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जेल के अंदर पथराव का मामला : आरोपी मुख्तार अंसारी के विरुद्ध कोर्ट में दर्ज हुए 2 गवाहों के बयान

मुख्तार अंसारी के विरुद्ध 22 साल पुराने मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट में 2 गवाहों के बयान दर्ज किए गए. आरोप है कि मुख्तार अंसारी और उसके साथियों ने बंदी चांद बाबू और बंदी रक्षक वेद प्रकाश मिश्र के साथ मारपीट की थी.

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Published : May 19, 2022, 10:23 PM IST

लखनऊ : जेल के अंदर मारपीट, बलवा व पथराव करके अराजकता फैलाने के आरोप में मुख्तार अंसारी के विरुद्ध 22 साल पुराने मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट में 2 गवाहों के बयान दर्ज किए गए. यह कार्यवाही एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव की अदालत में हुई. कोर्ट ने शेष गवाही के लिए 30 मई की तिथि नियत की है.

कोर्ट में पहले मामले के पीड़ित चांद बाबू की गवाही दर्ज की गई, उसके बाद जेल के बंदी रक्षक वेद प्रकाश मिश्र की गवाही दर्ज की गई. इन गवाहों से बचाव पक्ष द्वारा जिरह पूरी कर ली गई है. कोर्ट ने अन्य गवाहों को तलब करने का आदेश दिया है. अदालती पत्रावली के अनुसार इस मामले की रिपोर्ट जिला जेल के तत्कालीन कारापाल एसएन द्विवेदी ने 3 अप्रैल 2000 को आलमबाग थाने में दर्ज कराई थी.

रिपोर्ट में कहा गया है कि 29 मार्च 2000 को जेल से पेशी से लौटे बंदियो को जेल के अंदर लिया जा रहा था. उसी दौरान बैरक में बंद मुख्तार अंसारी के साथी यूसुफ चिश्ती, आलम, कल्लू पंडित, लालजी यादव ने बंदी चांद को बुरी तरह से मारना शुरू कर दिया. चीख-पुकार की आवाज पर वादी और अन्य कर्मचारी चांद को बचाने गए, तो आरोपियों ने जेलकर्मियो पर हमला बोल दिया.

आरोपी जेलकर्मियों पर पथराव करने लगे और जान माल की धमकी देते हुए बैरक में भाग गए. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस घटना के बाद भी आरोपी पीड़ितों के परिवार को खत्म करने की धमकी देते रहे. इस मामले में विशेष अदालत ने सभी आरोपियों के विरुद्ध गत 28 मार्च को आरोप किया था. तय आरोप में विशेष अदालत ने अभियोजन साक्ष्य प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था.

इसे पढ़ें- श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामला : पुराने वादी सोहनलाल आर्य ने इन पांच बिंदुओं पर किया मंदिर होने का दावा

लखनऊ : जेल के अंदर मारपीट, बलवा व पथराव करके अराजकता फैलाने के आरोप में मुख्तार अंसारी के विरुद्ध 22 साल पुराने मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट में 2 गवाहों के बयान दर्ज किए गए. यह कार्यवाही एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव की अदालत में हुई. कोर्ट ने शेष गवाही के लिए 30 मई की तिथि नियत की है.

कोर्ट में पहले मामले के पीड़ित चांद बाबू की गवाही दर्ज की गई, उसके बाद जेल के बंदी रक्षक वेद प्रकाश मिश्र की गवाही दर्ज की गई. इन गवाहों से बचाव पक्ष द्वारा जिरह पूरी कर ली गई है. कोर्ट ने अन्य गवाहों को तलब करने का आदेश दिया है. अदालती पत्रावली के अनुसार इस मामले की रिपोर्ट जिला जेल के तत्कालीन कारापाल एसएन द्विवेदी ने 3 अप्रैल 2000 को आलमबाग थाने में दर्ज कराई थी.

रिपोर्ट में कहा गया है कि 29 मार्च 2000 को जेल से पेशी से लौटे बंदियो को जेल के अंदर लिया जा रहा था. उसी दौरान बैरक में बंद मुख्तार अंसारी के साथी यूसुफ चिश्ती, आलम, कल्लू पंडित, लालजी यादव ने बंदी चांद को बुरी तरह से मारना शुरू कर दिया. चीख-पुकार की आवाज पर वादी और अन्य कर्मचारी चांद को बचाने गए, तो आरोपियों ने जेलकर्मियो पर हमला बोल दिया.

आरोपी जेलकर्मियों पर पथराव करने लगे और जान माल की धमकी देते हुए बैरक में भाग गए. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस घटना के बाद भी आरोपी पीड़ितों के परिवार को खत्म करने की धमकी देते रहे. इस मामले में विशेष अदालत ने सभी आरोपियों के विरुद्ध गत 28 मार्च को आरोप किया था. तय आरोप में विशेष अदालत ने अभियोजन साक्ष्य प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था.

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