लखनऊ: एलडीए से जुड़ी हजारों फाइलों के गायब होने के मामले की जांच पुलिस ने तेज कर दी है. एलडीए की तरफ से फाइलों को स्कैन करने की जिम्मेदारी जिस राइटर कंपनी को दी गई थी, उसके स्तर पर फाइलों का रखरखाव ठीक से नहीं किया गया. जिसके कारण हजारों की संख्या में फाइल गायब हो गईं.
एलडीए पहुंचकर पुलिस ने शुरू की जांच
अब पुलिस ने इस पूरे मामले में जांच शुरू कर दी है. इस मामले में पुलिस की एक टीम सोमवार को लखनऊ विकास प्राधिकरण के कार्यालय पहुंची. पुलिस ने प्राधिकरण और संबंधित कंपनी मेसर्स पीएन राइटर्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच हुए एग्रीमेंट रिकॉर्ड प्राप्त किए. इसके बाद एनआईसी के स्तर पर भी पूछताछ होनी है,जिससे फाइलों के रखरखाव में कंपनी की तरफ से बरती गई लापरवाही और गायब हुई फाइलों के संबंध में विस्तार से पूछताछ और कार्रवाई की जाएगी.
तहसीलदार ने दर्ज कराया था मुकदमा
तहसीलदार राजेश कुमार शुक्ला की तरफ से पिछले दिनों संबंधित कंपनी सर्च पीएन राइटर प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था. जिसके बाद अब पुलिस ने अपनी जांच तेज कर दी है. इसी क्रम में पुलिस की एक टीम आज लखनऊ विकास प्राधिकरण के कार्यालय पहुंची और तहसीलदार राजेश शुक्ला से एग्रीमेंट से संबंधित रिकॉर्ड लिए. इसके अलावा आगे फाइलों के गायब होने के मामले में पूछताछ की जानी है.
कंपनी को दी गई थीं डेढ़ लाख फाइलें
जानकारी के अनुसार, संबंधित कंपनी को एलडीए ने करीब डेढ़ लाख फाइलें स्कैन करने के लिए दिया था. स्कैन के बाद सभी फाइलें सुरक्षित तरीके से प्राधिकरण को वापस मिलनी थी, लेकिन प्राधिकरण को सिर्फ 49 हजार के करीब फाइलें ही वापस मिली हैं. बाकी फाइल कंपनी के स्तर पर गायब होने की बात सामने आ रही है. इसके साथ ही फाइलों की दुर्दशा भी हो चुकी है, जिसको लेकर विकास प्राधिकरण की तरफ से मुकदमा भी पंजीकृत कराया गया था और उसी को लेकर अब जांच प्रक्रिया तेज हो गई है.
फाइलों के गायब से होने से परेशान हैं आवंटी
लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि कंपनी के स्तर पर लगातार लापरवाही बरती गई है. आवंटियों की फाइलों के साथ खिलवाड़ किया गया है. इससे एलडीए के रिकॉर्ड गायब हो रहे हैं, ऐसे में आवंटी भी परेशान हैं उनके मूल रिकॉर्ड ना मिलने की वजह से काफी समस्याओं का सामना उन्हें करना पड़ रहा है. इसीलिए संबंधित कंपनी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई थी, उसको लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है.