लखनऊ : राजधानी के मोहनलालगंज कोतवाली में दो दरोगाओं के खिलाफ मोहनलालगंज पुलिस (Mohanlalganj Kotwali in lucknow) ने गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. आरोप के मुताबिक, दोनों ही पुलिसकर्मियों ने सड़क हादसे के बाद अधिवक्ताओं की पिटाई कर दी थी. अधिवक्ताओं ने सीजेएम कोर्ट में इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए अर्जी भी दी थी, हालांकि इससे पहले पुलिस ने दोनों अधिवक्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. अधिवक्ता सोमवार से हड़ताल पर हैं और बुधवार को राजधानी समेत सभी तहसीलों में पुलिस का पुतला फुंका जाना था, उससे पहले ही पुलिस ने देर रात दोनों पुलिसकर्मियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर ली है.
दरअसल, मामला लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के मोहनलालगंज कोतवाली (Mohanlalganj Kotwali in lucknow) क्षेत्र के कस्बे में हुए बीते 30 दिसंबर को एक सड़क हादसे से जुड़ा हुआ है. अधिवक्ता अश्वनी सिंह और अरुण ओझा रायबरेली की ओर से लखनऊ की तरफ जा रहे थे. इसी दौरान कस्बे में अधिवक्ताओं की कार स्वास्थ्य कर्मियों की बाइक से टकरा गई थी, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हुआ था. मौके पर पहुंची पुलिस ने अधिवक्ताओं को हिरासत में ले लिया था.
पुलिस के मुताबिक, अधिवक्ता शराब के नशे में गाड़ी चला रहे थे. पीड़ित स्वास्थ कर्मी ने दोनों ही अधिवक्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. जिसके बाद 31 दिसंबर की सुबह मामले की जानकारी मोहनलालगंज बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं को हुई थी. मोहनलालगंज बार एसोसिएशन के पदाधिकारी भारी संख्या में मोहनलालगंज कोतवाली पहुंचे थे और अधिवक्ताओं को छोड़ने का दबाव बनाने लगे थे. पुलिस ने इनकार किया तो अधिवक्ता कोतवाली के बाहर नेशनल हाईवे पर बैठ गए थे. नेशनल हाईवे तकरीबन 9 घंटे तक जाम रहा था. नाराज अधिवक्ता ने पुलिस पर मारपीट करने का आरोप लगाया था और पुलिस के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की जिद पर अड़ गए थे. नेशनल हाईवे जाम करने के आरोप में पुलिस ने देर रात 300 अज्ञात अधिवक्ताओं के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज कर लिया था. पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज किए जाने से अधिवक्ता आक्रोशित हो गए थे. अधिवक्ताओं ने बीते शनिवार को मोहनलालगंज बार भवन में बैठक कर तीन दिनों तक कार्य बहिष्कार किए जाने का ऐलान किया था, जिसके बाद बुधवार को स्वास्थ्य भवन चौराहे पर पुलिस प्रशासन का पुतला फूंकने की भी घोषणा की गई थी. अधिवक्ताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमे का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है, जिसमें सुनवाई की अगली तारीख 17 जनवरी नियत की गई है. अधिवक्ताओं ने इंस्पेक्टर मोहनलालगंज कुलदीप दुबे समेत पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए सीजेएम कोर्ट में अर्जी दी थी. सीजेएम कोर्ट ने रिपोर्ट मोहनलालगंज कोतवाली से तलब की थी, लेकिन बीती देर रात मोहनलालगंज पुलिस ने अधिवक्ताओं की तहरीर पर दरोगा राजकुमार और विजय कुमार सरोज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.
इंस्पेक्टर मोहनलालगंज कुलदीप दुबे के मुताबिक, अधिवक्ता की तहरीर पर मोहनलालगंज कोतवाली में तैनात दो दरोगा राजकुमार व वीके सरोज के विरुद्ध आईपीसी दर्ज की गई है. पीड़ित अधिवक्ता अश्वनी कुमार सिंह राठौर व अधिवक्ता अरुण कुमार ओझा की तहरीर पर 30 दिसंबर की घटना को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है.
यह भी पढ़ें : लखीमपुर खीरी हिंसा, आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज