लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी में बुधवार सुबह हजरतगंज कोतवाली में विवादित पोस्टर लगाने के मामले में सपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. दरअसल दारुल सफा के विधायक निवास की दीवारों पर समाजवादी छात्र सभा के नेता विकास यादव द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विवादित पोस्टर लगाया था. इसके बाद पुलिस द्वारा यह कार्रवाई की गई है.
विधायक निवास की दीवारों पर चिपके पोस्टर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ब्राह्मण के ऊपर फरसा ताने खड़े दिखाई दे रहे हैं जबकि अखिलेश यादव को मुकुट पहने बचाने वाला दर्शाया गया था. इस पोस्टर में भगवान परशुराम का चित्र भी बना था. इससे पहले भी राजधानी के कई इलाकों में विवादित पोस्टर लगाए जा चुके हैं. इस पोस्टर में किनारे पर कार्टून बनाया गया था, इसमें सफेद कोट पहने व्यक्ति मरीज का इलाज कर रहा है और ऑक्सीजन सिलेंडर के रूप में सीएम योगी की तस्वीर लगाई गई थी. इसके ऊपर कोविड की आड़ में धन उगाही का स्लोगन भी लिखा था. यही नहीं फरसा लिए योगी के पीछे उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य और जेपी नड्डा की तस्वीर भी लगाई गई थी.
हालांकि कुछ देर बाद पुलिस ने सभी पोस्टरों को हटवा दिया. इसके बाद इस पूरे मामले पर हजरतगंज कोतवाली के चौकी इंचार्ज कृष्णकांत की तहरीर पर समाजवादी छात्र सभा के प्रदेश सचिव विकास यादव के ऊपर हजरतगंत कोतवाली में 153(a),153(b),505(a),505(2),धारा 3 महामारी अधिनियम, और 54 आपदा प्रबंधन नियम के तहत मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है. पुलिस इस पूरे मामले पर जांच में जुट गई है.
लखनऊ: विवादित पोस्टर मामले में समाजवादी छात्र सभा के प्रदेश सचिव पर मुकदमा दर्ज - विवादित पोस्टर लगाने का मामला
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विवादित पोस्टर लगाए गए थे. इस मामले में समाजवादी छात्र सभा के प्रदेश सचिव विकास यादव के ऊपर हजरतगंज कोतवाली में सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया. इस पूरे मामले में पुलिस जांच कर रही है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी में बुधवार सुबह हजरतगंज कोतवाली में विवादित पोस्टर लगाने के मामले में सपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. दरअसल दारुल सफा के विधायक निवास की दीवारों पर समाजवादी छात्र सभा के नेता विकास यादव द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विवादित पोस्टर लगाया था. इसके बाद पुलिस द्वारा यह कार्रवाई की गई है.
विधायक निवास की दीवारों पर चिपके पोस्टर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ब्राह्मण के ऊपर फरसा ताने खड़े दिखाई दे रहे हैं जबकि अखिलेश यादव को मुकुट पहने बचाने वाला दर्शाया गया था. इस पोस्टर में भगवान परशुराम का चित्र भी बना था. इससे पहले भी राजधानी के कई इलाकों में विवादित पोस्टर लगाए जा चुके हैं. इस पोस्टर में किनारे पर कार्टून बनाया गया था, इसमें सफेद कोट पहने व्यक्ति मरीज का इलाज कर रहा है और ऑक्सीजन सिलेंडर के रूप में सीएम योगी की तस्वीर लगाई गई थी. इसके ऊपर कोविड की आड़ में धन उगाही का स्लोगन भी लिखा था. यही नहीं फरसा लिए योगी के पीछे उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य और जेपी नड्डा की तस्वीर भी लगाई गई थी.
हालांकि कुछ देर बाद पुलिस ने सभी पोस्टरों को हटवा दिया. इसके बाद इस पूरे मामले पर हजरतगंज कोतवाली के चौकी इंचार्ज कृष्णकांत की तहरीर पर समाजवादी छात्र सभा के प्रदेश सचिव विकास यादव के ऊपर हजरतगंत कोतवाली में 153(a),153(b),505(a),505(2),धारा 3 महामारी अधिनियम, और 54 आपदा प्रबंधन नियम के तहत मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है. पुलिस इस पूरे मामले पर जांच में जुट गई है.