लखनऊ: राजधानी के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) से फर्जी कोरोना रिपोर्ट दिखा कर अस्पताल में भर्ती होने का मामला सामने आया है, जिसके बाद एसजीपीजीआई प्रशासन ने मरीज, उसके तीमारदार और रिपोर्ट देने वाले अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.
देश में लगातार कोरोना वायरस महामारी की स्थिति भयावह होती जा रही है. ऐसे में राजधानी लखनऊ के एसजीपीजीआई अस्पताल से फर्जी कोरोना वायरस टेस्ट रिपोर्ट का मामला सामने आया है. गोंडा के रहने वाले एक व्यक्ति और उसके तीमारदार ने एसजीपीजीआई के एमआईसीयू में एडमिट होने के लिए अपनी कोरोना जांच की रिपोर्ट दी, जिसे क्रॉस चेक करने पर पाया गया कि मरीज और तीमारदार की रिपोर्ट फर्जी है.
पीजीआई के डॉक्टर ने जब मरीज और तीमारदार को उनकी कोरोना वायरस रिपोर्ट फर्जी होने की बात बताई तो वह अस्पताल से भाग निकले. जानकारी करने पर पता चला कि वह पीजीआई के ही पास में एक प्राइवेट गेस्ट हाउस में ठहरे हुए थे, जहां एक व्यक्ति ने उन्हें समय से पहले ही कोरोना जांच रिपोर्ट देने की बात कहकर पैसे ऐंठ लिए और नकली रिपोर्ट थमा दी.
मामले का खुलासा होते ही पीजीआई अस्पताल में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में एसजीपीजीआई प्रशासन ने पीजीआई कोतवाली में मरीज, उसके तीमारदार और अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.
ईटीवी भारत से बात करते हुए सिक्योरिटी चेयरमैन डॉक्टर एसपी अंबेश ने पीजीआई के किसी भी कर्मचारी की संलिप्तता से इनकार किया है. उनका कहना है कि पुलिस द्वारा जांच की जा रही है. जल्द ही मामले का खुलासा भी किया जाएगा.
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ईटीवी भारत भी लोगों से अपील करता है कि महामारी के समय में धैर्य रखें और सही व सर्टिफाइड लैब से ही अपनी जांच कराएं. किसी भी बहकावे में ना आएं.