लखनऊः पश्चिम बंगाल के रास्ते जाली नोट लाकर देश के विभिन्न हिस्सों में खपाने और देश की अर्थव्यवस्था पर चोट करने के आरोपियों सोहराब हुसैन और शरीफुल इस्लाम के खिलाफ एनआईए द्वारा दाखिल की गई दो अलग-अलग पूरक चार्जशीट पर कोर्ट ने संज्ञान लिया है.
एनआईए की विशेष न्यायाधीश कल्पना ने आरोपी शरीफुल इस्लाम के मामले में उसे अभियोजन प्रपत्रों की नकल देने के लिए 8 फरवरी को जेल से तलब किया है. जबकि आरोपी सोहराब हुसैन को 9 फरवरी को जेल से तलब किया है.
कोर्ट में सोहराब हुसैन के खिलाफ 10 जनवरी और शरीफुल इस्लाम के खिलाफ 13 जनवरी को पूरक चार्जशीट दाखिल की गयी थी. जिस पर सोमवार को सुनवाई हुई. एनआईए की ओर से विशेष अभियोजक एमके सिंह ने बताया कि वादी चैंपियन लाल ने एटीएस थाने में 26 नवंबर 2019 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि मुखबिर की सूचना पर एटीएस की टीम ने मालदा के कालियाचक से जाली नोट लाकर देश के विभिन्न हिस्सों में सप्लाई करने वाले गिरोह के सदस्यों नासिबा खातून, फूलचंद्र और अमीनुल इस्लाम को गिरफ्तार करके 2000 के 15 और 500 के 148 नोट समेत कुल 1 लाख 79 हजार के जाली नोट बरामद किये थे. इस मामले की विवेचना के दौरान ही मामला एनआईए को सौंप दिया गया था. जिसपर एनआईए ने 20 जनवरी 2020 को फिर से मामला दर्ज किया और विवेचना शुरू की.
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विवेचना के दौरान ही इस प्रकरण में मालदा के रहने वाले सोहराब हुसैन और शरीफुल की संलिप्तता पाई गई. जिस पर एनआईए ने आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था.