंगालेगी. जिसके बाद पुलिस आगे की कार्रवाई कर आरोपी को गिरफ्तार करेगी.
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ये था मामला
सोमवार को एक डाक के द्वारा धमकी भरा पत्र आया था. जिस पत्र में लिखा हुआ था मेरा नाम मोहम्मद अजमल है और देवेंद्र तू मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा. आज से तेरी उल्टी गिनती शुरू हो गई है. इसके साथ ही धमकी दी गई थी कि देवेंद्र तिवारी के द्वारा जो गौशाला और गौरक्षा के नाम पर लोगों को परेशान किया जा रहा है. उसका अंजाम बहुत बुरा होगा. अगर नहीं सुधरे तो तुम्हारा हश्र ऐसा करेंगे, जो किसी ने कभी किसी का नहीं किया होगा. पत्र में आगे लिखा था कि मुख्यमंत्री के पास सुरक्षा रहती है, नहीं तो उन्हें भी उड़ा दिया होता. देवेंद्र अगर तुम्हारे द्वारा गौशाला का सर्वे बंद नहीं किया तो अपना अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना.
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