लखनऊ: राजधानी में कोविड मरीजों से लगातार वसूली के चलते निजी अस्पतालों पर कार्रवाई हो रही है, जबकि जिला प्रशासन द्वारा कोविड मरीजों से इलाज की दर को पहले ही तय किया गया है. वहीं, यह भी कहा गया है कि अगर कोई भी अस्पताल तय रकम से ज्यादा वसूली करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसके बावजूद कोविड प्रभारी अधिकारी रोशन जैकब को लखनऊ के तीन अस्पतालों की शिकायत मिली, जिन्होंने मरीजों से अधिक वसूली की थी. जांच कराने पर मामला सही पाया गया. इन अस्पतालों में गोमतीनगर का मेट्रो सिटी अस्पताल, आशी हॉस्पिटल और पीजीआई के पास साईं लाइफ अस्पताल पर अब मुकदमा दर्ज करने के आदेश हुए हैं. इन अस्पतालों ने कोविड इलाज के नाम पर वसूली की है.
मरीजों से वसूली पर तीन निजी अस्पतालों पर मुकदमा दर्ज
राजधानी के तीन निजी अस्पतालों के खिलाफ मरीजों से अधिक वसूली करने पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश हुए हैं. यह निजी अस्पताल के खिलाफ कोविड मरीजों से निर्धारित दर से अधिक रकम की वसूली करने के आरोप में दोषी पाए गए हैं. अब इनके खिलाफ कोविड प्रभारी अधिकारी डॉ. रोशन जैकब के आदेश के बाद मुकदमा दर्ज करने के आदेश हुए हैं. वहीं, स्वास्थ्य विभाग की तरफ से तीनों थानाध्यक्ष के खिलाफ अस्पताल पर उत्तर प्रदेश महामारी कोविड-19 अधिनियम के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.
कौन-कौन है वसूली के दोषी अस्पताल
1-मेट्रो सिटी अस्पताल
गोमती नगर स्थित मेट्रो सिटी अस्पताल के खिलाफ कोविड-प्रभारी अधिकारी से शिकायत हुई. शिकायतकर्ता ने इलाज का बिल भी उपलब्ध नहीं कराया गया था. वहीं, कच्ची पर्चियों और ऑफलाइन व नगद भुगतान कराया गया. इसके साथ ही पीपी किट्स, ग्लव्स की खरीद भी मरीज से कराई गई. शिकायत के बाद अस्पताल की जांच कराई गई, जिसमें आरोप सही पाए गए.
2- आशी हॉस्पिटल
सरोजनी नगर स्थित अस्पताल के खिलाफ कोविड प्रभारी अधिकारी डॉ. रोशन जैकब से शिकायतकर्ता ने अधिक वसूली की शिकायत की. शिकायकर्ता ने बताया कि आशी अस्पताल नॉन कोविड हॉस्पिटल है. वहीं उनके मरीज में कोविड के लक्षण पूरी तरह से स्पष्ट थे, लेकिन बिना जांच कराएं इलाज किया गया और फिर मरीज का निधन भी हो गया. वहीं भुगतान कीमत में 6 लाख 60 हजार लिया गया, जिसमें हॉस्पिटल द्वारा प्रस्तुत बिल में मरीज से केवल 3 लाख 93 हजार 904 प्राप्त किया हुआ दिखाया गया.
3- साई लाइफ हॉस्पिटल
डॉ. रोशन जैकब को पीजीआई रोड स्थित साईं लाइफ अस्पताल के खिलाफ शिकायत प्राप्त हुई. इसके बाद जांच कराई गई तो पाया गया कि अस्पताल में केवल एक बीएएमएस डॉक्टर मौजूद है, जिसका नाम आईसीयू प्रभारी के रूप में दर्ज है. वहीं, अस्पताल की लिस्ट में 9 नर्सिंग स्टॉफ हैं, लेकिन निरीक्षण में केवल एक को पाया गया. वहीं 1 अप्रैल से 20 मई तक 58 कोविड मरीज भर्ती हुए, जिसमें 13 की मौत हुई. वहीं अस्पताल में भर्ती मरीज से जब फोन पर बात की गई, तो बताया कि प्रतिदिन अस्पताल के द्वारा 50 हजार जमा कराए जाते थे, जिसका कोई बिल नहीं दिया गया.
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